क्या आप भी गर्मियों में डल स्किन से परेशान हैं?

मौसम चाहे कोई भी हो लेकिन हर लड़की चाहती है कि वह हमेशा चमकती-दमकती और फ्रैश दिखें। लेकिन गर्मियों के मौसम में इसे बरकरार रखना थोड़ा सा मुश्किल हो जाता है।लेकिन आज हम आपको बताएंगे हैं कि आप कैसे खुद को हमेशा खिलाखिला रख सकती हैं।

अबॉर्शन कराना मतलब डिप्रेशन को न्यौता देना

अबॉर्शन के बाद डिप्रेशन होना शायद यह बात आपको थोड़ा अजीब जरूर लगे। लेकिन सच यह है कि अबॉर्शन और डिप्रेशन का बहुत गहरा संबंध है। अॅर्बाशन कराने के बाद अधिकतर महिलाएं डिप्रेशन और...

अस्थमा के मरीज हैं तो बारिश से रहे सावधान, जानिए क्यों?

मानसून आने में अब ज्यादा वक्त नहीं रह गया है। लेकिन इस मानसून की शुरुआती बारिश में भीगना अस्थमा के मरीजों के लिए अभिश्राप साबित हो सकता है। ऐसे मौसम में अस्थमा के मरीज इन उपायों को अपनाकर स्वस्थ रह सकते हैं।

देश का भविष्य खराब कर रहा है फास्ट फूड

आज के समय की भागदौड़ भरी जिंदगी में फास्ट फूड को लोगों की पहली पसंद कहें या मजबूरी, दोनों ही स्थितियों में यह जानलेवा है। आप यह जानकर हैरान होंगे कि फास्ट फूड हमारे देश का 'भविष्य' खराब कर रहा है।

बालों को लेकर कहीं आप भी तो नहीं कर रहे ये 5 गलतियां?

आज के समय में हर कोई बालों के झड़ने और रफ होने जैसी समस्या से परेशान रहते हैं। लेकिन अगर हकीकत देखी जाए तो अपनी इस समस्या के लिए कहीं ना कहीं हम खुद ही जिम्मेदार होते हैं।

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Saturday, July 23, 2016

प्रोटीओमेगा से दूर होता है डिप्रेशन, मिलती है शांति



आजकल भागदौड़ भरी जिंदगी में हर कोई किसी ना किसी वजह से मानसिक तौर पर परेशान रहता है।​ जिसका अंतिम पड़ाव डिप्रेशन यानि कि तनाव होता है। आज के दौर में यह रोग युवाओं में अधिक देखने को मिलता है, जिसके 2 कारण होते हैं। पहला- हमारा खानपान और दूसरा- खुद को असफल और अपने प्रतिद्वंदी को सफल होते हुए देखना। हालांकि लोग डिप्रेशन को बहुत मामूली रोग समझकर इसे गंभीरता से नहीं लेते हैं। जबकि डिप्रेशन एक ऐसा रोग है जो हमें बहुत जल्द मौत के दर्शन करा देता है।

कैसे कम होगा डिप्रेशन?
डिप्रेशन को जड़ से खत्म करने के लिए हमें अपने खानपान में प्रोटीन और पोषक तत्वों को विशेष रूप से वरीयता देनी चाहिए। क्योंकि प्रोटीन डिप्रेशन को दूर करने का सबसे सफल और आसान स्रोत है। अब प्रश्न यह उठता है कि भागदौड़ भरी जिंदगी में हम किस तरह से अपने खानपान पर ध्यान दें? अगर आप भी कुछ यहीं सोच रहे हैं तो घबराइए मत। आपकी इस समस्या का समाधान सिर्फ Dr.G Wellness के प्रोटीओमेगा सप्लीमेंट में है। प्रोटीओमेगा प्रोटीन और ओमेगा-3 व ओमेगा-6 से बना ऐसा सप्लीमेंट है ​जो ना सिर्फ डिप्रेशन को जड़ से खत्म करता है बल्कि यह मानसिक शांति भी देता है।

प्रोटीओमेगा ही क्यों?
प्रोटीओमेगा यानि कि प्रोटीन और ओमेगा का ऐसा सप्लीमेंट है जिसमें इतनी क्षमता है कि यह डिप्रेशन दूर करने के साथ-साथ हमारे इम्यून सिस्टम को भी मजबूत करता है। इस सप्लीमेंट को पानी, दूध या किसी भी तरह के शेक्स के साथ लेने से केंद्रीय तंत्रिका तंत्र में विकास के साथ अनुपूरक अवसाद भी कम होता है।


प्रोटीओमेगा में पाया जाने वाला प्रोटीन, ओमेगा, फैट, कॉर्बोहाइड्रेट, फाइबर और एनर्जी ​डिप्रेशन से  दिमाग में होनी वाली सिकुड़न को दूर कर मस्तिष्क की कोशिकाओं को खोलता है। जिसके बाद हमारे मस्तिष्क में सोचने-समझने की एक नई संरचना तैयार होती हैं सबसे खास बात यह है इस प्रोटीओमेगा के कोई साइडइफेक्ट नहीं है।

बच्चों में तेज दिमाग के लिए अपनाएं प्रोटीओमेगा,क्योंकि...


​हम जो भी खाते हैं उसका सीधा असर हमारे मस्तिष्क पर पड़ता है। खासतौर से तब जब कोई महिला गर्भवती हो। गर्भावस्था के दौरान मां की हर गतिविधी से शिशु प्रत्यक्ष तौर पर जुड़ा होता है। इसलिए डॉक्टर सलाह देते हैं कि शिशु के बेहतर विकास के लिए अपने आहार में प्रोटीन और ओमेगा-3,6 को शामिल करें। नवजात शिशु के अलावा भी 15 साल तक के बच्चों को हर हाल में प्रोटीन+ओमेगा का भरपूर सेवन कराना चाहिए।

मस्तिष्क के लिए क्यों फायदेमंद हैं ओमेगा
ओमेगा-3 और 6 ऐसा फैटी एसिड होता है जिसका बौद्धिक क्षमता से गहरा संबंध होता है। वैसे तो ओमेगा मछली, अखरोट, अलसी के बीज, सरसों के बीज, सोयाबीन, स्प्राउट्स, टोफू, गोभी, हरी बीन्स, ब्रोकली, हरी पत्तेदार सब्जियों आदि में पाया जाता है, लेकिन डॉ जी वेलनेस का प्रोटीओमेगा प्रोटीन और ओमेगा—3 व 6 से भरपूर ऐसा सप्लीमेंट है जिसके नियमित सेवन से ना सिर्फ बच्चों में दिमाग बढ़ता है बल्कि उनकी सोचने की क्षमता भी बढ़ती है।


क्योंकि प्रोटीओमेगा में ओमेगा प्रचुर मात्रा में शामिल है इसलिए इस पाउडर सप्लीमेंट को दूध, पानी या किसी शेक्स का साथ लेने से बच्चे का आईक्यू लेवल काफी तेज होता है। गर्भवती महिला को प्रोटीओमेगा अपनी डाइट में जरूर शामिल करना चाहिए। इसलिए अच्छे स्वास्थ्य के लिए ओमेगा-6 और ओमेगा-3 का संतुलन बना रहना बेहद ज़रूरी होता है।

विशेष उदाहरण
ओमेगा-3 और 6 एक बेहतर और स्वस्थ दिमाग के लिए किस तरह महत्वपूर्ण है हम आपको यहां एक उदाहरण के माध्यम से समझाते हैं। जब हम कोई फोन खरीदते हैं तो हम सबसे पहले यह पूछते हैं कि उसमें रैम कितनी है। क्योंकि फोन में जितनी रैम होगी वह उतनी जल्दी हमारी फाइल को खोलेगा।


उसी तरह से ओमेगा (प्रोटीओमेगा) भी हमारे दिमाग में रैम की तरह काम करता है। इसका नियमित सेवन करने से बच्चों का दिमाग कच्ची उम्र में ही तेज हो जाता है। इसीलिए प्रोटीओमेगा को बचपन में ज्यादा से ज्यादा सेवन करने की सलाह दी जाती है।

Friday, July 22, 2016

स्वस्थ और चमकदार त्वचा के लिए अपनाएं प्रोटीओमेगा

त्वचा हमारे शरीर का सबसे संवेदनशील अंग होता है। जिसे सुंदर और चमकदार बनाने के लिए अक्सर लोग प्रोटीन लेने के बजाय कैमिकल युक्त पदार्थों या सप्लीमेंट को अपनाते हैं। जिसके चलते हमें त्वचा में दाग धब्बे और एलर्जी होने की शिकायतें रहती हैं।

वैसे तो शरीर के​ किसी भी अंग लेकिन खासतौर से त्वचा को हेल्थी और चमकदार बनाने के लिए हमें सिर्फ प्रोटीन और पोषण तत्वों का प्रयोग करना चाहिए। जिसकी पूर्ति ना तो कैमिकल क्रीम कर सकती है और ना ही दवाईयां। इसके लिए हमें जरूरत होती है कि हम अपने आहार में प्रोटीन को विशेष रूप से प्राथमिकता दें। प्रोटीओमेगा प्रोटीन और ओमेगा-3, 6 के मिश्रण से बना एक ऐसा सप्लीमेंट है जो ना सिर्फ हमें आंतरिक रूप से स्वस्थ रखता है बल्कि हमारी बाहरी त्वचा में एक नया निखार लाकर हमारी खूबसूरती में चार चांद लगा देता है।

स्किन के लिए जरूरी है ओमेगा-3
आप चाहे कितने भी महंगे प्रॉडक्ट का इस्तेमाल कर लें, जब तक आप अपने आहार में ओमेगा यानि कि फैटी एसिड को शामिल नहीं करेंगे तब तक आपका दमकती हुई त्वचा पाने का सपना पूरा नहीं हो सकता है।

प्रोटीओमेगा के नियमित इस्तेमाल से हमारी त्वचा अंदर से हील होती है। यह सप्लीमेंट हमारी रफ हुई त्वचा की परतों को एक एक करके रिपेयर करता है और उसके बाद ऊपरी स्किन को स्वस्थ बनाता है। इसके अलावा प्रोटीओमेगा के निम्नलिखित फायदे भी हैं—

- यह रूखी और आॅयली दोनों तरह की त्वचा के लिए फायदेमंद है।
- इसके इस्तेमाल से उम्ररोधी त्वचा में नयापन आता है।
- यह तनाव को कम करता है। जिसका हमारी त्वचा से सीधा संबंध है।
- यह त्वचा को मुलायम, कोमल और सुंदर बनाता है। 

प्रोटीओमेगा में छिपे हैं बालों की खूबसूरती के रहस्य

अगर हम किसी चीज को बाहरी रूप से सही करने के बजाय उसे आतंरिक रूप से सही करें तो लंबे समय तक फायदेमंद साबित होता है। कुछ इसी तरह से हमारे बाल भी होते हैं। आजकल लोग अपने झड़ते और रफ बालों को सुधारने के लिए कलरिंग, स्ट्रेटनिंग या फिर रिबॉडिंग जैसे कैमिकलों  का प्रयोग करते हैं। हालांकि इससे हमारे बाल कुछ समय के लिए तो सही हो जाते हैं लेकिन इसका खामियाजा हमें भविष्य में भुगतना पड़ता है। इसलिए जरूरी है कि हम इन सब चीजों में समय नष्ट ना करके अपने बालों को प्रोटीन के माध्यम से स्वस्थ और घने बनाएं।


बालों को स्वस्थ और लंबे बनाने के लिए प्रोटीओमेगा सबसे कारगार सप्लीमेंट है। प्रोटीन, ओमेगा—3 और 6 के साथ साथ फाइबर, फैट और कॉर्बोहाईड्रेट से बना प्रोटीओमेगा मिश्रण कई लैबों में जांच के बाद बालों के लिए रामबाण साबित हुआ है। आज के भागदौड़ भरे समय में अगर आप अपने बालों को समय नहीं दे पा रहे हैं और अच्छे बालों की चाहत रखते हैं तो प्रोटीओमेगा सप्लीमेंट आपके लिए है।


क्यों फायदेमंद है प्रोटीओमेगा
प्रोटीओमेगा यानि कि प्रोटीन और ओमेगा का मिश्रण। ओमेगा एक ऐसा जरूरी फैट है जो हमारे बालों को आंतरिक रूप से हेल्थी बनाता है। हमारा रोजाना का आहार फैटी एसिड का निर्माण नहीं कर पाता है। जिससे हमारे बाल कमजोर और रफ होने लगते हैं। ऐसे में हमें ओमेगा का सेवन अलग से करना पड़ता है। प्रोटीओमेगा में ओमेगा 3 और 6 प्रचुर मात्रा में होता है। इसका सेवन करने से हमारा ब्लड शुगर लेवल, कोलेस्ट्राल, इम्यून सिस्टम तो सामान्य रहता ही है साथ ही यह हमारे मेटाबालिज्म को भी बढ़ाता है। इतना ही नहीं प्रोटीओमेगा सप्लीमेंट के सेवन से बालों में नमी बरकरार रहती है। जिससे हमारे बाल हमेशा के लिए खिलखिलाने लगते हैं। प्रोटीओमेगा के अंदर बालों को स्वस्थ रखने की पूरी रणनीति तैयार होती है। इसे किसी भी तरलीय पदार्थ जैसे पानी, दूध या शेक्स के साथ स्मूथी के तौर पर लिया जा सकता है।

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अच्छे स्वास्थ्य का मंत्र है प्रोटीओमेगा

अच्छे स्वास्थ्य को दुनिया की सबसे बड़ी दौलत कहा जाता है। क्योंकि जब तक व्यक्ति स्वस्थ नहीं है उसके लिए कुबेर का खजाना भी कूड़े के ढ़ेर के बराबर है। दुनिया की कोई भी चीज हाथ से निकल जाएं तो उसे दोबारा वापस पाया जा सकता है। लेकिन एक बार स्वास्थ्य आपके काबू से बाहर हो गया तो उसे संतुलित कर पाना बहुत कठिन होता है।

आज का आहार
आज चाहे बच्चा हो, युवा हो या फिर वृद्ध हो, व्यस्त लाइफस्टाइल के चलते किसी के पास खुद के लिए भी समय नहीं है। अक्सर लोग ना तो सही समय पर खाना खा पाते हैं और ना ही अपने आहार में जरूरी पोषण तत्वों का सेवन कर पाते हैं। जिसके अभाव में व्यक्ति बीमारियों की गिरफ्त में आ जाता है और मोटापा बढ़ना तो आम बात है। ऐसे में हर किसी के जहन में यही सवाल आता है कि इतने बिजी लाइफस्टाइल के बावजूद आखिर हम खुद को कैसे स्वस्थ रख सकते हैं? अगर आप भी यही सोच रहे हैं तो इसके लिए सीधे तौर पर हमारा खानपान जिम्मेदार है।

क्या है प्रोटीओमेगा
जिस तरह हमें हमारे शरीर को पानी और आहार की जरूरत होती है उसी तरह हमारे शरीर को प्रोटीन और ओमेगा की भी जरूरत होती है। ओमेगा यानि कि ऐसा फैटी एसिड जो हमारे शरीर में हॉर्मोंस के निर्माण के साथ-साथ हमें शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ भी रखता है।

प्रोटीओमेगा में वह सभी पोषण तत्व मौजूद है जो स्वस्थ रहने के लिए जरूरी है। प्रोटीओमेगा को पानी, दूध या फिर किसी भी तरलीय पदार्थ के साथ मिलाकर इसका सेवन किया जा सकता है। प्रोटीओमेगा की खासियत यह है कि यह जितना फायदेमंद है उतना ही स्वादिष्ट भी है।


प्रोटीओमेगा या ओमेगा-3 के फायदे
प्रोटीओमेगा में ओमेगा-3 और 6 प्रचुर मात्रा में पर्याप्त है। इसका नियमित सेवन करने से रक्त में वसा या ट्राइग्लिसराइड्स का स्तर नियंत्रित होता है। हदय रोग, जोडों में दर्द, शरीर का दर्द, गठिया, जकड़न और डायबिटीज का स्तर 50 फीसदी तक कम हो जाता है। साथ ही अन्य कैमिकल शेक्स की तुलना में प्रोटीओमेगा के सेवन से इम्यून सिस्टम सामान्य रहता है और मेटाबालिज्म बढ़ता है।

ओमेगा-3 ना लेने से नुकसान
ओमेगा-3 का सेवन ना करने वाले लोगों में अधिक वजन और कम वजन की शिकायतें होना तो सामान्य बात है। साथ ही इसके अभाव में पाचन तंत्र में गड़बड़ी, अवशोषण में कमी, उच्च रक्तचाप, हृदय रोग, उच्च कॉलेस्ट्रॉल, डायबिटीज, सूजन, आंत्र रोग, अल्जाइमर जैसे रोगों का खतरा भी बना रहता है।

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