क्या आप भी गर्मियों में डल स्किन से परेशान हैं?

मौसम चाहे कोई भी हो लेकिन हर लड़की चाहती है कि वह हमेशा चमकती-दमकती और फ्रैश दिखें। लेकिन गर्मियों के मौसम में इसे बरकरार रखना थोड़ा सा मुश्किल हो जाता है।लेकिन आज हम आपको बताएंगे हैं कि आप कैसे खुद को हमेशा खिलाखिला रख सकती हैं।

अबॉर्शन कराना मतलब डिप्रेशन को न्यौता देना

अबॉर्शन के बाद डिप्रेशन होना शायद यह बात आपको थोड़ा अजीब जरूर लगे। लेकिन सच यह है कि अबॉर्शन और डिप्रेशन का बहुत गहरा संबंध है। अॅर्बाशन कराने के बाद अधिकतर महिलाएं डिप्रेशन और...

अस्थमा के मरीज हैं तो बारिश से रहे सावधान, जानिए क्यों?

मानसून आने में अब ज्यादा वक्त नहीं रह गया है। लेकिन इस मानसून की शुरुआती बारिश में भीगना अस्थमा के मरीजों के लिए अभिश्राप साबित हो सकता है। ऐसे मौसम में अस्थमा के मरीज इन उपायों को अपनाकर स्वस्थ रह सकते हैं।

देश का भविष्य खराब कर रहा है फास्ट फूड

आज के समय की भागदौड़ भरी जिंदगी में फास्ट फूड को लोगों की पहली पसंद कहें या मजबूरी, दोनों ही स्थितियों में यह जानलेवा है। आप यह जानकर हैरान होंगे कि फास्ट फूड हमारे देश का 'भविष्य' खराब कर रहा है।

बालों को लेकर कहीं आप भी तो नहीं कर रहे ये 5 गलतियां?

आज के समय में हर कोई बालों के झड़ने और रफ होने जैसी समस्या से परेशान रहते हैं। लेकिन अगर हकीकत देखी जाए तो अपनी इस समस्या के लिए कहीं ना कहीं हम खुद ही जिम्मेदार होते हैं।

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Saturday, July 30, 2016

जानिए, हॉर्मोन को संतुलन रखना क्यों होता है जरूरी?


आजकल भागदौड़ भरी जिंदगी में आर्थिक दबाव, बढ़ती महंगाई और अनियमित खानपान की वजह से व्यक्ति अक्सर तनाव में रहता है। जिसके चलते उसका स्वास्थ्य बिगड़ता है और हॉर्मोन्स में अनियमितता आती है। जिसके चलते पुरुषों में सबसे पहले टेस्टोस्टेरॉन और महिलाओं में एस्ट्रोजन हॉर्मोन में अस्थिरता आने लगती है।  इसके साथ ही वजन का बढ़ना और घटना भी आम बात हो जाती है।

सावधान! कहीं आप भी तो नहीं पी रहे दूध के नाम पर 'जहर

अगर इंसान के हॉर्मोन बैलेंस नहीं है तो वह कभी स्वस्थ नहीं रह सकता है। क्योंकि हॉर्मोन का सीधा संबंध हमारी सेक्स की क्षमता, रक्त संचरण, मांसपेशियों के विकास के साथ साथ एकाग्रता, मूड और स्मृति को प्रभावित करता है। इसलिए जरूरी है कि हम ऐसी भागदौड़ भरी जिंदगी में विशेष रूप से अपने खानपान पर ध्यान रखें।


आजकल खाने से लेकर पहनने-ओड़ने तक सभी चीजों में मिलावट देखी जा रही है। इसलिए ऐसी स्थिति में जरूरी है कि आप Dr.G wellness के प्रोटीओमेगा सप्लीमेंट को इस्मेमाल करिए। क्योंकि इसमें प्रोटीन, ओमेगा 3, ओमेगा 6, कैल्शियम, फाइबर, आयरन, फैट, एनर्जी समेत कई ऐसे पोषक तत्व शामिल हैं जो हमारी मांसपेशियों और हड्डियों को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाते हैं। इसके इस्तेमाल से हमारे हॉर्मोन्य बैलेंस होने के साथ ही हम तनाव रहित होते हैं।

Friday, July 29, 2016

पेट की समस्या से हैं परेशान, तो आजमाएं प्रोटीओमेगा


तनाव भरा जीवन, अनियमित और दूषित खानपान के चलते पेट फूलना और कांस्टीपेशन की बीमारी होना कोई हैरानी की बात नहीं है। लेकिन गंभीर बात यह है कि पेट फूलना और कांस्टीपेशन जैसी बीमारियां अकेले नहीं बल्कि अपने साथ कई तरह की बीमारियां साथ लाती हैं। सबसे शर्मिंदगी की बात तब होती है जब आपको बीच-बीच में मजबूरन वॉशरूम जाना पड़ता है।


क्या है इसका उपाय?
अगर इंसान का पेट सही नहीं है तो उसे पूरी तरह से अस्वस्थ कहने में कोई दोराय नहीं है। क्योंकि पेट से ही सभी बीमारियों का उद्भव होता है। इसलिए जरूरी है आप स्ट्रीट फूड या फिर दूषित खानपान को जितना जल्दी हो सके छोड़ कर अपने आहार में प्रोटीन को शामिल करें। इसके लिए आप  Dr.G wellness के प्रोटीओमेगा सप्लीमेंट को इस्तेमाल कर सकते हैं।

इससे आपकी पेट से संबंधित सभी बीमारियां दूर होने के साथ ही आपका लीवर, किडनी और आंते सभी स्वस्थ रहेंगी। ऐसा इसलिए होगा क्योंकि प्रोटीओमेगा सप्लीमेंट में प्रोटीन के साथ ही ओमेगा- 3, ओमेगा- 6, आयरन, कॉर्बोहाइड्रेट, फाइबर और कई पोषक तत्व मौजूद हैं। यह सप्लीमेंट ऐसे प्राकृतिक तत्वों का मिश्रण है जो से संबंधित सभी बीमारियों के लिए रामबाण है। इसे पानी, दूध या​ फिर किसी भी शेक्स के साथ स्मूथी के तौर पर लिया जा सकता है।

बरसात में ज्यादातर होती हैं ये बीमारियां, ऐसे करें बचाव


बरसात को बीमारियों का घर कहा जाता है। बरसात आते ही साफ-सफाई और स्वच्छ जल ​के अभाव में हमारा इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है। जिसके चलते जरा सी लापरवाही बरतते ही हम बीमार पड़ जाते हैं। बरसात के मौसम में गंदे और दूषित पानी का सेवन करने से सबसे ज्यादा टाइफाइड, पीलिया, डायरिया, उल्टी, दस्त, बुखार, मलेरिया, कॉलरा और किडनी इंफेक्शन जैसी घातक बीमारी होती है। इसलिए ऐसे मौसम में जरूरी होता है कि हम अपने खानपान पर गंभीर रूप से ध्यान दें।

सावधान! कहीं आप भी तो नहीं ले रहे आर्टिफिशल स्वीटनर


अगर आप की व्यस्त जीवनशैली और अनयिमित खानपान को अपना रहे हैं तो यह आपके लिए जानलेवा साबित हो सकता है। इसलिए जरूरी है कि आप अपने आहार में साफ पानी और प्रोटीन के लिए Dr.G wellness के प्रोटीओमेगा सप्लीमेंट को शामिल करें। प्रोटीओमेगा सप्लीमेंट में प्रोटीन के साथ ही ओमेगा- 3, ओमेगा- 6, आयरन, कॉर्बोहाइड्रेट, फाइबर और कई पोषक तत्व मौजूद हैं। यह सप्लीमेंट ऐसे प्राकृतिक तत्वों का मिश्रण है जो ऐसे मौसम में बीमारियों से लड़ने में आपकी मदद करेगा और आपके लीवर को मजबूत होगा।

सावधान! कहीं आप भी तो नहीं ले रहे आर्टिफिशल स्वीटनर?


व्यस्त जीवनशैली और अनियमित खानपान के चलते अक्सर लोग यह सोच पर सप्लमेंट लेते हैं ताकि उनके शरीर में प्रोटीन की मात्रा कम ना हो। लेकिन कई बार हम लोग जानकारी के अभाव में गलत चीजों का चयन कर लेते हैं। क्या आप जानते हैं कि आजकल मार्किट में बिजनेस को लेकर इतनी होड़ है कि व्यापारी टेस्ट बढ़ाने के लिए लोगों की सेहत से खिलवाड़ करने में जरा भी नहीं कतराते हैं?

 क्या आप जानते हैं आजकल बाजार में लगभग आधे से ज्यादा ऐसे सप्लीमेंट और स्वीटनर मिल रहे हैं जिनमें सिर्फ कैमिकल और आर्टिफिशल स्वीटनर का इस्तेमाल किया जाता है? अगर आप अब यह सोच रहे हैं कि यह खबर आपके लिए नहीं है क्योंकि आप तो हमेशा ब्रेंडिड उत्पादों का इस्तेमाल करते हैं तो यह आपकी गलतफहमी है। क्योंकि मिलावट सिर्फ रोड छाप या नकली चीजों के साथ ही नहीं बल्कि कई बार ब्रेंडिड चीजों में भी देखने को मि​लती है। बस फर्क यह होता है इसे हम लोग मानते नहीं हैं।


क्या है इनके दुष्प्रभाव
आर्टिफिशल स्वीटनर को डॉक्टरों की भाषा में सफेद जहर कहा जाता है। जिसके चलते सेहत बनाने के नाम पर ऐसे सप्लीमेंट का इस्तेमाल करने पर हम या हमारे बच्चे ना सिर्फ बाहरी तौर से बीमार पड़ते हैं बल्कि ऐसे सप्लीमेंट हमारी आंते और लीवर तक को खोखला कर देते हैं।

प्रोटीओमेगा है सही विकल्प
अगर आप समय पर खाना खा पाने में अक्सर असमर्थ रहते हैं तो इस स्थिति में बहुत़ जरूरी है कि आप अलग से प्रोटीन लें। Dr.G wellness के प्रोटीओमेगा सप्लीमेंट आपकी इस समस्या का हल है। यह एक ऐसा सप्लीमेंट है जिसमें प्रोटीन के साथ ही ओमेगा- 3, ओमेगा- 6, आयरन, कॉर्बोहाइड्रेट, फाइबर और कई पोषक तत्व भी मौजूद हैं। यह सप्लीमेंट ऐसे प्राकृतिक तत्वों का मिश्रण है जो आपके लीवर को मजबूत करने के साथ ही आपके इम्यून सिस्टम को भी मजबूत बनाता है।


प्रोटीओमेगा की खासियत यह है कि यह सभी साइंटिफिक लैब द्वारा प्रमाणित है कि इसमें किसी भी तरह के कैमिकल का प्रयोग नहीं किया गया है। प्रोटीओमेेगा को पानी, दूध या फिर किसी भी शेक्स के साथ मिलाकर लिया जाता है। सिर्फ 5 मिनट में प्रोटीओमेगा का सेवन पर आप अपने लीवर सहित पूरे शरीर को उम्रभर के लिए सुरक्षित रख सकते हैं।

Thursday, July 28, 2016

ऐसे जानें आपका लीवर सही है या नहीं!

लीवर हमारे शरीर का जितना महत्वपूर्ण अंग है उतना ही यह संवेदनशील भी है। लीवर के खराब होते ही खाना पचाने में दिक्कतें आने के साथ ही हम कई तरह से बीमारियों की गिरफ्त में आ जाते हैं। दरअसल जब लोग जरूरत से ज्यादा मोटे या पतले होते हैं तो वह खुद को फिट रखने के सपने से बाजारों में मिलने वाले तरह-तरह के सप्लीमेंट इस्तेमाल करते हैं। जिसमें अक्सर अक्सर जरूरत से ज्यादा लेड और पोटैशियम की मात्रा होने के चलते हमारे लीवर को नुकसान होना शुरू हो जाता है।


लीवर को स्वस्थ रखने के लिए हमें एक हेल्दी डाइट की जरूरत होती है। जो आजकल भागदौड़ और अनियमित खानपान के चलते पूरी नहीं हो पा रही है। अगर आप ज्यादा व्यस्त रहते हैं और प्रोटीन की पहुंच से दूर हैं तो आप Dr.G wellness के प्रोटीओमेगा सप्लीमेंट का प्रयोग कर सकते हैं।

इस सप्लीमेंट में ऐसे प्राकृतिक तत्वों का मिश्रण है जो लीवर को मजबूत करने में मदद करता है। इसके अलावा इस सप्लीमेंट में प्रोटीन के साथ ही ओमेगा- 3 और 6, आयरन, कॉर्बोहाइड्रेट, फाइबर और कई पोषक तत्व भी मौजूद हैं। प्रोटीओमेगा को पानी, दूध या फिर किसी भी शेक्स के साथ मिलाकर लिया जाता है। सिर्फ 5 मिनट में प्रोटीओमेगा का सेवन पर आप अपने लीवर को उम्रभर के लिए सुरक्षित रख सकते हैं।

मोटापा बढ़ने के इस कारण को जानकर हैरान रह जाएंगे आप!


आज के समय में हमारे देश में करीब 80 फीसदी लोग मोटापे से परेशान हैं। मोटापा ना सिर्फ आपकी पर्सनेलिटी को खराब करता है बल्कि यहीं से सभी बीमारियों की शुरुआत भी होती है। अक्सर लोेगों की शिकायत होती है कि तमाम प्रयासों के बावजूद उनका मोटापा नहीं घट रहा है।

मोटापे का सीधा कारण हमारा ​अनियमित खानपान, खराब जीवनशैली और तनाव भरा जीवन है। जी हां, ना सिर्फ तले-भुने खानपान बल्कि तनाव लेने से भी मोटापा बढ़ता है। इसलिए जरूरी है कि आप अपने आहार में अधिक से अधिक मात्रा में प्रोटीन और फाइबर को शामिल करेंं।

क्या आप भी अक्सर कमजोरी और थकान महसूस करते हैं?


प्रोटीन के सेवन से हमें एनर्जी मिलती है और यह हमारे शरीर से एक्सट्रा फैट को कम करके हमारा मेटाबालिज्म बढ़ता है। प्रोटीन लेने के लिए आप Dr.G wellness के प्रोटीओमेगा सप्लीमेंट का प्रयोग कर सकते हैं। इसमें प्रोटीन के साथ ही ओमेगा, आयरन, कॉर्बोहाइड्रेट, फाइबर और कई ऐसे तत्व मौजूद हैं जो आपके शरीर से एक्सट्रा फैट को बर्न करके एक सुडोल शरीर प्रदान करता है। इसकी खासियत यह है कि इसका सेवन करना बहुत आसान है। प्रोटीओमेगा को पानी, दूध या फिर किसी भी शेक्स के साथ मिलाकर लिया जाता है। सिर्फ 5 मिनट में प्रोटीओमेगा का सेवन पर आप शारीरिक और मानसिक दोनों तरह से स्वस्थ रह सकते हैं।

क्या आप भी अक्सर कमजोरी और थकान महसूस करते हैं?


कमजोरी, थकान और तनाव होना आज के समय में लगभग हर किसी की शिकायत रहती है। अक्सर हम लोग इसे अपने काम और प्रैसर से जोड़ते हैं, जबकि शरीर में कमजोरी और थकान महसून होना पूरी तरह से हमारे खानपान और शरीर के आराम पर निर्भर करता है।

घरेलू महिलाएं अक्सर घर का काम और घर के सदस्यों की मांगे पूरी करने में रह जाती है। सुबह से शाम तक सबके काम करते-करते वह खुद की सेहत पर ध्यान देना भूल जाती है और अनियमित खानपान की आदि हो जाती है।

इसलिए आजकल ज्यादा हो रहा है फेफड़ों में कैंसर


कमजोर का इलाज सिर्फ प्रोटीओमेगा
कमजोरी से निजात पाना और स्वस्थ रहने का सबसे अच्छा और सरल तरीका है आप अपने खानपान में ज्यादा से ज्यादा प्रोटीन और फाइबर को शामिल करें। लेकिन भागदौड़ भरी जिंदगी में किसी के पास इतना समय नहीं है कि वह प्रोटीन की तलाश करें। इसलिए हम आपको Dr.G wellness के प्रोटीओमेगा सप्लीमेंट के बारे में बता रहे हैं। इसमें प्रोटीन और ओमेगा के साथ ही ऐसे पोषक तत्व शामिल हैं जो आपकी मांसपेशियों को अंदर से मजबूत करने के साथ आपको एक स्वस्थ शरीर प्रदान करते हैं।

प्रोटीओमेगा का सेवन करना भी बहुत आसान है। इसे पानी, दूध या फिर किसी भी शेक्स के साथ मिलाकर लिया जाता है। सिर्फ 5 मिनट में प्रोटीओमेगा का सेवन पर आप शारीरिक और मानसिक दोनों तरह से स्वस्थ रह सकते हैं।

इसलिए आजकल ज्यादा हो रहा है फेफड़ों में कैंसर

फेफड़ों में कैंसर होने का मतलब है इंसान की जिंदगी के उल्टे दिन शुरू होना। सबसे बड़ी बात यह है कि फेफड़ों में कैंसर होने पर इसके लक्षण काफी समय बाद दिखाई देते हैं। इसलिए कई बार इसे साइलेंट किलर भी कहा जाता है। अगर हम फेफड़ों में कैंसर के कारणों की बात करें तो इसके लिए सीधे तौर पर हमारा खानपान और नशीले पदार्थों का सेवन जिम्मेदार होता है। जब सीने में तरल पदार्थ जमा होने लगता है तो फेफड़ों में कैंसर होना शुरू हो जाता है।

नाइट शिफ्ट में काम करने से पुरुषों में भी होता है ब्रेस्ट कैंसर

फेफड़ों में कैंसर होने के लक्षण
1) सांस लेने में तकलीफ होना
2) अक्सर सिर में दर्द रहना
आवाज का फटना
4) खांसी में खून आना
5) वजन में निरंतर कमी आना और भूख ना लगना
6) सांस लेने पर सीटी जैसी आवाज सुनाई देना
7) सीने के साथ-साथ पीठ और कंधों में भी दर्द महसूस होना
8) थोड़ा सा चलने पर अधिक थकान महसूस होना

#World Hepatitis Day: कहीं आप भी तो नहीं हेपेटाइटिस के शिकार?


प्रोटीओमेगा सप्लीमेंट
आज के समय में पढ़ाई या आॅफिस के काम के चलते अक्सर लोग तनाव महसूस करते हैं। जिससे उनका खानपान बिगड़ता है और वह कुछ देर के सुख के लिए धूम्रपान करते हैं। अगर आप फेफड़ों में कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी से बचना चाहते हैं तो आप अपने आहार में  Dr.G wellness के प्रोटीओमेगा सप्लीमेंट को जरूर शामिल कीजिए।

इसमें प्रोटीन, ओमेगा-3, ओमेगा-6 और फाइबर के साथ कई ऐसे पोषक तत्व शामिल हैं जो फेफड़ों में कैंसर से लड़ने में प्राकृतिक तौर पर आपका साथ देंगे। डॉक्टर भी ऐसे कैंसर से लड़ने के​ लिए अधिक से अधिक प्रोटीन और फाइबर का सेवन करने की सलाह देते हैं। इसकी खासियत यह है कि इसमें किसी भी तरह के कैमिकल का प्रयोग नहीं किया गया है। 

नाइट शिफ्ट में काम करने से पुरुषों में भी होता है बेस्ट कैंसर!


कैंसर नाम सुनते ही हमारे मस्तिष्क में मौत की घंटी बजने लग जाती हैै। ब्रेस्ट कैंसर भी कुछ इसी तरह के जानलेवा कैंसरों में से एक है। मौजूदा वक्त में भारत में करीब 25 से 30 प्रतिशत महिलाएं ब्रेस्ट कैंसर की शिकार हैं। यह बात सच है कि अधिकतर ब्रेस्ट कैंसर के मामले महिलाओं में पाए जाते हैं। लेकिन एक रिसर्च के अनुसार अब पुरुष में भी ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण दिखने लगे हैं। वैसे खुशी की बात यह है कि ब्रेस्ट कैंसर उन कैंसरों की श्रेणी में शुमार है जिसका निपटारा जल्दी हो जाता है। ब्रेस्ट कैंसर महिलाओं में होने के चांस तब ज्यादा बढ़ जाते हैं जब उनके शरीर में बैड एस्ट्रोजेंस और हानिकारक टॉक्सिसन्स का निर्माण ज्यादा होने लगता है।

क्यों होता है ब्रेस्ट कैंसर?
भागदौड़ भरी जिंदगी और अनियमित खानपान मामूली बीमारियों से लेकर कई गंभीर बीमारियों का कारण साबित हो रहा है। इसके अलावा इसका एक कारण जैनेटिक समस्या भी है। फास्ट फूड और प्रोटीन रहित आहार का सेवन करने से ब्रेस्ट कैंसर होने की संभावना काफी बढ़ जाती है। इसलिए हम आपको यह सलाह देंगे कि आप खुद को अधिक से अधिक प्रोटीन से जोड़ें। इसके लिए आप  Dr.G wellness का प्रोटीओमेगा सप्लीमेंट का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसमें प्रोटीन, ओमेगा-3, ओमेगा-6 और फाइबर के साथ कई ऐसे पोषक तत्व शामिल हैं जो ब्रेस्ट कैंसर से लड़ने में प्राकृतिक तौर पर आपका साथ देंगे। डॉक्टर भी ऐसे कैंसर से लड़ने के​ लिए अधिक से अधिक प्रोटीन और फाइबर का सेवन करने की सलाह देते हैं।


ऐसे केस में ज्यादा होता है ब्रेस्ट कैंसर
1) मासिक धर्म का कम उम्र में शुरू होना
2)  देर से पहली बार मां बनना या कभी बच्चे ना होना
3)  हार्मोन रिप्लेस्मेंट थेरेपी कराना
4)  पुरुष द्वारा शार्टकट तरीके से 6 पैक एप्स बनाना
5)  बॉडी बनाने के लिए स्टेरॉड्स युक्त न्यूट्रिशनल सप्लीमेंट का प्रयोग करना
6) शरीर में इन्सुलिन हार्मोन का हद-से-ज्यादा बढ़ना
7) नींद दिलाने वाले मेलाटोनिन हार्मोन का घटना
8) नाइट शिफ्ट में ज्यादा समय तक काम करना
9) प्रोटीन रहित खानपान
10) मासिक धर्म का देर में बंद होना (ऐसी स्थिति में अंडाशय, हार्मोन पैदा करना बंद कर देते हैं और शरीर की चर्बीवाली कोशिकाएं ईस्ट्रोजेन हार्मोन पैदा करती हैं। जिसके चलते मोटापे के कारण ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ सकता है।)


प्रोटीओमेगा और ब्रेस्ट कैंसर
ब्रेस्ट कैंसर के लिए हम प्रोटीओमेगा के इस्तेमाल पर इसलिए जोर दे रहे हैं क्योंकि इस प्रोटीन युक्त सप्लीमेंट में प्रा​कृतिक औषधी रोजमेरी की प्रचुर मात्रा पर्याप्त है। जो ना सिर्फ ब्रेस्ट कैंसर बल्कि प्रोस्टेट कैंसर, कोलोन कैंसर, ल्यूकेमिया और स्किन कैंसर से भी बचाने में मदद करता है। इसके अलावा रोजमेरी में पोटेशियम, कॉर्बोहाड्रेट, आयरन, कैल्शियम, मैग्नेशियम, विटामिन A, B6, B12, C, D आदि पर्याप्त मात्रा में होते हैं।इतना ही नहीं इसमें एन्टी-इन्फ्लैमटॉरी गुण भी होता है जो ब्रेस्ट कैंसर की कोशिकाओं को विकसित होने से रोकने में मदद करते हैं।

Wednesday, July 27, 2016

#World Hepatitis Day: कहीं आप भी तो नहीं हेपेटाइटिस के शिकार? पढ़ें ये रिपोर्ट

हेपेटाइटिस डे के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए आज यानि कि हर 28 जुलाई को अंर्तराष्ट्रीय स्तर पर #वल्र्ड हेपेटाइटिस डे मनाया जाता है। हेपेटाइटिस होने का सीधा संबंध हमारे लीवर से है। अगर लीवर कमजोर पड़ गया या लीवर में सूजन आ गई तो हेपेटाइटिस की गिरफ्त में आने में देर नहीं लगती है। इसलिए इस रोग को चलती-फिरती मौत भी कहा जाता है। हेपेटाइटिस के मुख्यतः पांच तरह के वाइरस पाए जाते हैं जिसमें टाइप ए, बी,सी,डी और ई हैं।

हेपेटाइटिस को लेकर पिछले साल डब्लूएचओ द्वारा जारी की गई रिपोर्ट में कहा गया था कि सिर्फ भारत में ही 2 से 5 फीसदी लोग हेपेटाइटिस वाइरस की चपेट में हैं। यही नहीं संगठन ने आशंका जताई है कि आने वाले कुछ समय बाद विश्वभर में लगभग 150 मिलियन लोग इस बीमारी की चपेट में होंगे।


क्या है हेपेटाइटिस
हेपेटाइटिस मुख्यत: संक्रमण की बीमारी है। यह इसलिए भी अधिक घातक है क्योंकि यह शरीर में प्रवेश करने से पहले कोई लक्षण नहीं दिखाती है, और जब इस रोग के बारे में पता चलता है तब तक बहुत देर हो चुकी होती है। क्योंकि उस वक्त लीवर खराब हो चुका होता है। सिर्फ खून टेस्ट या कुछ गिने चुने लक्षणों से ही इस रोग को पहचाना जा सकता है। आइए हम आपको हेपेटाइटिस के लक्षण और कारणों से रूबरू कराते हैं।

हेपेटाइटिस के लक्षण
1) लीवर में सूजन आना
2) शरीर और पेशाब का रंग पीला होना
3) अक्सर पेट में दर्द होना और भूख ना लगना
4) हल्का बुखार और जोड़ों में दर्द
5) पेट और सिर में दर्द होना
6) उल्टी आना, जी मचलना और कमजोरी महसूस होना


हेपेटाइटिस के कारण
1) दूषित खाना खाना
2) साफ सफाई का अभाव
3) असुरक्षित सेक्स करना
4) हेपेटाइटिस बी से संक्रमित सुई, ब्लेड या किसी अन्य उपकरण का प्रयोग करना
5) गर्भावस्था के दौरान मां से शिशु में फैलना
6) बीमारी से पीड़ित मरीज का टूथ ब्रश इस्तेमाल करना


विशेष— हेपेटाइटिस वाकई में बहुत जानलेवा रोग है। इसकी चपेट में आने से बचने के लिए सफाई रखें, हाथ धोकर खाना खाएं और अपने बच्चों को बाहर से आकर हाथ-मुंह धोने के लिए कहें। इस रोग से बचने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि महीने में एक बार अपने परिवार सहित खुद का ब्लड टेस्ट कराएं। हेपेटाइटिस की जांच ब्लड टेस्ट से सबसे अच्छी होती है। अच्छी बात यह है हाथ मिलाने, खांसी या फिर छिकने से यह रोग नहीं फैलता है।

बीमारियों से रहना है दूर तो बदलिए लाइफस्टाइल


आधे से ज्यादा बीमारियों की चपेट में हम अपने खराब लाइफस्टाइल की वजह से आते हैं। यानि कि लगभग आधे से ज्यादा बीमारियों के लिए हम खुद ही जिम्मेदार होते हैं। इसलिए बीमारी के वक्त मौसम या किसी और चीज को कोसना बंद कीजिए। कैसे? वो ऐसे कि हमारे खानपान का सीधा असर हमारे स्वास्थ्य पर पड़ता है। यदि हम दूषित और अनियमित खानपान को अपनाएंगे तो 99 प्रतिशत हमारा बीमार पड़ता लाजमी है।

लाइस्टाइल बीमारियां
लाइस्टाइल बीमारियां यानि कि जैसे इन दिनों मानसून का मौसम चल रहा है। अगर हम ऐसे मौसम में ज्यादा फास्ट फूड और गंदा खाना खाएंगे तो हमें वायरल बुखार, पीलिया, हैजा, कमजोरी, मोटापा और टाइफाइड जैसे रोग निश्चित तौर पर लगेंगे।

प्रोटीओमेगा सप्लीमेंट
इन सब से बचने का सबसे अच्छा माध्यम है कि हम एक हेल्दी डाइट अपनाएं और अपने आहार में ज्यादा से ज्यादा प्रोटीन को शामिल करें। प्रचुर मात्रा में प्रोटीन, ओमेगा और कई पोषक तत्वों से बना Dr.G wellness का प्रोटीओमेगा सप्लीमेंट आपको लाइफस्टाइल बीमारियोंं से बचाने के साथ ही आपको एक स्वस्थ शरीर प्रदान कर सकता है। इस सप्लीमेंट की खासियत यह है कि यह हमारे पेट में फंसें गंदे मल को एनस के द्वारा बाहर निकाल देता है और हमको एक स्वस्थ शरीर प्रदान करता है। इस सप्लीमेंट को पानी, दूध या फिर किसी भी शेक्स के साथ लिया जा सकता है।

स्वस्थ शरीर और चमकती हुई त्वचा देता है प्रोटीओमेग


त्वचा की देखभाल हर उम्र में जरूरी होती है। अक्सर महिलाएं चाहती हैं कि वह हेल्दी स्किन के साथ ही स्वस्थ भी रहें। ताकि उनके चेहरे पर आने वाला निखार प्राकृतिक दिखें। लेकिन व्यस्त लाइफस्टाइल और खराब खानपान के चलते यह मुमकिन हो पाना थोड़ा सा मुश्किल हो जाता है।


प्रोटीओमेगा
अगर खाने में प्रोटीन को शामिल किया जाए तो आप स्वस्थ रहने के साथ ही चमकती हुई त्वचा भी हासिल कर सकते हैं। प्रोटीन की सही मात्रा का सेवन करने के लिए आप बाजारों में मिलने वाले कैमिकल युक्त पदार्थों का सेवन करने के बजाय प्राकृतिक पोषक तत्वों से बना Dr.G wellness का प्रोटीओमेगा सप्लीमेंट का सेवन कर सकते हैं। इस सप्लीमेंट में प्रोटीन, ओमेगा और कई ऐसे पोषक तत्व मिले हुए हैं जो आपकी स्किन को भीतर से सही करेंगे। जिससे आपको अपने चेहरे पर कुछ ही समय में गुलाब की पत्तियों की तरह निखार दिखने लगेगा।

थाइराइड से छुटकारा दिलाता है प्रोटीओमेगा, रखता है स्वस्थ


वर्तमान समय में अति व्यस्त, तनावपूर्ण जीवनशैली और दूषित खानपान के कारण मानो लोगों का बीमारियों के साथ रिश्ता सा जुड़ गया है। अनियमित और प्रोटीन रहित खानपात के चलते होने वाली बीमारियों में थाइराइड नामक जानलेवा बीमारी भी शामिल है। थाइराइड उन गंभीर बीमारियों में से एक है जिसकी चपेट में आते ही पीड़ित को जीवन से ज्यादा मौत प्यारी लगने लगती है।

क्या है थाइराइड
थाइराइड ऐसी बीमारी है जो गर्दन और स्वर तंत्र की तरफ तितली के आकार में होती है। हालांकि थायराइड दो तरह का होता है। हाइपरथायराइडिज्म और हाइपोथायराइड। यह रोेग लगते ही वजन का बढ़ना और कम होना, बालों का झड़ना, महिलाओं के पीरियड्स में अनियमितता आना, थकान महसूस होना और डिप्रेशन जैसे खतरनाक लक्षण शामिल हैं। यह रोग महिलाओं में अधिक घर करता है।


कैसे बचें इससे
लगभग 99.9 बीमारियां हमारे खानपान पर निर्भर करती हैं। जब तक हम अपने खानपान में प्रोटीन की अधिक से अधिक मात्रा को शामिल नहीं करेंगे तक हम किसी भी कीमत पर स्वस्थ नहीं रह सकते। लेकिन व्यस्त जीवनशैली होने के चलते किसी के पास इतना वक्त नहीं है कि वह प्रोटीन के पीछे भागे।

इसलिए हम आपकी इस समस्या को दूर करने के लिए आपको Dr.G wellness के प्रोटीओमेगा सप्लीमेंट से रूबरू करा रहें हैं। इस सप्लीमेंट में प्रोटीन, आमेगा-3, ओमेगा-6 के साथ कई ऐसे प्राकृषिक पोषक तत्वों को मिश्रण है जो थाइराइड जैसी लाखों जानलेवा बीमारियों के लिए रामबाण साबित हो चुका है।


थाइराइड के लिए सिर्फ प्रोटीओमेगा ही क्यों?
अगर आप या आपके कोई परिजन थाइराइड के पीड़ित हैं और आप डॉक्टर से उनके लिए आहार तालिका बनाएंगे तो वो आहार तालिका में विटामिन, प्रोटीन और फाइबरयुक्त आहार का ज्यादा मात्रा में सेवन करने के लिए कहेंगे। जो कि Dr.G wellness के प्रोटीओमेगा सप्लीमेंट में प्रचुर मात्रा में पर्याप्त है। इसकी खास बात यह है कि इस सप्लीमेंट में 0.1 प्रतिशत भी किसी कैमिकल का प्रयोग नहीं किया गया है। इसे किसी भी तरलीय पदार्थ जैसे पानी, दूध या शेक्स के साथ स्मूथी के तौर पर लिया जा सकता है।

Tuesday, July 26, 2016

ब्लड प्रेशर की समस्या से निजात दिलाता है प्रोटीओमेगा


भागमभाग और तनाव भरी जिंदगी के चलते ब्लड प्रेशर का हाई और लो होने को अक्सर लोग एक आम बात कहते हैं। जबकि ब्लड प्रेशर का हाई या लो होना कोई आम बात नहीं बल्कि भविष्य में होने वाली कई बिमारियों का सूचक है। सबसे गंभीर बात यह है कि ब्लड प्रेशर की बीमारी होने से पहले कोई लक्षण दिखाई नहीं देते हैं, इसलिए इसे आमतौर पर​ साइलेंट किलर भी कहा जाता है।

ब्लड प्रेशर और प्रोटीओमेगा
व्यस्त जीवनशैली के चलते आज के समय में चाहते हुए कोई अपने खानपान पर ध्यान नहीं दे पाते हैं। जबकि सच यह है कि ब्लड प्रेशर का हाई और लोे होना हमारे खानपान पर निर्भर करता है। व्यक्ति अगर अपने खानपान में लापरवाही बरतेगा और अपने आहार में प्रोटीन को शामिल नहीं करेगा तो ब्लड प्रेशर का स्तर बिगड़ना लाजमी है। ब्लड के दोनों स्तर ही हमारे लिए जानलेवा साबित हो सकते हैं। क्योंकि लो में ब्लड शरीर के सभी अंगों तक नहीं पहुंच पाता है और हाई होने पर माइग्रेन और दौरे पड़ने का खतरा रहता है।

ब्लड प्रेशर लेवल और व्यस्त जीवनशैली दोनों को काबू करने के लिए Dr.G wellness का प्रोटीओमेगा सप्लीमेंट का सेवन आपके लिए रामबाण साबित हो सकता है। क्योंकि इस सप्लीमेंट में प्रोटीन, ओमेगा-3, ओमेगा-6 के साथ ही कई ऐसे पोषक तत्व शामिल हैं जिनकी हमें स्वस्थ रहने के लिए काफी जरूरत होती है।

मानसून में बढ़ती है कमजोरी, ऐसे बढ़ाएं ताकत-रहें स्वस्थ


मानसून आने पर हमें तपती गर्मी से राहत तो जरूरी मिलती है, लेकिन क्या आप ये जानते हैं कि मानसून अपने पीछे-पीछे कई तरह की बीमारियां भी साथ लाता है। अक्सर देखा जाता है कि मानसून के मौसम में लोगों में आलस्य आ जाता है यानि कि हमारा इम्यून सिस्टम अपेक्षाकृत थोड़ा शिथिल हो जाता है और हम अपने खानपान को लेकर लापरवाही बरतने लगते हैं। जिसका खामियाजा हमें गंभीर बीमारियों की गिरफ्त में आकर भुगतना पड़ता है।

प्रोटीन मतलब प्रोटीओमेगा
मौसम चाहे कोई भी हो लेकिन शरीर को हर स्थिति में प्रोटीन की जरूरत होती है। क्योंकि शरीर यह नहीं जानता कि मानसून चल रहा है या सर्दी-गर्मी। वैसे तो हमारे सामने प्रोटीन ग्रहण करने के कई विकल्प होते हैं लेकिन समय की कमी के चलते हम लोग उनका सेवन करने में असमर्थ हो जाते हैं।

लेकिन अब आपको प्रोटीन कब और कैसे ले ये सोचने की जरूरत है। क्योंकि हम आपको प्राकृतिक पोषक तत्वों से बना ऐसा सप्लीमेंट बता रहे हैं जिसमें प्रोटीन कूट-कूटकर भरा हुआ है। जी हां, Dr.G wellness का प्रोटीओमेगा सप्लीमेंट ऐसे प्राकृतिक पोषक तत्वों से बना हुआ है जिसका नियमित सेवन करने से आप बारहों मास स्वस्थ रह सकते हैं।

ऐसा इसलिए क्योंकि प्रोटीओमेगा प्रोटीन और ओमेगा-3,6 के साथ ही कई ऐसे पोषक तत्वों से बना हुआ है जिनकी हमारे शरीर को हर स्थिति में जरूरत होती है। प्रोटीओमेगा को पानी, दूध या फिर किसी भी शेक्स के साथ लेने से सभी समस्याओं का निपटारा होता है।

प्रोटीन के बहकावे में 'नकली' सब्जियों से रहें सावधान


आज के हाईटैक भरे दौर में अब फलों और सब्जियों से प्रोटीन प्राप्त करने की उम्मीद रखना भी बेवकूफी है। क्यों? क्योंकि बाजारों में हरी-भरी और ताजा दिखने वाली सब्जियां या फल असल में प्राकृतिक नहीं बल्कि इन्हें जल्दी पकाने और अच्छा दिखाने के लिए इनके साथ कैमिकल इंजेक्शनों से छेड़छाड़ की जाती है।

अभी तक हम लोग सिर्फ मावे में शक्कर, बेसन में मटर का भूसा और घी में डालडा जैसे उदाहरण ही सुनते आए हैं। लेकिन यह 100 प्रतिशत सही है कि अब फलों और सब्जियों में ऑक्सीटोसिन हार्मोन का इंजेक्शन लगा कर इन्हें रातों रात आकार में बड़ा किया जाता है। हम सब देखते हैं कि बाजारों में बिना सीजन वाले फल भी काफी फ्रैश हालत में पेश किए जाते हैं। खासतौर से बेमौसमी फल, सब्जी और चटक रंग के दिखने वाले उत्पादों के साथ ऑक्सीटोसिन हार्मोन के इंजेक्शन से छेड़छाड़ की जाती है। वैसे अगर असल में देखा जाए तो यह मिलावट सब्जी या फलों के साथ नहीं बल्कि हमारी सेहत के साथ हो रही है।


ऐसे होते हैं हम बीमार
​कैमिकलों से पैदा किए हुए फल और सब्जी को हमारा लीवर जल्दी से पचा नहीं पाता है। डीडीटी और बीएचसी जैसे कीटनाशक को भी लीवर जल्दी से नहीं तोड़ पाता है। जिसके बाद ये शरीर में जमा होने लगते हैं और यहीं से पाचन तंत्र व अन्य बीमारियों की गिरफ्त में आ जाते हैं।


प्रोटीओमेगा से ग्रहण करें प्रोटीन
हम आपसे दावे के साथ कहते हैं कि Dr.G wellness का प्रोटीओमेगा सप्लीमेंट ऐसे प्राकृतिक पोषक तत्वों से बना हुआ है जिसका नियमित सेवन करने से आपको आर्टिफिशियल ​सब्जी या फलों का सेवन करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। क्योंकि प्रोटीओमेगा सप्लीमेंट में प्रचुर मात्रा में प्रोटीन और ओमेगा-3, ओमेगा-6 होने के साथ ही कॉर्बोहाइड्रेट, फाइबर, फैट, एनर्जी के साथ ही कई अन्य पोषक तत्व शामिल हैं। इन सभी तत्वों का आज के भागदौड़ भरे दौर में सेवन करना बेहद जरूरी है। इसलिए हम आपको यही सलाह देंगे कि प्रोटीन के फेर में आर्टिफिशियल सब्जी या फलों का सेवन करने से बचें और प्रोटीओमेगा का पानी, दूध या फिर किसी भी शेक्स के साथ नियमित रूप से सेवन करें। 

प्रोटीओमेगा आजमाएं, पाचन की समस्या को दूर भगाएं


अनियमित खानपान और व्यस्त जीवनशैली के चलते आज लगभग हर तीसरा व्यक्ति पाचन तंत्र से जुड़ी समस्या से परेशान है। अधेड़ उम्र के लोगों के साथ ही युवा भी पाचन की समस्या से घिरे हुए हैं। अक्सर लोगों की शिकायतें रहती हैं कि तमाम तरह के हथकंडे अपनाने के बावजूद पाचन की समस्या से निपटारा नहीं हो रहा है? वहीं,  डॉक्टरों व एक्सपर्टों का दावा है कि लगभग 80 प्रतिशत ​बीमारियों का उद्भव खराब पाचन तंत्र की वजह होता है। एक बार व्यक्ति का पाचन खराब हो गया तो वह कई तरह की बीमारियों से घिरने लगता है।


ये है पाचन का सही इलाज
अगर देखा जाए तो पाचन के मरीजों की शिकायतें काफी हद तक सही भी हैं। आज के समय में लगभग हर चीज कैमिकल से बनी हुई है। इसलिए कोई नई चीज का अनुभव करने में अक्सर लोगों के मन झिझक होती है। आज आपकी इस झिझक को खत्म करते हुए हम आपको ऐसा सप्लीमेंट बता रहें हैं जिससे पाचन संबंधी हर ​बीमारी दूर होने के साथ ही आप स्वस्थ भी रहेंगे। जी हां,  Dr.G wellness का प्रोटीओमेगा सप्लीमेंट ऐसे प्राकृतिक पोषक तत्वों से बना हुआ है जो पाचन से जुड़ी हर समस्या को जड़ से खात्मा करता है।


क्यों खास है प्रोटीओमेगा
प्रोटीओमेगा सप्लीमेंट में प्रचुर मात्रा में प्रोटीन और ओमेगा-3, ओमेगा-6 होने के साथ ही कॉर्बोहाइड्रेट, फाइबर, फैट, एनर्जी के साथ ही कई अन्य पोषक तत्व शामिल है। जो पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने के लिए हर कीमत पर मायने हैं। प्रोटीओमेगा को पानी, दूध या फिर किसी भी शेक्स के साथ लेने से लीवर, आंत और फूड पाइप से जुड़ी सभी समस्याओं का निपटारा होता है। प्रोटीओमेगा का नियमित सेवन करने से पाचन तंत्र से जुड़ी समस्याओं का निपटारा तो होता ही है साथ ही खाने को पचाना भी काफी आसान हो जाता है। 

Monday, July 25, 2016

सावधान! क्या आप जानते हैं 'जहरीली दालों' के पीछे का ये सच?

हम लोग अक्सर प्रोटीन का सेवन करने के लिए दालों को प्राथमिकता देते हैं। क्योंकि दालों में काफी मात्रा में प्रोटीन के साथ ही कई पोषक तत्व भी पाए जाते हैं। वहीं, डॉक्टर भी हमें अपने आहार में दाल को शामिल करने की सलाह देते हैं।

जहरीली दालें
क्या आपने कभी यह सोचा है कि जब भारत के कुछ हिस्सों को छोड़ कर बाकी जगह बारीश ही नहीं हो रही है और दालों की पैदावार भी कम है, फिर भी हमें कैसे औसतन दामों में अच्छी किस्म की दालें उपलब्ध हो रही है?

अगर आप यह नहीं जानते तो  इस जाल के पीछे का सच आज हम आपको बताएंगे। दरअसल, शहरों में तकनीक इतनी विकसित हो गई है कि यहां खोखली दालों के ऊपर प्राकृतिक छिल्के जैसी आर्टिफिशियल परत चढ़ाई जाती है। इतना ही नहीं दालों को फ्रैश दिखाने के लिए इनके उपर इस तरह की पॉलिश की जाती है जो एकदम प्राकृतिक लगती है।


ऐसे में जब हम इस तरह की दालों का सेवन करते हैं तो प्रोटीन मिलना तो दूर हम शारीरिक रूप से बीमार पड़ जाते हैं। कई बार इस तरह की दालें हमें गंभीर ​बीमारियों के दलदल में भी धकेल देती हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि यह मिलावट इतनी सावधानी के साथ की जाती है कि आम आदमी तो दूर कभी कभार एक बड़ा व्यापारी भी दालों के पीछे का सच जानने में धोखा खा जाता है।

क्या है प्रोटीन का सही माध्यम?
आधुनिक समय में अपनी सेहत पर ध्यान के लिए किसी के पास समय नहीं है। खासतौर से कामकाजी लोगों के पास। ऐसे में उन्हें जिस समय जो कुछ भी खाने को मिलता है वह खा लेते हैं। बिना यह सोचे समझे कि इसमें प्रोटीन शामिल है या नहीं? इस व्यस्त और भागदौड़ भरी जिंदगी में प्रोटीन का सही मात्रा में सेवन करने के लिए Dr.G Wellness का प्रोटीओमेगा सप्लीमेंट सबसे सफल और उच्च विकल्प है।

कैमिकल तत्वों से रहित इस सप्लीमेंट में प्रचुर मात्रा में प्रोटीन, ओमेगा-3, ओमेगा-6, कॉर्बोहाईड्रेट, फाइबर और कई अन्य पोषक तत्व शामिल हैं। इस सप्लीमेंट को पानी, दूध या फिर किसी भी तरह के शेक्स के साथ मिलाकर लिया जा सकता है। प्रोटीओमेगा की खासियत यह है कि यह प्रोटीन ग्रहण करने का एक ऐसा स्रोत है जो प्राकृतिक तत्वों से तो बना ही है साथ ही इसका सेवन करना भी काफी आसान है।


विशेष: हम आपसे यहां ये नहीं कह रहे हैं कि बाजारों में मिलनी वाली हर दाल नकली है। लेकिन यह भी सच है कि लगभग 60 फीसदी दालों के साथ छेड़छाड़ की जाती है। अंतत: हम आपको यही सलाह देंगे कि आप प्रोटीन के सेवन के लिए प्रोटीओमेगा का सेवन करें। सिर्फ 5 मिनट में बनने वाला प्रोटीओमेगा का शेक आपको एक स्वस्थ जीवन प्रदान करा सकता है।

बच्चों के संपूर्ण विकास के लिए सिर्फ प्रोटीओमेगा

पहले के समय में बच्चा लगभग 20 साल की उम्र के बाद अपने बराबर के बच्चों के साथ पढ़ाई और करियर को लेकर प्रतिस्पर्धा करता था। लेकिन आज का समय इतना एडवांस हो गया है अभिभावक छोटी से उम्र में ही अपने बच्चों पर खुद की उम्मीदों का टोकरा रख देते हैं। अगर बच्चें उन उम्मीदों पर खरे उतर गए तब तो उनकी वाहवाई होती है, नहीं तो अभिभावक सफल बच्चों का उदाहरण देकर व बात-बात पर ताने माकर उन्हें उनकी प्राकृतिक क्षमता से भी कमजोर बना देते हैं।

खुशखबरी! प्रोटीओमेगा दिलाएगा पतलेपन से छुटकारा

संघर्षी वातावरण में हम लोग इतने अंधे हो गए हैं कि अपने बच्चों के खानपान पर ध्यान देने के बजाय उनके आगे सिर्फ उम्मीदों का घड़ा रख देते हैं। जबकि हकीकत यह है कि बच्चों का सम्पूर्ण विकास और शारीरिक क्षमता सिर्फ उसके खानपान पर निर्भर करती है। जब तक बच्चों के आहार में प्रोटीन शामिल नहीं होगा तक तक बच्चें एक स्वस्थ शरीर पाने में अक्षम रहेंगे। क्योंकि खानपान का सीधा असर हमारी सेहत और उज्ज्वल मस्तिष्क पर पड़ता है। बच्चा अपने आहार में जितना अधिक मात्रा में प्रोटीन और पोषक तत्वों का सेवन करेगा उतना ही अच्छा उसके शरीर का विकास होगा।


आजकल का खानपान
आजकल का खानपान इतना कैमिकल युक्त हो गया है वह हमारे इम्यून सिस्टम को कमजोर करता जा रहा है। दैनिक आहार में कुछ ना कुछ फास्ट फूड शामिल होने के चलते बच्चों को पौष्टिक से नफरत होती जा रही है। एक तो शहरों का प्रदूषण भरा माहौल और दूसरा बच्चों का बेकार खानपान उनके संपूर्ण विकास पर विराम लगा देते है। जिससे बच्चें छोटी से उम्र में ही शारीरिक रूप से अस्वस्थ और कई गंभीर बीमारियों से घिरने लगते हैं।

प्रोटीओमेगा से दूर होता है डिप्रेशन, मिलती है शांति

इस स्थिति में परिजन अफरा-तफरी में बच्चों के विकास के लिए बाजारों में बिक रहे तमाम तरह के सप्लीमेंट और दवाईयों का सहारा लेते हैं और अपने बच्चों को स्वस्थ होने की दुआई देकर जबरन उनका सेवन करने के लिए दबाव डालते हैं। जिससे या तो साइडइफेक्ट होने शुरू हो जाते हैं और या फिर बच्चे बीमार पड़ जाते हैं।


संपूर्ण विकास के लिए सिर्फ प्रोटीओमेगा
प्रोटीओमेगा यानि कि प्रोटीन और ओमेगा के मिश्रण से बना एक ऐसा सप्लीमेंट जो बच्चों में हर तरह से विकास करने में कामयाब है। Dr.G Wellness के प्रोटीओमेगा सप्लीमेंट में प्रचुर मात्रा में प्रोटीन, ओमेगा-3, ओमेगा-6, कॉर्बोहाईड्रेट, फाइबर और अन्य पोषक तत्व हैं। इन सभी तत्वों की बच्चों को छोटी सी उम्र में ही जरूरत होती है। इस सप्लीमेंट के नियमित सेवन से बच्चों के ​मस्तिष्क विकास के साथ-साथ उनका वजन, भूख, आखों की रोशनी, हाईट, पाचन तंत्र और इम्यून सिस्टम आदि सभी चीजें संतुलित रहती हैं।

अच्छे स्वास्थ्य का मंत्र है प्रोटीओमेगा

इसे पानी, दूध या किसी भी शेक्स में मिलाकर देने से बच्चें हर तरह की बीमारी से अछूत रहते हैं। यह सप्लीमेंट जितना हेल्दी है उतना ही स्वादिष्ट भी है। प्रोटीओमेगा की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इस अकेले सप्लीमेंट में सभी महत्वपूर्ण पौषक तत्व प्रचुर मात्रा में पर्याप्त हैं।

Saturday, July 23, 2016

खुशखबरी! प्रोटीओमेगा दिलाएगा पतलेपन से छुटकारा




हद से ज्यादा पतला होने के चलते अगर आप भी कमजोर पहलवान, हड्डी, माचिस की तिल्ली, छिपकली और हैंगर में टंगे कपड़ों जैसी शर्मनाक टि​प्पणियों का सामना कर रहे हैं तो अब आपको इससे मुक्ति मिलने वाली है। चाहे पुरुष हो या महिला हर कोई फिट फिगर पाने की चाह रखता है। लेकिन कई बार हद से ज्यादा पतला होना हमारे लिए शर्म और लोगों से मुंह छिपाने का कारण बन जाता है। जिससे बचने के लोग कैमिकल युक्त सप्लीमेंट या दवाईयां का सहारा लेते हैं। जिनसे फायदा होने के बजाय अक्सर साईइफेक्ट ही हाथ लगते हैं।


'अनफिट इंडिया'
आज के दौर में अत्यधिक व्यस्त और तनाव भरी जिंदगी होने के चलते आलम यह है कि सिर्फ 10 प्रतिशत लोग ही हेल्दी लाइफ एॅन्जाय कर रहे हैं। देशभर में जहां 70 प्रतिशत मोटापे से परेशान हैं तो वहीं 20 प्रतिशत लोग पतलेपन से परेशान। मोटे से पतले होने के उपाय तो अक्सर देखने को मिलते हैं लेकिन प्रतिशत कम होने के चलते पतले से मोटे होने के टिप्स पता लगाना थोड़ा मुश्किल हो जाता है।


सप्लीमेंट मतलब प्रोटीओमेगा
अगर आप भी अपनी उम्र के हिसाब से काफी पतले हैं और फिट फिगर पाना चाहते हैं तो आपको जरूरत है Dr.G Wellness प्रोटीओमेगा सप्लीमेंट को अपने आहार में शामिल करने की। यह सप्लीमेंट प्रोटीन और ओमेगा-3 व ओमेगा- 6 से बना ऐसा सप्लीमेंट जो प्राकृतिक तौर पर वजन बढ़ाने के साथ साथ ऊर्जा भी प्रदान करना।

अब आप यह सोच रहे होंगे कि प्रोटीओमेगा ही क्यों? सिर्फ प्रोटीओमेगा ही इसलिए क्योंकि प्रोटीन, ओमेगा, एनर्जी, कॉर्बोहाइड्रेट, फैट के साथ साथ कई अन्य तरह के पोषण तत्वों का इस्तेमाल किया गया है। जो वजन को संतुलित करने में मदद करता है। प्रोटीओमेगा सप्लीमेंट को नियमित रूप से पानी, दूध या किसी भी शेक्स में मिलाकर लेने से मांसपेशी के सुडौल होने के साथ ही हॉर्मोन भी नियंत्रण में आते हैं।