क्या आप भी गर्मियों में डल स्किन से परेशान हैं?

मौसम चाहे कोई भी हो लेकिन हर लड़की चाहती है कि वह हमेशा चमकती-दमकती और फ्रैश दिखें। लेकिन गर्मियों के मौसम में इसे बरकरार रखना थोड़ा सा मुश्किल हो जाता है।लेकिन आज हम आपको बताएंगे हैं कि आप कैसे खुद को हमेशा खिलाखिला रख सकती हैं।

अबॉर्शन कराना मतलब डिप्रेशन को न्यौता देना

अबॉर्शन के बाद डिप्रेशन होना शायद यह बात आपको थोड़ा अजीब जरूर लगे। लेकिन सच यह है कि अबॉर्शन और डिप्रेशन का बहुत गहरा संबंध है। अॅर्बाशन कराने के बाद अधिकतर महिलाएं डिप्रेशन और...

अस्थमा के मरीज हैं तो बारिश से रहे सावधान, जानिए क्यों?

मानसून आने में अब ज्यादा वक्त नहीं रह गया है। लेकिन इस मानसून की शुरुआती बारिश में भीगना अस्थमा के मरीजों के लिए अभिश्राप साबित हो सकता है। ऐसे मौसम में अस्थमा के मरीज इन उपायों को अपनाकर स्वस्थ रह सकते हैं।

देश का भविष्य खराब कर रहा है फास्ट फूड

आज के समय की भागदौड़ भरी जिंदगी में फास्ट फूड को लोगों की पहली पसंद कहें या मजबूरी, दोनों ही स्थितियों में यह जानलेवा है। आप यह जानकर हैरान होंगे कि फास्ट फूड हमारे देश का 'भविष्य' खराब कर रहा है।

बालों को लेकर कहीं आप भी तो नहीं कर रहे ये 5 गलतियां?

आज के समय में हर कोई बालों के झड़ने और रफ होने जैसी समस्या से परेशान रहते हैं। लेकिन अगर हकीकत देखी जाए तो अपनी इस समस्या के लिए कहीं ना कहीं हम खुद ही जिम्मेदार होते हैं।

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Tuesday, July 12, 2016

इस तरह आपको घेर सकता है ये 'जानलेवा मानसून'


इन दिनों चल रहे मानसून के मौसम में जहां एक ओर हमें चिल्लाती गर्मी से राहत मिल रही है वहीं दूसरी ओर यही मानसून कई मायनों में जानलेवा भी साबित हो सकता है। आप खुद अपने आसपास के वातावरण में देख सकते हैं कि मौसम बदलने के चलते लोग किस तरह बिमारियों से घिरे हुए हैं। देखा जाए तो इस स्थिति के जिम्मेदार कहीं ना कहीं हम लोग खुद ही हैं।

हालांकि आप लोगों का ज्यादा घबराने की जरूरत नहीं है। मानसून के मौसम में हम लोगों को सिर्फ दो चीजों पर ध्यान देने की जरूरत है और वह है हमारा खानपान और साफ सफाई। अगर इन दोनों चीजों का चयन कोई गंभीरता के साथ करें तो हम दावे के साथ कह सकते हैं कि मानसून उसका कुछ नहीं बिगाड़ पाएगा। वहीं अगर इन दोनों को नजरअंदाज किया गया तो व्यक्ति निम्मलिखित ​बिमारियों से जूूझ सकता है।


1.) मानसून के मौसम में सबसे ज्यादा वायरल बुखार होता है। इसलिए गर्मी के बाद एकदम ना तो एसी (Air conditioner) के सामने बैठें और ना ही जल्दी से ठंडी चीजें खाएं। इससे बुखार होने की संभावना ज्यादा रहती है।

2.) बारिश के मौसम में जगह-जगह जलभराव रहता है। जिसके चलते मच्छरों का आतंक बढ़ जाता है। बारिश के पानी में सबसे ज्यादा प्रोटोजोआ एनोफिलेज मादा पनपता है। जिससे मलेरिया होने का खतरा रहता है। यह बीमारी एक व्यक्ति से दूसरे में फैलती है। इसलिए सफाई रखें और सतर्क रहें।

3.) बरसात के मौसम में हैजा काफी तेजी से फैलता है। इसलिए बासी खाना और गंदे पानी को पूरी तरह से नजरअंदाज करें। ताजा खाना खाएं और पानी का उबाल कर या फिल्टर कर के पीएं। हैजा इसलिए भी ज्यादा खतरनाक है क्योंकि इसमें लगातार उल्टियां और दस्त होते हैं।

4.) मानसून के मौसम में टाइफाइड होने की काफी संभावना रहती है। यह साल्मोनेला इंटेरिका नामक बैक्टीरिया यानी जीवाणु से फैलता है। इस बीमारी में बुखार का कम-तेज होना लगा रहता है। टाइफाइड नामक बीमारी अगर अपनी चरम पर पहुंच जाए तो शरीर के सारे खून को पानी में बदल देती है।

5.) इस जानलेवा मानसून में त्वचा में एलर्जी होने का रोग भी काफी फैलता है। जिससे कई बार चेहरे सहित पूरे शरीर में दाग-धब्बे रह जाते हैं। इसलिए सावधान रहें।

मानसून के मौसम में इन घरेलू उपायों से रहें स्वस्थ


तपती गर्मी के बाद मानसून की मस्ती भरी बारिश हर किसी के चेहरे पर खुशी और एक अजीब सा उत्साह ला देती है। बच्चों से लेकर बड़े तक बारिश के मौसम में सब कुछ भूल मानो खुद के साथ हमजोली खेलते हैं। लेकिन हम अपनी मस्ती में यह भूल जाते हैं कि यह मीठी-मीठी बारिश अपने साथ कई तरह की बीमारियां भी लेकर आई है। जिसकी गिरफ्त में आना कई बार बहुत महंगा सौदा भी साबित हो जाता है। ऐसे में बहुत जरूरी हो जाता है कि मानसून के मौसम में हम अपनी सेहत और खानपान पर विशेष ध्यान दें। तो आइए जानते हैं मानसून के मौसम में होने वाली बिमारियों से हम किस तरह घरेलू नुस्खों से आराम पा सकते हैं।

हाथों को अच्छी तरह से धोएं
मानसून के मौसम में बीमारियां घात लगाएं बैठी रहती है। जिसके चलते जरा सी लापरवाही बरतने पर हम उनकी चपेट में आ सकते  हैं। ऐसे मौसम में सर्दी जुकाम, वायरल, दस्त, टाइफाइड, पीलिया, डेंगू, फूड प्वॉइजनिंग और एलर्जी जैसी ​बिमारियों का होना आम बात है। इसलिए ऐसे मौसम ये जरूरी है कि आप थोड़ी-थोड़ी देर में हाथ-पैरों को साफ पानी से धोएं। खासतौर से खाना खाने से पहले और फिर बाद में।


शरीर में दर्द
बारिश में भीग जाने पर या फिर गीले कपड़े पहने रहने पर शरीर में दर्द की बहुत शिकायतें रहती हैं। जिन्हें कभी हम दवाओं से दूर करते हैं तो कभी झाड़ फूंक करवाते हैं। हालांकि इनके अलावा मार्किट में Dr.G का सूजीज़ स्प्रे मौजूद है। जिसके थोड़े से छिड़काव से आप पलभर में दर्द से आराम पा सकते हैं।

बासी खाने से परहेज करें
आजकल कोशिश करें कि बासी खाना ना खाएं। क्योंकि बासी खाने का सेवन करने से आप दस्त और इंफेक्शन की चपेट में आ सकते हैं। साथ ही बासी खाना हमारे पेट में फंगस बनाता है। जिससे हमारे पाचनतंत्र में दिक्कत आती है। ध्यान रखें कि आप जब भी किचन में जाएं तो चॉपिंग बोर्ड को अच्छी तरह से धोएं। जितना हो सके पानी पीएं और साफ फल खाएं।


फास्ट फूड को कहें 'नो'
फास्ट फूड यानि कि आजकल के मौसम मे चलती फिरती ​बीमारी से कम नहीं है। फास्ट फूड में अक्सर हम मक्खी-मच्छर को बैठा हुआ देखते हैं। लेकिन अपनी जीब के दबाव में आकर हम उन्हें नजरअंदाज कर देते हैं। जितना हो सके फास्ट फूड को ना खाएं। जरा सी लापरवाही टाइफाइड जैसी जानलेवा बीमारी को भी न्यौता दे सकती है।

घर में सफाई रखें
मानसून के मौसम में बारिश की कोई दिशा नहीं होती है। वह किसी भी दिशा में बरस सकती है। जिसके चलते अक्सर देखा जाता है कि मानसून के मौसम में घर और घर के बाहर पानी का जमाव रहता है। ऐसे में समय-समय पर अपने घर और घर के बाहर कीटनाशक दवाओं का इस्तेमाल करें। मक्खी-मच्छर को बिल्कुल भी आसपास भटकने ना दें। पोछा लगाते वक्त फिनाइल का प्रयोग करें


जितना हो सके पानी पीएं 
मानसून के मौसम में किसी भी कीमत पर पानी के साथ कोई समझौता ना करें। जितना हो सके समय-समय पर पानी पीते रहें। जिन लोगों के इलाके में साफ पानी नहीं आता है वह पानी को उबाल पर उसे ठंडा कर के पीएं। गंदे पानी के सेवन से अक्सर पीलिया और टाइफाइड की बिमारियां होती हैं।

Tuesday, July 5, 2016

देश का 'भविष्य' खराब कर रहा है फास्ट फूड

आज के समय की भागदौड़ भरी जिंदगी में फास्ट फूड को लोगों की पहली पसंद कहें या मजबूरी, दोनों ही स्थितियों में यह जानलेवा है। आजकल अभिभावक खासतौर से बच्चों को स्कूल भेजते वक्त समय की कमी को आड़ बनाते हुए उन्हें फास्ट फूड देकर चलता कर देते हैं। जबकि परिजनों की इस लापरवाही का अंजाम बच्चें भुगतते हैं। आज स्थिति यह हो गई हो है कि हमारे देश में 5 साल की छोटी उम्र से ही बच्चों के पाचन तंत्र में दिक्कतें आने लगी हैं। जो उम्र बढ़ने के साथ लगातार बढ़ती जा रही है। ऐसे में खराब डाइट के चलते 20 साल की उम्र तक आते-आते बच्चों का पाचन तंत्र पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो रहा हैं।


देश के प्रतिष्ठित अस्पताल एम्स द्वारा कराए गए सर्वे में पता चला है कि 6 से 17 साल तक की उम्र के बच्चें कई तरह से रोगी हैं। सरकारी स्कूल के बच्चों की अपेक्षा प्राईवेट स्कूल के बच्चों को फास्ट फूड की ज्यादा लत होती है। सर्वे के मुताबिक प्राईवेट स्कूलों में पड़ने वाले 35 फीसदी बच्चें बिमारियां से पीड़ित हैं। केरल के कोच्चि शहर में सीबीएसई बोर्ड के 6 से 17 साल की उम्र के 7,202 बच्चें ऐसे हैं जिन्हें काफी गंभीर बिमारियां हैं। सर्वे बताता है कि शहरी इलाकों में 6 फीसदी छात्र मोटापे के शिकार हैं, 12 फीसदी ओवरवेट हैं और 17.2 फीसदी अंडरवेट हैं। यह सर्वे वर्ष 2015 का है।


जब इन 7,202 बच्चों में से 4,799 बच्चों का ब्लड प्रेसर लेवल चेक किया गया तो बेहद चौंकाने वाले परिणाम सामने आए। 7,202 बच्चों में से 15.1 फीसदी बच्चे ऐसे हैं जिनका ब्लड प्रेसर हाई है। जबकि 15.1 फीसदी बच्चें ऐसे हैं जो हाई ब्ल्डप्रेसर की कगार पर हैं। वहीं, एम्स द्वारा 2005 में किए सर्वे में हर कक्षा में सिर्फ 2 छात्र मोटे और 6 छात्र ओवरवेट पाए गए थे। जबकि बीते 10 सालों में आज यह संख्या दोगुनी हो गई है।

इन बिमारियों से पीड़ित हैं बच्चें

आजकल 10 साल से 18 साल के बीच कई बच्चें ऐसे हैं जिन्हें माइग्रेन, पथरी, हाई ब्लड प्रेशर, लो ब्लड प्रेशर, शुगर, सिर दर्द, पेट दर्द, आखें कमजोर जैसी गंभीर बिमारियां हैं। इतना ही नहीं ज्यादा आॅयली और मिर्च मसाला खाने के चलते बच्चें बवासीर जैसी खतरनाक बिमारी से भी पीड़ित हैं।



क्या कहते हैं एक्सपर्ट ?


हेल्थ एक्सपर्टों का कहना है कि सिर्फ पौष्टिक आहार के अभाव के चलते आज बच्चों की यह दुर्दशा हो रही है। आजकल परिजन फास्ट फूड को बच्चों की पसंद मानकर और उनकी पलभर की खुशी के लिए उन्हें फास्ट फूड के दलदल में धकेल देते हैं। जब बच्चा फास्ट फूड का सेवन अधिक करने लगता है तो उसे घर का खाना फीका और बेस्वाद लगने लगता है। जबकि 18 साल की उम्र तक बच्चों को फास्ट फूड के बजाय ज्यादा से ज्यादा प्रोटीन, विटामिन और अच्छी डाइट की जरूरत होती है।



क्या होती है अच्छी डाइट ?

एक्सपर्टों कहते हैं बच्चों के दैनिक आहार में रोटी, 2 टाइम दाल, हरी सब्जियां 2 ग्लास दूध, 1 कटोरी दही, सलाद,  मौसमी फल, स्प्राउट्स, जूस होना अनिवार्य है। एक्सपर्ट यह भी कहते हैं कि बच्चों का भविष्य स्वस्थ और उज्जवल बनाने के लिए हमें बच्चों का मन फास्ट फूड से हटाना चाहिए और उन्हें हेल्थी चीजों की ओर आकर्षित करना चाहिए।