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Thursday, August 11, 2016
मोटापे से हैं परेशान, तो प्रोटीओमेगा है समाधान
By Rashmi Upadhyay4:19 AM#Dr.G, #Dr.Gwellness, #health benefits, #healthcare, #healthtips, #protein, #protein supplement, #ProtiOmegaNo comments
आज के समय में बिगड़े लाइफस्टाइल की वजह से हर तीसरा आदमी अपने मोटापे से परेशान है। जब मोटापा हद से ज्यादा बढ़ने लगता है तो लोग इसे कम करने के लिए बिना सोचे समझे कुछ भी हथकंडे अपना लेते हैं। अगर आप भी कुछ ऐसा ही कर रहे हैं या ऐसा करने जा रहे हैं तो सावधान हो जाएं। क्योंकि उल्टे सीधे तरह से वजन कम करना आपको बेहतर दिखने में तो मदद कर सकता है लेकिन यह आपके लिए मानसिक तौर पर बहुत हानिकारक साबित होगा। एक अच्छे तरह से वजन कम करने के लिए सबसे जरूरी है आप अपनी डाइट को हेल्दी और हल्का करें। अपने आहार में से फास्ट फूड और तले-भुने खाने को बिल्कुल नजरअंदाज करें।
हेल्दी डाइट से वजन कम से दो फायदे होते हैं। पहला-आपके शरीर में अतिरिक्त चर्बी नहीं बनती, दूसरा-वजन कम होने के साथ ही आपके शरीर में काफी एनर्जी रहती है। वैसे तो बाजारों में वजन घटाने के लिए कई तरह के फूड सप्लीमेंट मिलते हैं। लेकिन उनमें से ज्यादातर सप्लीमेंट में आर्टिफिशल शुगर और फ्लेवर के साथ ही प्रोटीन की सहीं मात्रा नहीं होती है। जिसके चलते लोगों को पेट में दर्द, पेट फूलना, गैस, कब्ज और गंदी डकारे आने की शिकायत होती है।
अगर आप एक हेल्दी सप्लीमेंट के साथ वजन कम चाहते हैं तो Dr.G wellness का आयुर्वेदिक हेल्थ सप्लीमेंट प्रोटीओमेगा आपकी समस्या का हल है। नेचुरल सप्लीमेंट प्रोटीओमेगा में न्यूजीलेंड की घास खाने वाली गायों के दूध से 'वे' (Whey) प्रोटीन को डाला गया है। वे प्रोटीन एनर्जी के साथ वजन कम करने का सबसे अच्छा माध्यम है। वे प्रोटीन से वजन कम करने को मेडिकल विभाग ने भी मंजूरी दी है। इसके साथ ही प्रोटीओमेगा में 'स्टीविया' की पत्तियों से कड़वे भाग को हटाकर मीठे भाग से नेचुरल स्वीटनर और 'चिया' के बीजों से नेचुरल ओमेगा-3 फैटी एसिड लिया है। फाइबर वजन कम करने के दौरान आपके शरीर की मांसपेशियों को मजबूती प्रदान करता है। प्रोटीओमेगा इसलिए भी खास है क्योंकि इसके हर 20 ग्राम के पाउच में 10.87 यानि कि आधे से ज्यादा मात्रा प्रोटीन की है।
इस नेचुरल सप्लीमेंट को स्वादिष्ट बनाने के लिए प्राकृतिक 'वनिला बीन्स' से वनिला फ्लेवर लिया है। इसके अलावा इसमें कॉर्बोहाइड्रेट, फाइबर और फैट के साथ ही कई अन्य पोषक तत्व भी शामिल हैं। प्रोटीओमेगा को खराब होने से बचाने के लिए इसमें रोजमेरी और निसिन डाला गया है।
सावधान— अगर आपके बच्चे या आप थोड़े बहुत भी मोटे हैं तो आप नेचुरल प्रोटीओमेगा सप्लीमेंट को अनार, अनानास और स्ट्राबेरी जैसे फलों को सादे पानी और कुछ बर्फ के टुकड़ों के साथ स्मूदी बनाकर लें। वहीं, अगर आप कम वजन या थोड़ा कमजोर हैं तो आप प्रोटीओमेगा को दूध या फिर किसी भी शेक के साथ मिलाकर ले सकते हैं।
मोटापे से हैं परेशान, तो प्रोटीओमेगा है समाधान
By Rashmi Upadhyay4:19 AM#Dr.G, #Dr.Gwellness, #health benefits, #healthcare, #healthtips, #protein, #protein supplement, #ProtiOmegaNo comments
आज के समय में बिगड़े लाइफस्टाइल की वजह से हर तीसरा आदमी अपने मोटापे से परेशान है। जब मोटापा हद से ज्यादा बढ़ने लगता है तो लोग इसे कम करने के लिए बिना सोचे समझे कुछ भी हथकंडे अपना लेते हैं। अगर आप भी कुछ ऐसा ही कर रहे हैं या ऐसा करने जा रहे हैं तो सावधान हो जाएं। क्योंकि उल्टे सीधे तरह से वजन कम करना आपको बेहतर दिखने में तो मदद कर सकता है लेकिन यह आपके लिए मानसिक तौर पर बहुत हानिकारक साबित होगा। एक अच्छे तरह से वजन कम करने के लिए सबसे जरूरी है आप अपनी डाइट को हेल्दी और हल्का करें। अपने आहार में से फास्ट फूड और तले—भुने खाने को बिल्कुल नजरअंदाज करें।
हेल्दी डाइट से वजन कम से दो फायदे होते हैं। पहला— आपके शरीर में अतिरिक्त चर्बी नहीं बनती, दूसरा— वजन कम होने के साथ ही आपके शरीर में काफी एनर्जी रहती है। वैसे तो बाजारों में वजन घटाने के लिए कई तरह के फूड सप्लीमेंट मिलते हैं। लेकिन उनमें से ज्यादातर सप्लीमेंट में आर्टिफिशल शुगर और फ्लेवर के साथ ही प्रोटीन की सहीं मात्रा नहीं होती है। जिसके चलते लोगों को पेट में दर्द, पेट फूलना, गैस, कब्ज और गंदी डकारे आने की शिकायत होती है।
अगर आप एक हेल्दी सप्लीमेंट के साथ वजन कम चाहते हैं तो Dr.G wellness का आयुर्वेदिक हेल्थ सप्लीमेंट प्रोटीओमेगा आपकी समस्या का हल है। नेचुरल सप्लीमेंट प्रोटीओमेगा में न्यूजीलेंड की घास खाने वाली गायों के दूध से 'वे' (Whey) प्रोटीन को डाला गया है। वे प्रोटीन एनर्जी के साथ वजन कम करने का सबसे अच्छा माध्यम है। वे प्रोटीन से वजन कम करने को मेडिकल विभाग ने भी मंजूरी दी है। इसके साथ ही प्रोटीओमेगा में 'स्टीविया' की पत्तियों से कड़वे भाग को हटाकर मीठे भाग से नेचुरल स्वीटनर और 'चिया' के बीजों से नेचुरल ओमेगा-3 फैटी एसिड लिया है। फाइबर वजन कम करने के दौरान आपके शरीर की मांसपेशियों को मजबूती प्रदान करता है। प्रोटीओमेगा इसलिए भी खास है क्योंकि इसके हर 20 ग्राम के पाउच में 10.87 यानि कि आधे से ज्यादा मात्रा प्रोटीन की है।
इस नेचुरल सप्लीमेंट को स्वादिष्ट बनाने के लिए प्राकृतिक 'वनिला बीन्स' से वनिला फ्लेवर लिया है। इसके अलावा इसमें कॉर्बोहाइड्रेट, फाइबर और फैट के साथ ही कई अन्य पोषक तत्व भी शामिल हैं। प्रोटीओमेगा को खराब होने से बचाने के लिए इसमें रोजमेरी और निसिन डाला गया है।
सावधान— अगर आपके बच्चे या आप थोड़े बहुत भी मोटे हैं तो आप नेचुरल प्रोटीओमेगा सप्लीमेंट को अनार, अनानास और स्ट्राबेरी जैसे फलों को सादे पानी और कुछ बर्फ के टुकड़ों के साथ स्मूदी बनाकर लें। वहीं, अगर आप कम वजन या थोड़ा कमजोर हैं तो आप प्रोटीओमेगा को दूध या फिर किसी भी शेक के साथ मिलाकर ले सकते हैं।
Wednesday, August 10, 2016
जानिए, हमारे शरीर के लिए क्यों जरूरी है प्रोटीन?
By Rashmi Upadhyay6:26 AM#Dr.G, #Dr.Gwellness, #health benefits, #healthcare, #healthtips, #protein, #protein supplement, #ProtiOmegaNo comments
एक स्वस्थ शरीर के लिए अपने आहार में प्रोटीन को शामिल करना बेहद जरूरी है। प्रोटीन रहित भोजन से स्वस्थ और बीमारी मुक्त जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। लेकिन यहां हम आपको यह भी बताते चल रहे हैं कि आप चाहे शाकाहारी हैं या मांसाहारी, दोनों ही स्थिति में आपको प्रोटीन की बेहद जरूरत है।
क्यों? क्योंकि, आज के समय में प्रोटीन की सही मात्रा ना तो शाकाहारी भोजन में है और ना ही मांसाहारी भोजन में मौजूद है। सिर्फ यही कारण है कि हम लोग बिना वजह लाइफस्टाइल और पेट से जुड़ी बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि खाने में प्रोटीन को नजरअंदाज कर हम अपनी जिंदगी के साथ कितना बड़ा खिलवाड़ कर रहे हैं? जी हां, शायद आप यह नहीं जानते कि प्रोटीन युक्त आहार का सेवन करना एक स्वस्थ जीवन जीने के लिए बेहद जरूरी है।
चाहे बच्चा हो, बूढ़ा हो या फिर कोई जवान, प्रोटीन हर किसी के शरीर के विकास और उसे बढ़ाने में मदद करता है। लेकिन आज के मिलावट खोर समय में बाजारों में मिलने वाली किसी भी चीज से प्रोटीन मिलने की उम्मीद को बेवकूफी कहना गलत नहीं होगा। दूध, दही, पनीर और सब्जियों से लेकर दाल तक हर किसी में मिलावट की बात सामने आ चुकी है। यहां तक कि प्रोटीन के नाम पर बिकने वाले ज्यादातर सप्लीमेंट्स में भी वास्तव में सही मात्रा में प्रोटीन नहीं होता है। ऐसे में हम आपको यहां सावधान कर रहे हैं कि आप जब भी प्रोटीन के लालच में कोई चीज खरीदें तो पहले उस प्रॉडक्ट में इस्तेमाल की गई सामग्रियों पर जरूर नजर डालें।
क्यों जरूरी है प्रोटीन
आप चाहे खूबसूरत दिखना चाहते हैं, बॉडी बनाना चाहते हैं या अपनी हाईट में ग्रोथ चाहते हैं हर चीज के लिए आपको प्रोटीन की जरूरत होती है। आइए इसके अलावा हम आपको प्रोटीन से मिलने वाले ऐसे 10 फायदों के बारे में बताते हैं जिन्हें आपका जानना बेहद जरूरी है।
1) प्रोटीन की मदद से ही हम अपने रोजमर्रा के कामों को अच्छी तरह कर सकते हैं
2) एक्सरसाइज के बाद प्रोटीन का सेवन करने से मांसपेशियों में अधिक मजबूती आती है
3) नाखून और बालों के बढ़ने का माध्यम सिर्फ प्रोटीन है
4) प्रोटीन के नियमित सेवन से ही हम एक स्वस्थ पाचन तंत्र पा सकते हैं
5) प्रोटीन में पर्याप्त मात्रा में मौजूद अमीनो एसिड्स मांसपेशियों को तंदरुस्त और मजबूत बनाते हैं।
6) WHO (विश्व स्वास्थ्य संगठन) के मुताबिक हर किसी को प्रति किलोग्राम पर 1 ग्राम प्रोटीन की आवश्यकता होती है। यानि कि अगर किसी का वजन 50 किलो है तो उसे रोजाना 50 ग्राम प्रोटीन का सेवन करना चाहिए
7) प्रोटीन को शरीर के लिए सबसे जरूरी माइक्रोन्युट्रिएंट्स में से एक कहा जाता है
8) प्रोटीन हमारी शारीरिक और मानसिक क्षमता को बढ़ाने मेें मदद करता है
बच्चों के लिए दूध और प्रोटीओमेगा की जोड़ी है शानदार
By Rashmi Upadhyay5:53 AM#Dr.G, #Dr.Gwellness, #health benefits, #healthcare, #healthtips, #protein, #protein supplement, #ProtiOmegaNo comments
आजकल बच्चे दूध के स्वाद को बेकार कहकर इसे पीने से बचते हैं। जबकि दूध एक अकेला ऐसा पदार्थ है जिसमें प्रोटीन की भारी मात्रा मौजूद होती है। ऐसी स्थिति में अभिभावक दूध के पौष्टिक तत्वों को बच्चों तक पहुंचाने के लिए बाजारों से तरह-तरह के सप्लीमेंट्स खरीद कर लाते हैं, ताकि उन्हें दूध में मिलाकर बच्चों को दिया जा सके। लेकिन क्या आप जानते हैं कि बाजारों में मिलने वाले ज्यादातर सप्लीमेंट्स में प्रोटीन तो होता है लेकिन वह बच्चों में विकास की दर को बढ़ाने में कामयाब साबित नहीं हो पाता? ऐसे में परिजनों के सामने एक बड़ी समस्या खड़ी हो जाती है कि वह प्रोटीन के लिए आखिर अपने बच्चों को क्या दें।
आज के भागदौड़ भरे समय में बच्चों में अनियमित खानपान का प्रभाव रहता है। ऐसे में आप अपने बच्चों की बेहतर ग्रोथ और उनके सम्पूर्ण विकास के लिए किसी अच्छे हेल्थ सप्लीमेंट का प्रयोग कर सकते हैं। Dr.G wellness का आयुर्वेदिक हेल्थ सप्लीमेंट प्रोटीओमेगा आपकी इस समस्या का हल साबित हो सकता है। प्रोटीओमेगा एक ऐसा हेल्दी सप्लीमेंट है जो बच्चों में शारीरिक के साथ-साथ मानसिक ग्रोथ करने में भी मददगार है।
क्यों खास है प्रोटीओमेगा
1) प्रोटीओमेगा सप्लीमेंट में प्रचुर मात्रा में प्रोटीन, ओमेगा-3 फैटी एसिड, कॉर्बोहाइड्रेट, फाइबर और फैट के साथ ही कई ऐसे पौष्टिक तत्व हैं जिसके नियमित सेवन से बच्चों को अतिरिक्त एनर्जी मिलती है।
2) प्रोटीओमेगा में बच्चों की पसंद को ध्यान में रखते हुए वनिला बीन्स से नेचुरल वनिला फ्लेवर को लिया गया है। जिससे इस हेल्थ सप्लीमेंट का स्वाद काफी अच्छा बना है।
3) इसमें आर्टिफिशल स्वीटनर के बजाय स्टीविया की पत्तियों से कड़वे भाग को हटाकर मीठे भाग से नेचुरल स्वीटनर लिया है।
4) इस आयुर्वेदिक हेल्थ सप्लीमेंट में न्यूजीलेंड की घास खाने वाली गायों के दूध में पाया जाने वाले वाला (Whey) प्रोटीन है।
5) प्रोटीओमेगा के 20 ग्राम के पाउच में 10.87 यानि कि आधे से ज्यादा मात्रा प्रोटीन की है। इसमें ओमेगा-3 फैटी एसिड को चिया के बीजों से लिया गया है। जो पूरी तरह नेचुरल हैं।
6) प्रोटीओमेगा को पेट की बीमारी से जुड़े मरीज और लेक्टोस इन्टालरेंट के लोग भी ले सकते हैं। इस हेल्थ सप्लीमेंट से पेट फूलना, गैस, गंदी डकारें आना और पेट से जुड़ी अन्य बीमारियों के होने का बिल्कुल भी खतरा नहीं है।
7) प्रोटीओमेगा को खराब होने से बचाने के लिए इसमें रोजमेरी और निसिन का इस्तेमाल किया गया है।
विशेष— ध्यान रखें कि अगर आपके बच्चे या आप थोड़े बहुत भी मोटे हैं तो आप प्रोटीओमेगा सप्लीमेंट को अनार, अनानास और स्ट्राबेरी जैसे फलों की स्मूदी और पानी के साथ लें। वहीं, अगर आप कम वजन या थोड़ा कमजोर हैं तो आप प्रोटीओमेगा को दूध या फिर किसी भी शेक के साथ मिलाकर ले सकते हैं।
पेट की समस्या से हैं परेशान, तो अपनाएं 'प्रोटीओमेगा'
By Rashmi Upadhyay5:20 AM#Dr.G, #Dr.Gwellness, #health benefits, #healthcare, #healthtips, #protein, #ProtiOmegaNo comments
चाहे बच्चा हो या बड़ा, हर व्यक्ति एक स्वस्थ शरीर की चाहत रखता है। लेकिन आज के तनाव भरे जीवन, अनियमित और दूषित खानपान के चलते पेट फूलना, खट्टी डकारे आना और कांस्टीपेशन जैसी बीमारी का होना आम बात हो गई है। सबसे गंभीर बात यह है कि पेट की समस्या से जुड़ी ऐसी बीमारियां अकेले नहीं बल्कि अपने साथ और भी कई तरह की जानलेवा बीमारियां साथ लाती हैं। हालांकि ऐसी बीमारियों का संकेत आपका खराब पाचन तंत्र है।
क्या है इसका उपाय?
अगर इंसान का पेट सही नहीं है तो उसे अस्वस्थ कहने में कोई दोराय नहीं है। क्योंकि पेट से ही सभी बीमारियों की शुरुआत होती है। अगर आप या आपका बच्चा समय पर घर का खाना नहीं खा पा रहे हैं या समय पर खाना खाने के बावजूद आपको शरीर में कमजोरी और थकान महसूस होती है तो आप अलग से कोई प्रोटीन सप्लीमेंट ले सकते हैं। क्योंकि हमारे पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने के लिए प्रोटीन की बहुत बड़ी भूमिका होती है।
अगर आप कोई ऐसे सप्लीमेंट की तलाश कर रहे हैं जिसमें नेचुरल प्रोटीन हो और इसके कोई साइड इफेक्ट्स भी ना हो तो Dr.G wellness के आयुर्वेदिक हेल्थ सप्लीमेंट 'प्रोटीओमेगा' आपकी समस्या का हल है। क्योंकि प्रोटीओमेगा आयुर्वेदिक सप्लीमेंट को अच्छे स्वास्थ्य का सूचक कहा जाता है।
क्यों खास है प्रोटीओमेगा
इस आयुर्वेदिक हेल्थ सप्लीमेंट में न्यूजीलेंड की घास खाने वाली गायों के दूध में पाए जाने वाले वे (Whey) प्रोटीन को शामिल किया है। इसके साथ ही प्रोटीओमेगा में स्टीविया की पत्तियों से कड़वे भाग को हटाकर मीठे भाग से नेचुरल स्वीटनर और वनिला बीन्स से नेचुरल वनिला फ्लेवर को मिश्रित किया है। इसमें 2.6 ग्राम फाइबर है। फाइबर पेट में मौजूद गंंदगी को शरीर से बाहर निकाल कर हमारे पाचन तंत्र को चुस्त बनाता है। प्रोटीओमेगा को खराब होने से बचाने के लिए इसमें रोजमेरी और निसिन का इस्तेमाल किया गया है।
बाजार में मिलने वाल ज्यादातर हेल्थ सप्लीमेंट से पेट फूलना, गैस, गंदी डकारें आना और पेट से जुड़ी अन्य बीमारियों के होने का खतरा रहता है। जबकि Dr.G का आयुर्वेदिक हेल्थ सप्लीमेंट 'प्रोटीओमेगा' ऐसा सप्लीमेंट है जिससे पेट से जुड़ी बीमारी होना तो दूर इसे लेक्टोस इन्टालरन्ट (जिन्हें दूध नहीं पचता) की समस्या से परेशान लोग भी इसका आराम से इस्तेमाल कर सकते हैं।
विशेष— ध्यान रखें कि अगर आपके बच्चे या आप थोड़े बहुत भी मोटे हैं तो आप प्रोटीओमेगा सप्लीमेंट को अनार, अनानास और स्ट्राबेरी जैसे फलों की स्मूदी और पानी के साथ लें। वहीं, अगर आप कम वजन या थोड़ा कमजोर हैं तो आप प्रोटीओमेगा को दूध या फिर किसी भी शेक के साथ मिलाकर ले सकते हैं।
प्रोटीन सप्लीमेंट में 'आर्टिफिशल स्वीटनर' से रहे सावधान
By Rashmi Upadhyay4:40 AM#Dr.G, #Dr.Gwellness, #health benefits, #healthcare, #healthtips, #protein, #protein supplement, #ProtiOmegaNo comments
समय पर खाना खाने के बावजूद आजकल अक्सर लोगों को शरीर में थकान और कमजोरी की शिकायत रहती है। ऐसा सिर्फ होता है क्योंकि हमारे खाने में प्रोटीन का अभाव होता है। शरीर में प्रोटीन की कमी होने पर अधिकतर लोग प्रोटीन सप्लीमेंट का सहारा लेते हैं। लेकिन कई बार हम लोग जानकारी के अभाव में गलत सप्लीमेंट्स का चयन कर लेते हैं। क्या आप जानते हैं कि आजकल मार्किट में बिजनेस को लेकर इतनी होड़ है कि व्यापारी टेस्ट बढ़ाने के लिए लोगों की सेहत के साथ खिलवाड़ करने में जरा भी नहीं कतराते हैं?
आजकल बाजारों में कई ऐसे सप्लीमेंट्स भी मिल रहे हैं जिनमें आर्टिफिशल स्वीटनर और फ्लेवर का इस्तेमाल किया जाता है। अगर आप अब यह सोच रहे हैं कि यह जानकारी आपके लिए नहीं है क्योंकि आप हमेशा ब्रैंडिड उत्पादों का इस्तेमाल करते हैं तो यह आपकी गलतफहमी है। क्योंकि मिलावट और छेड़छाड सिर्फ गुमनाम उत्पादों के साथ ही नहीं बल्कि कई बार नामी उत्पादों में भी देखने को मिल सकती है। इसलिए कोई भी हेल्थ उत्पाद खरीदने से पहले आर्टिफिशल स्वीटनर से सावधान रहें।
क्या है इसके दुष्प्रभाव
आर्टिफिशल स्वीटनर को डॉक्टरों की भाषा में सफेद जहर कहा जाता है। यानि कि अगर आप आर्टिफिशल स्वीटनर से बने सप्लीमेंट्स का ज्यादा समय तक प्रयोग करते हैं तो आप कोई गंभीर बीमारी की चपेट में आ सकते हैं।
प्रोटीओमेगा है सही विकल्प
समय पर खाना खाने के बावजूद शरीर में कमजोरी और थकान महसूस होने पर Dr.G wellness का आयुर्वेदिक हेल्थ सप्लीमेंट 'प्रोटीओमेगा' आपकी इस समस्या का हल है। प्रोटीओमेगा में स्टीविया की पत्तियों से कड़वे भाग को हटाकर मीठे भाग से नेचुरल स्वीटनर लिया गया है। यानि कि इस सप्लीमेंट में बिल्कुल भी आर्टिफिशल स्वीटनर नहीं है।
प्रोटीओमेगा एक ऐसा सप्लीमेंट है जिसके महज 20 ग्राम के पाउच में 10.87 ग्राम यानि कि आधे से ज्यादा मात्रा प्रोटीन की है। इसमें न्यूजीलैंड की घास खाने वाली गायों के दूध में पाए जाने वाले वे (Whey) प्रोटीन को लिया गया है। इसके साथ ही इसमें चिया सीड्स से ओमेगा-3 फैटी एसिड को लिया गया है। साथ ही इसमें कॉर्बोहाइड्रेट, फाइबर, फैट के साथ ही कई पोषक तत्व भी मौजूद हैं। नेचुरल स्वीटनर के साथ ही इसे स्वादिष्ट बनाने के लिए प्राकृतिक वनिला बीन्स से वनिला फ्लेवर को लिया गया है।
प्रोटीओमेगा को खराब होने से बचाने के लिए इसमें रोजमेरी और निसिन का इस्तेमाल किया गया है। इस आयुर्वेदिक हेल्थ सप्लीमेंट की सबसे अच्छी बात यह है कि इसके इस्तेमाल से पेट से जुड़ी कोई भी बीमारी नहीं होती है। बल्कि इसे लेक्टोस इन्टालरन्ट (जिन्हें दूध नहीं पचता) की समस्या से परेशान लोग भी ले सकते हैं।
विशेष— ध्यान रखें कि अगर आपके बच्चे या आप थोड़े मोटे हैं तो आप प्रोटीओमेगा को सिर्फ अनार, अनानास, और स्ट्राबेरी जैसे फलों की स्मूदी या पानी के साथ ले सकते हैं। अगर आप पतले या कमजोर हैं तो आप प्रोटीओमेगा को दूध या शेक के साथ ले सकते हैं। प्रोटीओमेगा का इस्तेमाल इतना आसान है कि आप इसे सफर के दौरान भी ले सकते हैं।
बच्चों में सम्पूर्ण विकास के लिए मददगार है 'प्रोटीओमेगा'
By Rashmi Upadhyay4:07 AM#Dr.G, #Dr.Gwellness, #health benefits, #healthcare, #healthtips, #protein, #ProtiOmegaNo comments
पहले के समय में बच्चा लगभग 20 साल की उम्र के बाद अपने बराबर के बच्चों के साथ पढ़ाई और करियर को लेकर प्रतिस्पर्धा करता था। लेकिन आज के एडवांस समय को देखते हुए अक्सर माता-पिता छोटी सी उम्र में ही अपने बच्चों को उम्मीदों का टोकरा थमा देते हैं। ऐसी स्थिति में अगर बच्चा अपने परिजनों की उम्मीद पर खरा उतर गया तब तो ठीक, नहीं तो परिजन सफल बच्चों का उदाहरण देकर अपने बच्चों को उनकी प्राकृतिक क्षमता से भी कमजोर बना देते हैं।
संघर्षी वातावरण में हम लोग इतने अंधे हो गए हैं कि अपने बच्चों के खानपान पर ध्यान ही नहीं देते हैं। जबकि हकीकत यह है कि जब तक बच्चों के आहार में प्रोटीन शामिल नहीं होगा तक तक बच्चें एक स्वस्थ शरीर नहीं पा सकते। बच्चों के खानपान का स्तर ही उनकी मानसिक क्षमता को भी तय करता है।
आजकल का खानपान
आजकल बच्चे फास्ट फूड खाने के इतने आदि हो गए हैं कि उन्हें घर का बना खाना फीका लगता है। एक तो शहरों का प्रदूषण भरा माहौल और दूसरा बच्चों का बेकार खानपान उनके संपूर्ण विकास पर विराम लगा देता है। जिससे बच्चें छोटी सी उम्र में ही शारीरिक रूप से अस्वस्थ और कई गंभीर बीमारियों से घिरने लगते हैं।
हर माता पिता चाहते हैं कि उनका बच्चा स्वस्थ रहें। इस स्थिति में परिजन बच्चों के विकास के लिए बाजारों से हेल्थ सप्लीमेंट और दवाईयां लाते हैं और अपने बच्चों को उनका सेवन करने के लिए दबाव डालते हैं। जिससे अक्सर बच्चों में पेट फूलना, गैस, गंदी डकारे आना और पेट से जुड़ी अन्य बीमारियों के होने का खतरा रहता है।
संपूर्ण विकास के लिए सिर्फ प्रोटीओमेगा
Dr.G Wellness का आयुर्वेदिक हेल्थ सप्लीमेंट प्रोटीओमेगा यानि कि प्रोटीन, ओमेगा-3 फैटी एसिड और अन्य पोषक तत्वों से बना एक ऐसा हेल्थ सप्लीमेंट है जो बच्चों में सम्पूर्ण विकास करने में पूरी मदद करता है। इस हेल्थ सप्लीमेंट में न्यूजीलैंड की घास खाने वाली गायों के दूध में पाए जाने वाले वे (Whey) प्रोटीन को लिया गया है। चिया सीड से ओमेगा-3 फैटी एसिड और स्टीविया की पत्तियों से कड़वे भाग को हटाकर मीठे भाग से नेचुरल स्वीटनर लिया गया है।
रोजाना एक पाउच प्रोटीओमेगा हेल्थ सप्लीमेंट का इस्तेमाल करने से आपका बच्चा स्वस्थ रहने के साथ ही लाइफस्टाइल बीमारियों से भी दूर रहेगा। प्रोटीओमेगा के 20 ग्राम के पाउच में 10.87 ग्राम यानि कि आधे से ज्यादा मात्रा प्रोटीन की है। बच्चे अक्सर स्वादिष्ट चीजों का ही सेवन करते हैं। इसलिए प्रोटीओमेगा में प्राकृतिक वनिला बीन्स से वनिला फ्लेवर को लिया गया है। प्रोटीओमेगा को खराब होने से बचाने के लिए इसमें रोजमेरी और निसिन का इस्तेमाल किया गया है। इस लिहाज से आयुर्वेदिक हेल्थ सप्लीमेंट 'प्रोटीओमेगा' पूरी तरह सुरक्षित है। प्रोटीओमेगा की सबसे अच्छी बात यह है कि इसके इस्तेमाल से पेट से जुड़ी कोई भी बीमारी नहीं होती है। बल्कि इसे लेक्टोस इन्टालरन्ट (जिन्हें दूध नहीं पचता) की समस्या से परेशान लोग भी ले सकते हैं।
विशेष— यह सप्लीमेंट बच्चों के साथ ही हर उम्र के लोगों के लिए फायदेमंद है। ध्यान रखें कि अगर आपके बच्चे या आप थोड़े मोटे हैं तो आप प्रोटीओमेगा को अनार, अनानास और स्ट्राबेरी जैसे फलों की स्मूदी या पानी के साथ दे सकते हैं। अगर आप पतले या कमजोर हैं तो आप प्रोटीओमेगा को दूध या शेक के साथ ले सकते हैं। प्रोटीओमेगा का इस्तेमाल इतना आसान है कि आप इसे सफर के दौरान भी ले सकते हैं।
प्रोटीओमेगा करता है बच्चों का बेहतर मानसिक विकास!
By Rashmi Upadhyay3:37 AM#Dr.G, #Dr.Gwellness, #health benefits, #healthcare, #healthtips, #protein, #protein supplement, height problemNo comments
वैसे तो बाजार में आपको कई तरह के प्रोटीन सप्लीमेंट्स मिल जाएंगे। लेकिन हम यहां आपको सावधान करना चाहते हैं कि उन सप्लीमेंट्स में आर्टिफिशल स्वीटनर और फ्लेवर मिला हो सकता है। जिससे बच्चों में पेट फूलना, गैस, गंदी डकारें आना और पेट से जुड़ी अन्य बीमारियों के होने का खतरा रहता है।
ऐसे में हम आपको सलाह देते हैं कि आप अपने बच्चे के स्वस्थ शरीर और बेहतर मानसिक विकास के लिए Dr.G Wellness के आयुर्वेदिक हेल्थ सप्लीमेंट 'प्रोटीओमेगा' को इस्तेमाल कर सकते हैं। इस आयुर्वेदिक सप्लीमेंट में वे (Whey) प्रोटीन है। यानि कि ऐसा प्रोटीन जिसे अनाज नहीं बल्कि न्यूजीलैंड की घास खाने वाली गायों के दूध में पाए जाने वाले प्रोटीन से लिया गया है। यह प्रोटीन बच्चों की दिमागी सेल्स (Cells) को मजबूत करने के साथ ही उनकी स्मरण शक्ति को भी तेज करता है।
प्रोटीओमेगा में चिया के बीजों से प्राकृतिक ओमेगा-3 फैटी एसिड को लिया गया है। ओमेगा-3 मस्तिष्क के विकास और उसकी बेहतर गतिविधि के लिए मददगार साबित होता है। इसके अलावा इसमें स्टीविया की पत्तियों से कड़वे भाग को हटाकर मीठे भाग से नेचुरल स्वीटनर लिया गया है। यानि कि प्रोटीओमेगा में आर्टिफिशल स्वीटनर बिल्कुल भी नहीं है।
प्रोटीओमेगा के महज 20 ग्राम के पाउच में 2.6 ग्राम फाइबर और 5.29 ग्राम कॉर्बोहाइड्रेट है। कॉर्बोहाइड्रेट बच्चों को हर वक्त ऊर्जावान रखता है। प्रोटीओमेगा को खराब होने से बचाने के लिए इसमें रोजमेरी और निसिन का इस्तेमाल किया गया है। इस लिहाज से आयुर्वेदिक हेल्थ सप्लीमेंट 'प्रोटीओमेगा' पूरी तरह सुरक्षित है।
अगर आप यह सोच रहे हैं कि प्रोटीओमेगा पूरी तरह से प्राकृतिक होने के बावजूद स्वाद में तीखा होगा और आपके बच्चे इसे पसंद नहीं करेंगे, तो ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। बच्चों की पंसद को ध्यान में रखते हुए प्रोटीओमेगा में वनिला बीन्स से वनिला फ्लेवर लिया गया। जो स्वाद में बेहद अच्छा है। Dr.G कहते हैं कि प्रोटीओमेगा के नियमित सेवन से बच्चों का मानसिक विकास बेहतर होता है। प्रोटीओमेगा की सबसे अच्छी बात यह है कि इसके इस्तेमाल से पेट से जुड़ी कोई भी बीमारी नहीं होती है। बल्कि इसे लेक्टोस इन्टालरन्ट (जिन्हें दूध नहीं पचता) की समस्या से परेशान लोग भी ले सकते हैं।
विशेष— ध्यान रखें कि अगर आपके बच्चे थोड़े मोटे हैं तो आप प्रोटीओमेगा को अनार, अनानास और स्ट्राबेरी की स्मूदी या पानी के साथ ले सकते हैं। अगर आपके बच्चे पतले या कमजोर हैं तो आप प्रोटीओमेगा को दूध या शेक के साथ ले सकते हैं। प्रोटीओमेगा का इस्तेमाल इतना आसान है कि आप इसे से कपफप ररया बिजी रहने पर भी ले सकते हैं।
Thursday, August 4, 2016
स्लो लर्नर बच्चों के लिए प्रोटीओमेगा है अमृत!
By Rashmi Upadhyay1:52 AM#Dr.G, #Dr.Gwellness, #protein, #protein supplement, #ProtiOmegaNo comments
हर बच्चा एक जैसा नहीं होता है। किसी की स्मरण शक्ति और मेनटल ग्रोथ तेज होती है तो किसी की अपेक्षाकृत थोड़ी कम होती है। लेकिन अकसर माता-पिता यह बात समझने के बजाय अपने बच्चों की होशियार बच्चों से तुलना कर उन्हें परेशानी में डाल देते हैं। जिससे बच्चे खुद में सुधार करते करते एक स्टेज के बाद डिप्रेशन के शिकार हो जाते हैं। ऐसे में अपने बच्चों को किसी से कमतर आंकना गलत है।
अगर आप भी कुछ इसी तरह की समस्या का सामने कर रहे हैं तो बच्चों पर दबाव बनाने से पहले यह जानने कि कोशिश करिए कि जिस चीज के लिए आप अपने बच्चे पर दबाव बना रहे हैं उस काम में उसकी रूचि है भी या नहीं? इसके बाद आप यह देखिए कि उस काम को करने के लिए आपके बच्चे में उतनी शारीरिक क्षमता है या नहीं?
शारीरिक क्षमता से हमारा मतलब है कि बच्चे की डाइट कैसी है। क्योंकि जब तक बच्चा अपने आहार में प्रोटीन और पोषक तत्वों को शामिल नहीं करेगा तब वह स्लो लर्नर का शिकार रहेगा। अगर आपका बच्चा घर के बने खाने में दिलचस्पी नहीं लेता है तो यह जरूरी है कि आप उसे अलग से प्रोटीन सप्लीमेंट दें। इस स्थिति में आप अपने बच्चे के आहार में Dr.G wellness के प्रोटीओमेगा सप्लीमेंट को शामिल करें। बच्चे को हर रोज पानी, दूध या फिर किसी भी शेक्स में कुछ मात्रा प्रोटीओमेगा की देने से बच्चे के मानसिक विकास को बेहतर बनाया जा सकता है। प्रोटीओमेगा सप्लीमेंट इसलिए भी फायदेमंद है क्योंकि इसमें प्रोटीन, ओमेगा-3, फैट, कॉर्बोहाईड्रेट के साथ ही कई ऐसे पोषक तत्व भी शामिल हैं जो बच्चों को शारीरिक और मानसिक दोनों तरह से स्वस्थ रखते हैं।
सावधान! प्रोटीन सप्लीमेंट खरीदने से पहले इन बातों का रखें ध्यान
By Rashmi Upadhyay1:48 AM#Dr.G, #Dr.Gwellness, #protein, #protein supplement, #ProtiOmegaNo comments
आज के समय के बच्चे फास्ट फूड और रेस्टोरेंट का खाना खाने के इतने आदि हो गए हैं कि उन्हें घर का बना खाना बेकार और बोरिंग लगता है। जिसके चलते घर का खाना ना खाने पर बच्चों को सही मात्रा में प्रोटीन नहीं मिल पाता और बच्चें समय—समय पर बीमार पड़ते हैं। ऐसी स्थिति में अधिकतर परिजन बच्चों को प्रोटीन देने के लिए बाजारों से सप्लीमेंट खरीर कर लाते हैं। लेकिन हम आपको यहां सावधान करना चाहते हैं कि आप जब भी कोई प्रोटीन सप्लीमेंट खरीदें तो उससे पहले कुछ बातों का ध्यान रखें।
सबसे पहले आप यह देखें कि जो सप्लीमेंट आप खरीद रहे हैं उसमें आर्टिफिशल स्वीटनर का प्रयोग तो नहीं किया गया है? इसके बाद यह देखें कि उस सप्लीमेंट में प्रोटीन की कितनी मात्रा है? दरअसल, प्रोटीन का सीमित मात्रा से ज्यादा और कम दोनों ही नुकसानदायक होता है। इसके बाद देखें कि उस सप्लीमेंट में किस तरह के प्रोटीन का प्रयोग किया गया है? क्योंकि कई कैमिकल प्रोटीन बच्चों में गैस और कांस्टीपेशन की समस्या भी पैदा कर देते हैं।
इसी के साथ हम आपको बताना चाहेंगे कि Dr.G wellness का प्रोटीओमेगा सप्लीमेंट ऐसा सप्लीमेंट है जिसे आप निश्चिंत होकर खरीद सकते हैं। इस सप्लीमेंट में बच्चों की ग्रोथ को ध्यान में रखकर सही मात्रा में प्रोटीन का इस्तेमाल किया गया है। इसके साथ ही इस सप्लीमेंट में प्रोटीन के साथ ही ओमेगा-3, फैट, कॉर्बोहाईड्रेट और अन्य कई तरह के पोषक तत्वों को भी शामिल किया गया है।
क्या आपके बच्चे को भी रहती है अक्सर थकान?
पढ़ाई का भार और अनियमित खानपान के चलते आजकल अधिकतर बच्चे थके-थके और बोर महसूस करते हैं। कई बार माता पिता इस मायूसी के पीछे का कारण जानने के बजाय उन्हें सैलफिश तक कह देते हैं। अगर आपका बच्चा भी कुछ इसी की हरकते करते हैं तो उन्हें दोषी ठहराने से पहले सबसे पहले उनके खानपान में प्रोटीन और पोषक तत्वों का शामिल कीजिए। शायद यह आपको सुनने में अजीब लग रहा होगा लेकिन यह सच है कि प्रोटीन रहित खाने का लंबे समय तक सेवन करने से बच्चों में कमजोरी का स्तर बढ़ता है और एनर्जी की कमी होती है।जबकि प्रोटीन युक्त भोजन का सेवन करने से बच्चों की मांसपेशियों तो मजबूत होती ही हैं साथ बच्चे हमेशा चुस्त और स्फूति में रहते हैं।
यहां हम आपको सलाह देंगे कि आप अपने बच्चों के लिए कैमिकल प्रोटीन सप्लीमेंट का इस्तेमाल करने के बजाय Dr.G wellness के प्रोटीओमेगा सप्लीमेंट का इस्तेमाल करिए। प्रोटीओमेगा सप्लीमेंट में प्रोटीन के साथ ही ओमेगा-3, फैट, कॉर्बोहाईड्रेट और अन्य कई तरह के पोषक तत्वों को शामिल किया गया है। बच्चे को हर रोज पानी, दूध या फिर किसी भी शेक्स में कुछ मात्रा प्रोटीओमेगा की देने से बच्चे में एनर्जी के लेवल का काफी हद तक बढ़ाया जा सकता है।
Wednesday, August 3, 2016
क्या आपके बच्चे भी नहीं ले रहे हैं चैन की नींद?
By Rashmi Upadhyay3:16 AM#CHILD DEVELOPMENT, #childrengrowth, #computer, #Dr.G, #Dr.Gwellness, #health benefits, #healthcare, #healthtips, #protein, #ProtiOmega, sleepNo comments
अगर आपके बच्चे भी रात को भरपूर नींद नहीं ले पा रहे हैं तो यह ना सिर्फ उन्हें शारीरिक बल्कि मानसिक बीमारी होने का भी संकेत करता है। क्योंकि जब दिनभर की थकान के बाद बच्चा बिस्तर पर जाता है तो उसे तुरंत नींद आती है और यह एक स्वस्थ शरीर की पहचान भी है। क्या आप जानते हैं कि भरपूर नींद के अभाव कितनी गंभीर बीमारियां हो सकती हैं? नींद के अभाव में होने वाली बीमारियों में दिल का दौरा, डिमेंशिया, डिप्रेशन, आखों का कमजोर होना, मोतियाबिंद, मिर्गी के दौरे पड़ना और पाचन तंत्र बिगड़ना जैसी बीमारियां शामिल हैं।
क्यों नहीं आती बच्चों को नींद
आजकल के बच्चों पर स्कूल-ट्यशन की पढ़ाई और हर जगह खुद को सर्वश्रेष्ठ दिखाने का प्रेशर बना रहता है। अगर आप यह सोच रहे हैं कि आजकल के एडवांस समय में बच्चों को यह सब करना ही पड़ता है तो यह आपकी गलतफहमी है। नींद ना आने का कारण प्रेशर से ज्यादा हमारे खानपान पर निर्भर करता है। आजकल के बच्चे फास्टफूड खाने के इतने आदि हो गए हैं कि उन्हें घर का बना जहर लगता है।
ऐसी स्थिति में माता पिता होने के नाते आपका फर्ज बनता है कि आज अपने बच्चों को खाने से अलग प्रोटीन दें। हम आपको सलाह देंगे कि आप बाजार से कैमिकल सप्लीमेंट खरीदने के बजाय Dr.G wellness के प्रोटीओमेगा सप्लीमेंट का इस्तेमाल करिए। इस सप्लीमेंट में प्रोटीन, ओमेगा-3, फैट, कॉर्बोहाईड्रेट के साथ ही कई ऐसे पोषक तत्व शामिल हैं जो बच्चों को शारीरिक और मानसिक दोनों तरह से स्वस्थ रखते हैं। जब बच्चा स्वस्थ होगा तो उसे भरपूर नींद लेने से कोई नहीं रोक सकता है।
#Breastfeeding : आज की महिलाओं को जरूर पता होनी चाहिए ये बातें!
By Rashmi Upadhyay12:23 AM#brainhealth, #breast, #Breastfeeding, #Breastfeedingday, #Breastfeedingweak, #colostrum, #protein, #कोलोस्ट्रमNo comments
चाहे महिला ग्रामीण हो या शहरी मां बनना हर एक महिला के लिए आत्मसम्मान की बात होती है। जब एक महिला अपने बच्चे को जन्म देने के बाद उसे पहली बार थामती है तो वह पल उसकी जिंदगी का सबसे कीमती और खास पल होता है। क्योंकि अपने शिशु को पकड़ते ही मां लेबर पेन के दर्द से लेकर दुनिया के हर गम को भूल जाती है।
#BreastFeeding: इस उम्र में महिलाएं कराती हैं 75% स्तनपान
मां का दूध नवजात शिशु के लिए अमृत के समान होता है, बावजूद इसके आजकल की महिलाएं अपना फिगर खराब होने के डर से अपने बच्चों को स्तनपान कराने से परहेज करती है। लेकिन क्या आप जानते हैं आप तब तक एक अच्छी मां नहीं बन सकते जब तक आप अपने शिशु को स्तनपान नहीं कराते। आज ब्रेस्टफीडिंग वीक के तीसरे दिन हम आपको बताएंगे कि ब्रेस्टफीडिंग से जुड़ी कुछ खास बातें आज के समय की हर मां को पता होनी चाहिए।
कोलोस्ट्रम है अमृत
डिलीवरी के बाद हर मां के स्तनों से गाढ़े पीला रंग का तरल पदार्थ निकलता है, जिसे मेडिकल की भाषा में कोलोस्ट्रम कहते हैं। पहले के समय में इसे गंदा पदार्थ कहकर छोड़ दिया जाता था। लेकिन आज के वैज्ञानिकों का कहना है कोलोस्ट्रम का सेवन करने पर शिशु को कई तरह के पौष्टिक तत्व मिलते हैं।
मेडिकल साइंस का कहना है कि कोलोस्ट्रम में रोग-निरोधी और इम्युनोग्लोबुलिन प्रचुर मात्रा में होता है। यही वह गुण होता है जो बच्चे के पहले शोच को आने में मदद करता है। हर मां लगभग 50 मिलीलीटर कोलोस्ट्रम का उत्पान करती है। यानि की कोलोस्ट्रम सीमित समय तक ही रहता है। इसके बाद मां के दूध का रंग सफेद होने लगता है। कोलोस्ट्रम की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इमसे विटामिन, प्रोटीन, कॉर्बोहाइड्रेट, फैट्स और मिनरल प्रचुर मात्रा में होता है।
दूध की ताकत
मां का दूध सिर्फ बच्चे का पेट भरने ही नहीं बल्कि उसे इंफेक्शन और बीमारियों से लड़ने में भी मदद करता है।मां का दूध पीने से बच्चे का इम्यून सिस्टम मजबूत होता है। जिससे बड़ा होकर वह कम बीमार पड़ता है।
बच्चे का वजन
क्या आप जानते हैं बच्चा जितनी तेजी से पहले साल में बढ़ता है उतना वह जीवन भर नहीं बढ़ता। बच्चे की इस ग्रोथ के लिए मां का दूध एक बड़ा रोल प्ले करता है। किसी भी स्वस्थ नवजात शिशु का वजन छह महीने बाद दोगुना और 12 महीने के बाद जन्म के वक्त के वजन का तीन गुना होना चाहिए।
दूध के गुण
मां के दूध में लेक्टोस के रूप में भारी मात्रा में कॉर्बोहाइड्रेट होता है। जो बच्चे के इम्यून सिस्टम को मजबूत बनता। मां के दूध में पाया जाने वाला फैट बच्चे को एनर्जी देता है। वहीं, डीएचए ऐसा गुण है जो बच्चे के मस्तिष्क को परिपक्व करता है। जबकि मिनिरल और विटामिन बच्चे के पाचन तंत्र को मजबू बनाते हैं।
विशेष— अगर आप भी अपने बच्चे को जीवनभर स्वस्थ और हंसता-खेलता देखना चाहती हैं तो अपने बच्चे को ब्रेस्टफीड जरूर कराएं। साइंस के मुताबिक जन्म के शुरुआती 6 महीने तक शिशु को सिर्फ मां का दूध ही देना चाहिए। अगर मां दो साल तक अपने बच्चे को दूध पिलाती है तो बच्चे की गंभीर बीमारी में फंसने की बहुत कम संभावना होती है।
Tuesday, August 2, 2016
बच्चों को डायबिटिज से बचाता है प्रोटीओमेगा
भागदौड़ भरी जिंदगी में दूषित और अनियमित खानपान के चलते आजकल छोटे छोटे बच्चे भी डायबिटिज जैसे गंभीर और बुढ़ापे में होने वाली बीमारी के शिकार हो रहे हैं। यह बीमारी इतनी जानलेवा है कि अगर इसमें परहेज नहीं किया तो मौत होने की भी पूरी संभावना रहती है। फास्टफूड के आदि बच्चे घर के खाने को जहर समझते हैं। बच्चे पूरी कोशिश करते हैं कि किसी भी तरह से घर से खाने से बचा जाए। जिसके चलते ऐसे बच्चे सिर्फ मोटापे का शिकार होकर लाइस्टाइल बीमारियों की चपेट में आते है।
अगर आपके बच्चे भी डायबिटिज की बीमारी से जूझ रहे हैं तो आप इसके समाधान में Dr.G wellness के प्रोटीओमेगा स्पलीमेंट को अपनाइए। प्रोटीओमेगा डायबिटीज के मरीजों के लिए इसलिए ज्यादा फायदेमंद है क्योंकि इसमें आर्टिफिशल शुगर का इस्तेमाल नहीं किया है। इसमें वनिला फ्लेवर में प्राकृतिक मिठास को मिश्रित किया गया है। जिससे ब्लड में शुगर की मात्रा नहीं बढ़ती। इसके साथ ही इसमें प्रचुर मात्रा में प्रोटीन है जो बच्चों को एनर्जी देने के साथ ही उन्हें स्वस्थ भी रखता है। चूंकि डायबिटिज की बीमारी से ग्रसित बच्चों का जल्दी सांस फूलना और थकना आम होता है। प्रोटीओमेगा के नियमित प्रयोग से इस तरह के लक्षणों से भी छुटकारा मिलता है।
क्या आप भी हैं अपने बच्चों की छोटी हाईट से परेशान?
By Rashmi Upadhyay6:10 AM#Dr.G, #Dr.Gwellness, #protein, #ProtiOmega, height problem, short heightNo comments
पर्सनेलिटी का सीधा संबंध हमारी हाईट से होता है। अगर कोई बच्चा हाईट में छोटा है तो वह जल्दी से आकर्षिक नहीं लगता जबकि लंबी हाईट वाले लोग ज्यादा सुंदर ना होने के बावजूद जल्दी से नजरों में आ जाते हैं। आजकल अक्सर अभिभावकों को अपने बच्चों की हाईट छोटी होने की शिकायतें रहती है। कुछ परिजनों का कहना होता है कि तमाम तरह के पोषक तत्व देने के बावजूद उन्हें बच्चों की हाईट नहीं बढ़ रही है तो कुछ लोग अपने बच्चों की छोटी हाईट को जैनेटिक समस्या करार देते हैं। जबकि हाईट छोटी होने का सीधा संबंध हमारे खानपान से होता है। आजकल बच्चे फास्ट फूड और स्ट्रीट फूड खाने के इतने आदि हो गए हैं कि उन्हें घर का खाना अच्छा ही नहीं लगता जिसके चलते पौष्टिक आहार के अभाव में उनका शरीर ग्रोथ नहीं कर पाता है।
अगर आप भी कुछ इसी तरह के सवालों से घिरे हुए हैं तो Dr.G wellness का प्रोटीओमेगा स्पलीमेंट आपके लिए है। इस सप्लीमेंट में प्रोटीन की अच्छी खासी मात्रा है। इस सप्लीमेंट के नियमित प्रयोग से आप अपने बच्चे को एक स्वस्थ शरीर और आकर्षित हाईट दे सकते हैं। इस सप्लीमेंट की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमें किसी भी तरह के कैमिकलक का प्रयोग नहीं किया गया है। प्रोटीओमेगा सप्लीमेंट में ना सिर्फ प्रोटीन बल्कि ओमेगा-3, फाइबर, फैट, कॉर्बोहाइड्रेट समेत कई पौष्टिक तत्व शामिल हैं।
प्रोटीओमेगा की खासियत
प्रोटीओमेगा की खासियत यह है कि इसे बच्चों की पसंद के हिसाब से स्वाटिष्ट बनाया गया है। यह इतना टेस्टी और यमी है कि बच्चों को स्वाद और प्रोटीन एक साथ मिल जाता है। सिर्फ 5 मिनट में पानी, दूध या फिर किसी भी शेक्स में प्रोटीओमेगा को देकर आप अपने बच्चे को एक स्वस्थ शरीर और एक फिट हाईट दे सकते हैं।
दूध और प्रोटीओमेगा की जोड़ी है शानदार
By Rashmi Upadhyay5:57 AM#chemicalmilk, #Dr.G, #Dr.Gwellness, #milk, #Milk Hormones, #protein, #ProtiOmegaNo comments
आजकल बच्चे दूध के स्वाद को बेस्वाद कहकर इसे पीने से बचते हैं। जिसके चलते अभिभावक दूध के पौष्टिक तत्वों को बच्चों तक पहुंचाने के लिए बाजारों से तरह तरह के सप्लीमेंट्स खरीद कर लाते हैं, ताकि उन्हें दूध में मिलाकर बच्चों को दिया जा सके। लेकिन क्या आप जानते हैं कि बाजारों में मिलने वाले आधे से ज्यादा सप्लीमेंट्स में कैमिकल मिला होता है। इसके साथ ही उनमें प्रोटीन भी काफी कम होता है। ऐसे में हम आपको यहां सलाह देंगे कि आप अपने बच्चों को प्रोटीन की सही मात्रा देने के लिए दूध के साथ Dr.G wellness का प्रोटीओमेगा स्पलीमेंट इस्मेमाल करिए।
इस सप्लीमेंट में प्रचुर मात्रा में प्रोटीन ओमेगा-3, कॉर्बोहाइड्रेट, फाइबर और फैट के साथ ही कई ऐसे पौष्टिक तत्व होते हैं जिन्हें बच्चों को देना बहुत जरूरी होता है। सिर्फ 5 मिनट में पानी, दूध या फिर किसी भी शेक्स में प्रोटीओमेगा को देकर आप अपने बच्चे को एक स्वस्थ शरीर दे सकते हैं।
इस तरह बच्चों को घेरती हैं लाइफस्टाइल बीमारियां
By Rashmi Upadhyay12:45 AM#lifestylediseases, #protein, #ProtiOmega, bloated stomach, stomach problemNo comments
टेलीविजन के आदि, जंक फूड और आउटडोर खेलों के प्रति रुचि खत्म होना बच्चों में लाइफस्टाइल बीमारियों के बढ़ने का सबसे बड़े कारण है। मेडिकल साइंस के मुताबिक आज के समय में लगभग 70 प्रतिशत बच्चे मोटापे, डायबिटिज, हार्ट और आंतों से जुड़ी बीमारियों के शिकार हैं। डॉक्टरों का कहना है कि इस स्थिति के लिए बच्चों का खानपान सबसे ज्यादा जिम्मेदार है।
दरअसल आजकल के बच्चे घर के खाने में कमियां निकाल कर कोशिश करते हैं कि किसी भी तरह उन्हें फास्ट फूड मिल जाए। ऐसी स्थिति में परिजनों का फर्ज बनता है कि वह बच्चों की ऐसी बातों का मानने के बजाय उन्हें घर के खाने और फास्ट फूड में फर्क बताएं। दूषित खानपान के चलते आजकल छोटे छोटे बच्चों को फूड पाइप, छोटी और बड़ी आंतें, लीवर, सांस नली और पेट से जुड़ी गंभीर बीमारियों हो रही है। इसका कारण सिर्फ खाने में प्रोटीन और अन्य पोषक तत्वों का अभाव है।
प्रोटीओमेगा है समाधान
अगर आपके बच्चे घर के खाने से परहेज करते हैं तो घबराइए मत। ऐसी स्थिति में आपको हाथ पर हाथ रखकर बैठने के बजाय अपने बच्चों को अलग से प्रोटीन देने की जरूरत है। Dr.G wellness के प्रोटीओमेगा सप्लीमेंट को इस्मेमाल को इस्मेमाल पर आप बच्चों को शारीरिक और मानसिक दोनेां तरह से स्वस्थ बना सकते हैं। कैमिकल रहित इस सप्लीमेंट में प्रचुर मात्रा म़ें प्रोटीन, ओमेगा 3, ओमेगा 6, कैल्शियम, फाइबर, आयरन, फैट, एनर्जी समेत कई ऐसे पोषक तत्व शामिल हैं जो बच्चों के बेहतर विकास के लिए रामबाण है।
प्रोटीओमेगा के नियमित इस्तेमाल से आपके बच्चे का इम्यून सिस्टम मजबूत होगा। जिसके चलते आप अपने बच्चों को लाइफस्टाइल बीमारियों से बचा सकते हैं। सिर्फ 5 मिनट में आप अपने बच्चे को पानी, दूध या फिर उनके मनपसंद शेक में प्रोटीओमेगा को मिलाकर देने से उन्हें एक आसान तरह से स्वस्थ रख सकते हैं।
Monday, August 1, 2016
'जंक फूड' के रूप में 'जहर' खा रहे हैं आपके बच्चे
By Rashmi Upadhyay5:07 AM#Dr.G, #Dr.Gwellness, #fastfood, #junkfood, #protein, #ProtiOmegaNo comments
आजकल बच्चे जंक फूड खाने के इतने आदि हो गए हैं कि उन्हें प्रोटीन युक्त खाना जहर लगता है। जबकि जंक फूड आपके बच्चों के लिए ऐसा दुश्मन बनकर सामने आया है जो उन्हें बचपन में ही बुढ़ापे में होने वाली बीमारियों के दर्शन करा देता है। जंक फूड का जरूरत से अधिक सेवन करने पर बच्चे पीलिया, जोड़ों में दर्द, याद्दाश्त कमजोर होना, फूड प्वाइजिनिंग, आखों का कमजोर होना, कम सुनाई देना और अक्सर बीमार होना जैसे जानलेवा रोगों में घेर लेता है।
इसलिए जरूरी है कि आप अपने बच्चे का मन रखने के लिए उन्हें जंक फूड खिलाने के बजाय स्वादिष्ट प्रोटीन सप्लीमेंट खिलाएं। इसके लिए आप Dr.G wellness के प्रोटीओमेगा सप्लीमेंट को इस्मेमाल कर सकते हैं। इस सप्लीमेंट की खासियत यह है कि यह जितना पौष्टिक है उतना ही स्वादिष्ट भी है। प्रोटीओमेगा का स्वाद खासतौर पर बच्चों की पंसद को ध्यान में रखकर बनाया गया है। इस सप्लीमेंट में प्रोटीन, ओमेगा 3, ओमेगा 6, कैल्शियम, फाइबर, आयरन, फैट, एनर्जी समेत कई ऐसे पोषक तत्व शामिल हैं जो बच्चों के बेहतर विकास के लिए रामबाण है। सिर्फ 5 मिनट में आप अपने बच्चे को पानी, दूध या फिर उनके मनपसंद शेक में प्रोटीओमेगा को मिलाकर देने से उन्हें जीवनभर गंभीर बीमारियों से बचा सकते हैं।
ये है आपके बच्चे के लिए प्रोटीन की सही मात्रा
By Rashmi Upadhyay3:53 AM#CHILD DEVELOPMENT, #childrengrowth, #Dr.G, #Dr.Gwellness, #protein, #ProtiOmegaNo comments
अगर आप भी अपने बच्चे के लिए प्रोटीन युक्त सप्लीमेंट खरीदने के बारे में सोच रहे हैं तो प्लीज कैमिल युक्त सप्लीमेंट से सावधान रहें। बाजारों में मिलने वाले आधे से ज्यादा सप्लीमेंट में कैमिकल का प्रयोग किया जाता है। 0—13 साल की उम्र के बच्चों के बेहतर विकास के लिए प्रोटीन और पोषक तत्वों की खासी जरूरत होती है। इसलिए जब भी आप किसी सप्लीमेंट का चयन करें तो उसे अच्छी तरह भांप लें।
हम यहां आपको सलाह देंगे कि आप अपने बच्चों के बेहतर विकास और उज्जवल भविष्य के लिए Dr.G wellness के प्रोटीओमेगा सप्लीमेंट को इस्मेमाल करिए। यह सप्लीमेंट आपके के सम्पूर्ण विकास करने में पूरी मदद करेगा। ऐसा इसलिए क्योंकि प्रोटीओमेगा सप्लीमेंट में प्रोटीन, ओमेगा 3, ओमेगा 6, कैल्शियम, फाइबर, आयरन, फैट, एनर्जी समेत कई ऐसे पोषक तत्व शामिल हैं जो बच्चों के लिए रामबाण हैं। आइए हम आपको बताते हैं किस उम्र के बच्चों को कितनी प्रोटीन की मात्रा की जरूरत होती है।
0 से 12 महीने के बच्चों को रोजाना 9.1 ग्राम प्रोटीन की जरूरत होती है।
1 से 3 साल के बच्चों को रोजाना 13 ग्राम प्रोटीन की जरूरत होती है।
4 से 8 साल के बच्चों को रोजाना 19 ग्राम प्रोटीन की जरूरत होती है।
9 से 13 साल के बच्चों को रोजाना 34 ग्राम प्रोटीन की जरूरत होती है।
इसलिए आपके बच्चे हमेशा चिड़चिड़े रहते हैं!
By Rashmi Upadhyay3:49 AM#CHILD DEVELOPMENT, #childrengrowth, #OMEGA-3 #OMEGA-6, #protein, #ProtiOmegaNo comments
आप भी सुनते रहते होंगे कि प्रोटीन और पोषक तत्व एक स्वस्थ जीवन के लिए बहुत जरूरी होते है। लेकिन क्या हम इन चीजों पर ज्यादा समय के लिए अमल कर पाते हैं? नहीं ना! इसी लापरवाही से हम बीमार पड़ते हैं और उसके बाद जब हम अपने बच्चों को प्रोटीन युक्त चीजों का सेवन करने के लिए कहते हैं तो वह उस बात को अनसुना कर चलता हो जाते हैं।
आजकल के परिजनों को अक्सर दो तरह की शिकायतें रहती हैं— पहली यह कि उनके बच्चे जरूरत से ज्यादा जिद्दी हैं और दूसरे ये कि उनके बच्चे अपने आप में ही सिमटे रहते हैं। क्या आपने कभी यह सोचने का प्रयास किया है कि तमाम कोशिशों के बावजूद यह आपके साथ क्यों हो रहा है? आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में महज 5 साल के बच्चे पर भी अभिभावक काफी प्रेशर डाल देते हैं। जिसे पूरा करने के लिए बच्चों को प्रेशर की तुलना में पोषक आहार नहीं मिल पाता। ऐसी स्थिति में बच्चा या तो चिड़चिड़ा रहने लगता है और या फिर मायूस होकर अपने आप में ही खोया रहता है।
क्योंकि आजकल हर चीज में मिलावट हो रही है इसलिए यह जरूरी है कि हम सिर्फ अन्न के भरोसे अपने बच्चों को ना छोड़ कर उन्हें प्रोटीन युक्त भोजन सा सप्लीमेंट दें। इसके लिए हम आपको यहां सलाह देंगे कि आप बच्चे के बेहतर विकास के लिए Dr.G wellness के प्रोटीओमेगा सप्लीमेंट को इस्मेमाल करिए। यह सप्लीमेंट में प्रोटीन, ओमेगा 3, ओमेगा 6, कैल्शियम, फाइबर, आयरन, फैट, एनर्जी समेत कई ऐसे पोषक तत्व शामिल हैं जो हमारी मांसपेशियों में रक्त के प्रवाह को नियंत्रित रखने के साथ ही हमारा लीवर मजबूत होता।
इसके साथ ही यह सप्लीमेंट हमारे बच्चों को शारीरिक विकास के साथ ही मानसिक विकास करने में भी मदद करता है। सबसे बड़ी बात यह है कि यह सप्लीमेंट प्राकृतिक पोषक तत्वों से बना है जो बच्चों के इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है। जिससे बच्चे समय समय पर बीमार नहीं पड़ते हैं।