क्या आप भी गर्मियों में डल स्किन से परेशान हैं?

मौसम चाहे कोई भी हो लेकिन हर लड़की चाहती है कि वह हमेशा चमकती-दमकती और फ्रैश दिखें। लेकिन गर्मियों के मौसम में इसे बरकरार रखना थोड़ा सा मुश्किल हो जाता है।लेकिन आज हम आपको बताएंगे हैं कि आप कैसे खुद को हमेशा खिलाखिला रख सकती हैं।

अबॉर्शन कराना मतलब डिप्रेशन को न्यौता देना

अबॉर्शन के बाद डिप्रेशन होना शायद यह बात आपको थोड़ा अजीब जरूर लगे। लेकिन सच यह है कि अबॉर्शन और डिप्रेशन का बहुत गहरा संबंध है। अॅर्बाशन कराने के बाद अधिकतर महिलाएं डिप्रेशन और...

अस्थमा के मरीज हैं तो बारिश से रहे सावधान, जानिए क्यों?

मानसून आने में अब ज्यादा वक्त नहीं रह गया है। लेकिन इस मानसून की शुरुआती बारिश में भीगना अस्थमा के मरीजों के लिए अभिश्राप साबित हो सकता है। ऐसे मौसम में अस्थमा के मरीज इन उपायों को अपनाकर स्वस्थ रह सकते हैं।

देश का भविष्य खराब कर रहा है फास्ट फूड

आज के समय की भागदौड़ भरी जिंदगी में फास्ट फूड को लोगों की पहली पसंद कहें या मजबूरी, दोनों ही स्थितियों में यह जानलेवा है। आप यह जानकर हैरान होंगे कि फास्ट फूड हमारे देश का 'भविष्य' खराब कर रहा है।

बालों को लेकर कहीं आप भी तो नहीं कर रहे ये 5 गलतियां?

आज के समय में हर कोई बालों के झड़ने और रफ होने जैसी समस्या से परेशान रहते हैं। लेकिन अगर हकीकत देखी जाए तो अपनी इस समस्या के लिए कहीं ना कहीं हम खुद ही जिम्मेदार होते हैं।

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Wednesday, July 27, 2016

प्रोटीओमेगा से चुटकी भर में दूर होता है सिर दर्द


मौजूदा समय में चाहे बुजुर्ग हो या युवा हर कोई अपने अनियमित खानपान के चलते सिर दर्द जैसे भयानक रोग से रात-दिन जूझता है। सिर दर्द ऐसा रोग है जो दिखता तो मामूली है लेकिन इसका पीड़ित ही जानता है कि उसके लिए एक-एक पल काटना कितना मुश्किल होता है। जब सिर दर्द अपनी सीमा पार कर देता तो यह माइग्रेन और डिप्रेशन का रूप लेकर जानलेवा साबित भी हो जाता है। अक्सर सिर दर्द प्रोटीन की कमी और दूषित खानपान के चलते शरीर में होने वाली कमजोर से होता है। इसलिए अगर हम अपने आहार में प्रोटीन को शामिल करें तो हम सिर दर्द को जड़ से खत्म कर सकते हैं।


प्रोटीन मतलब प्रोटीओमेगा
Dr.G wellness का प्रोटीओमेगा ऐसा सप्लीमेंट है जिसमें प्रोटीन, आमेगा-3, ओमेगा-6 के साथ कई ऐसे प्राकृषिक पोषक तत्वों का मिश्रण है जो सिर दर्द जैसी घातक बीमारी पर लगाम कसने के लिए सबसे अच्छा विकल्प है। इस सप्लीमेंट में प्रोटीन और ओमेगा भारी मात्रा में पर्याप्त है, जिसका सेवन करना आजकल के भागदौड़ और व्यस्त जीवन में सबके लिए जरूरी है। इसे पानी, दूध, शेक्स या फिर किसी भी तरलीय पदार्थ के साथ स्मूथी के तौर पर लिया जा सकता है।

Tuesday, July 26, 2016

मानसून में बढ़ती है कमजोरी, ऐसे बढ़ाएं ताकत-रहें स्वस्थ


मानसून आने पर हमें तपती गर्मी से राहत तो जरूरी मिलती है, लेकिन क्या आप ये जानते हैं कि मानसून अपने पीछे-पीछे कई तरह की बीमारियां भी साथ लाता है। अक्सर देखा जाता है कि मानसून के मौसम में लोगों में आलस्य आ जाता है यानि कि हमारा इम्यून सिस्टम अपेक्षाकृत थोड़ा शिथिल हो जाता है और हम अपने खानपान को लेकर लापरवाही बरतने लगते हैं। जिसका खामियाजा हमें गंभीर बीमारियों की गिरफ्त में आकर भुगतना पड़ता है।

प्रोटीन मतलब प्रोटीओमेगा
मौसम चाहे कोई भी हो लेकिन शरीर को हर स्थिति में प्रोटीन की जरूरत होती है। क्योंकि शरीर यह नहीं जानता कि मानसून चल रहा है या सर्दी-गर्मी। वैसे तो हमारे सामने प्रोटीन ग्रहण करने के कई विकल्प होते हैं लेकिन समय की कमी के चलते हम लोग उनका सेवन करने में असमर्थ हो जाते हैं।

लेकिन अब आपको प्रोटीन कब और कैसे ले ये सोचने की जरूरत है। क्योंकि हम आपको प्राकृतिक पोषक तत्वों से बना ऐसा सप्लीमेंट बता रहे हैं जिसमें प्रोटीन कूट-कूटकर भरा हुआ है। जी हां, Dr.G wellness का प्रोटीओमेगा सप्लीमेंट ऐसे प्राकृतिक पोषक तत्वों से बना हुआ है जिसका नियमित सेवन करने से आप बारहों मास स्वस्थ रह सकते हैं।

ऐसा इसलिए क्योंकि प्रोटीओमेगा प्रोटीन और ओमेगा-3,6 के साथ ही कई ऐसे पोषक तत्वों से बना हुआ है जिनकी हमारे शरीर को हर स्थिति में जरूरत होती है। प्रोटीओमेगा को पानी, दूध या फिर किसी भी शेक्स के साथ लेने से सभी समस्याओं का निपटारा होता है।

Saturday, July 16, 2016

सावधान! युवाओं समेत 99% लोग हैं इस ​बीमारी के शिकार

नकारात्मकता मानव प्रकृति के लिए एक ऐसा अभिश्राप है जिसका दामन अगर वो एक बार थाम लें तो ना चाहते हुए भी कभी जीवन में आगे नहीं बढ़ पाता है। यह भी सच है कि जब भी कोई व्यक्ति कुछ नकारात्मक सोचता है तो उसकी चेतना शक्ति को यह आभास होता है कि यह गलत है। बावजूद इसके नकारात्मक विचार मानव प्राणी पर हावी होते हैं। ऐसे व्यक्ति हर अच्छे काम में कुछ ना कुछ कमियां निकालने की कोशिश करते हैं। जिसके चलते एक ऐसी स्टेज आती है जब वह व्यक्ति कई तरह के रोगों से घिर जाता है।

क्यों आते हैं नकारात्मक विचार ?
आज के समय में इतनी प्रतिस्पर्धा हो गई है कि हर व्यक्ति खुद को श्रेष्ठ साबित करना चाहता है। खासतौर से युवा वर्ग। लेकिन जब तमाम जद्दोजहद के बावजूद ऐसा नहीं हो पाता तो वह सामने वाले से ईर्ष्या करने लगता है और यही से उसके जहन में नकारात्मक विचारों का उदय होता है।

जब नकारात्मक विचारों से व्यक्ति का मानसिक घड़ा भर जाता है तो वह कई तरह की बुरी चीजों से घिर जाता है। जैसे  दूसरों की बुराई करना, किसी के अच्छे काम को भी बुरा बताना, किसी को आगे बढ़ता हुआ देख घबराहट होना और सबके बारे में नकारात्मक बातें करने लगता है। जब यह सीमा भी पार हो जाती है तो व्यक्ति जानलेवा डिप्रेशन का शिकार हो जाता है। मनोविज्ञान के मुताबिक आज के समय में 90 प्रतिशत युवा नकारात्मक सोच के शिकार हैं।

कैसे बचें इनसे ?
अगर देखा जाए तो मानव इस प्रकृति का सबसे शक्तिशाली जीव है और सबसे कमजोर भी। शक्तिशाली इसलिए है क्योंकि अगर मानव कुछ ठान ले तो वह उसे मुमकिन कर सकता है। क्योंकि उसके पास चेतना शक्ति है। और कमजोर इसलिए है क्योंकि अगर एक बार उसने अपने लिए कुछ गलत मान्यताएं बना ली या एक संकुचित घेरे में खुद को ढाल लिया तो वह खुद का ही शत्रु बन जाता है। इसलिए नकारात्मकता का अंत सकारात्मकता है। आइए आपको बताते हैं कि नकारात्मक सोच से किस तरह बचा जा सकता है।

- हमेशा सकारात्मक सोचें।
- सकारात्मक सोच रखने वाला व्यक्ति हमेशा स्वस्थ रहता है।
- बुरा और नेगेटिव सोचने वाले लोगों से हमेशा दूर रहें।
- जब भी कोई आपके बारे में गंदी सोच रखता है तो उसे नजरअंदाज करें और अपना बेस्ट दें।
- झूठे आडम्बरों और ढोंग पर विश्वास ना करें।
- अपने अतीत को कभी वर्तमान पर हावी ना होने दें।
- यह सोचिए कि इस संसार में इंसान के लिए कुछ भी नामुमकिन नहीं है।
- अगर कोई आपके बारे में पीठ पीछे बुराई करता है तो उससे घबराइए मत। बल्कि उसे नजरअंदाज करें।