क्या आप भी गर्मियों में डल स्किन से परेशान हैं?

मौसम चाहे कोई भी हो लेकिन हर लड़की चाहती है कि वह हमेशा चमकती-दमकती और फ्रैश दिखें। लेकिन गर्मियों के मौसम में इसे बरकरार रखना थोड़ा सा मुश्किल हो जाता है।लेकिन आज हम आपको बताएंगे हैं कि आप कैसे खुद को हमेशा खिलाखिला रख सकती हैं।

अबॉर्शन कराना मतलब डिप्रेशन को न्यौता देना

अबॉर्शन के बाद डिप्रेशन होना शायद यह बात आपको थोड़ा अजीब जरूर लगे। लेकिन सच यह है कि अबॉर्शन और डिप्रेशन का बहुत गहरा संबंध है। अॅर्बाशन कराने के बाद अधिकतर महिलाएं डिप्रेशन और...

अस्थमा के मरीज हैं तो बारिश से रहे सावधान, जानिए क्यों?

मानसून आने में अब ज्यादा वक्त नहीं रह गया है। लेकिन इस मानसून की शुरुआती बारिश में भीगना अस्थमा के मरीजों के लिए अभिश्राप साबित हो सकता है। ऐसे मौसम में अस्थमा के मरीज इन उपायों को अपनाकर स्वस्थ रह सकते हैं।

देश का भविष्य खराब कर रहा है फास्ट फूड

आज के समय की भागदौड़ भरी जिंदगी में फास्ट फूड को लोगों की पहली पसंद कहें या मजबूरी, दोनों ही स्थितियों में यह जानलेवा है। आप यह जानकर हैरान होंगे कि फास्ट फूड हमारे देश का 'भविष्य' खराब कर रहा है।

बालों को लेकर कहीं आप भी तो नहीं कर रहे ये 5 गलतियां?

आज के समय में हर कोई बालों के झड़ने और रफ होने जैसी समस्या से परेशान रहते हैं। लेकिन अगर हकीकत देखी जाए तो अपनी इस समस्या के लिए कहीं ना कहीं हम खुद ही जिम्मेदार होते हैं।

Tuesday, July 26, 2016

ब्लड प्रेशर की समस्या से निजात दिलाता है प्रोटीओमेगा


भागमभाग और तनाव भरी जिंदगी के चलते ब्लड प्रेशर का हाई और लो होने को अक्सर लोग एक आम बात कहते हैं। जबकि ब्लड प्रेशर का हाई या लो होना कोई आम बात नहीं बल्कि भविष्य में होने वाली कई बिमारियों का सूचक है। सबसे गंभीर बात यह है कि ब्लड प्रेशर की बीमारी होने से पहले कोई लक्षण दिखाई नहीं देते हैं, इसलिए इसे आमतौर पर​ साइलेंट किलर भी कहा जाता है।

ब्लड प्रेशर और प्रोटीओमेगा
व्यस्त जीवनशैली के चलते आज के समय में चाहते हुए कोई अपने खानपान पर ध्यान नहीं दे पाते हैं। जबकि सच यह है कि ब्लड प्रेशर का हाई और लोे होना हमारे खानपान पर निर्भर करता है। व्यक्ति अगर अपने खानपान में लापरवाही बरतेगा और अपने आहार में प्रोटीन को शामिल नहीं करेगा तो ब्लड प्रेशर का स्तर बिगड़ना लाजमी है। ब्लड के दोनों स्तर ही हमारे लिए जानलेवा साबित हो सकते हैं। क्योंकि लो में ब्लड शरीर के सभी अंगों तक नहीं पहुंच पाता है और हाई होने पर माइग्रेन और दौरे पड़ने का खतरा रहता है।

ब्लड प्रेशर लेवल और व्यस्त जीवनशैली दोनों को काबू करने के लिए Dr.G wellness का प्रोटीओमेगा सप्लीमेंट का सेवन आपके लिए रामबाण साबित हो सकता है। क्योंकि इस सप्लीमेंट में प्रोटीन, ओमेगा-3, ओमेगा-6 के साथ ही कई ऐसे पोषक तत्व शामिल हैं जिनकी हमें स्वस्थ रहने के लिए काफी जरूरत होती है।

प्रोटीओमेगा से पाएं खांसी और दमा की बीमारी से छुटकारा


खांसी एक ऐसा रोग है जिसके लिए हम किसी विशेष मौसम को जिम्मेदार नहीं ठहरा सकते हैं। गर्मियों में यह धूल मिट्टी के कारण हो जाती है तो मानसून व सर्दियों के मौसम में नमी की वजह से खांसी होने का डर रहता है। खांसी होने पर या ​इससे बचने के लिए आप बाजारों में ​बिकने वाले  कैमिकल युक्त पदार्थों का सेवन करने के बजाय  Dr.G wellness का प्रोटीओमेगा सप्लीमेंट का सेवन कर सकते हैं।

प्रोटीओमेगा में प्रोटीन, ओमेगा-3 व ओमेगा-6 के साथ ही ऐसे प्राकृतिक पोषक तत्व शामिल हैं जिसका नियमित सेवन करने से आप खांसी होने के खतरे से बारहों मास चिंता मुक्त रह सकते हैं।


प्रोटीओमेगा सप्लीमेंट का सेवन करने पर खांसी, नाक बजना, छाती का कड़ा होना, रात और सुबह में सांस लेने में तकलीफ आदि दिक्कतें तो दूर होती ही हैं साथ ही इसमें पाया जाने वाला ओमेगा-3 फैटी एसिड फेफड़ों में हुई सूजन को कम करने के साथ बार-बार हो रहे आस्थमा अटैक से भी बचाने में मदद करता है। प्रोटीओमेगा को पानी, दूध या फिर किसी भी शेक्स के साथ लिया जा सकता है।

मानसून में बढ़ती है कमजोरी, ऐसे बढ़ाएं ताकत-रहें स्वस्थ


मानसून आने पर हमें तपती गर्मी से राहत तो जरूरी मिलती है, लेकिन क्या आप ये जानते हैं कि मानसून अपने पीछे-पीछे कई तरह की बीमारियां भी साथ लाता है। अक्सर देखा जाता है कि मानसून के मौसम में लोगों में आलस्य आ जाता है यानि कि हमारा इम्यून सिस्टम अपेक्षाकृत थोड़ा शिथिल हो जाता है और हम अपने खानपान को लेकर लापरवाही बरतने लगते हैं। जिसका खामियाजा हमें गंभीर बीमारियों की गिरफ्त में आकर भुगतना पड़ता है।

प्रोटीन मतलब प्रोटीओमेगा
मौसम चाहे कोई भी हो लेकिन शरीर को हर स्थिति में प्रोटीन की जरूरत होती है। क्योंकि शरीर यह नहीं जानता कि मानसून चल रहा है या सर्दी-गर्मी। वैसे तो हमारे सामने प्रोटीन ग्रहण करने के कई विकल्प होते हैं लेकिन समय की कमी के चलते हम लोग उनका सेवन करने में असमर्थ हो जाते हैं।

लेकिन अब आपको प्रोटीन कब और कैसे ले ये सोचने की जरूरत है। क्योंकि हम आपको प्राकृतिक पोषक तत्वों से बना ऐसा सप्लीमेंट बता रहे हैं जिसमें प्रोटीन कूट-कूटकर भरा हुआ है। जी हां, Dr.G wellness का प्रोटीओमेगा सप्लीमेंट ऐसे प्राकृतिक पोषक तत्वों से बना हुआ है जिसका नियमित सेवन करने से आप बारहों मास स्वस्थ रह सकते हैं।

ऐसा इसलिए क्योंकि प्रोटीओमेगा प्रोटीन और ओमेगा-3,6 के साथ ही कई ऐसे पोषक तत्वों से बना हुआ है जिनकी हमारे शरीर को हर स्थिति में जरूरत होती है। प्रोटीओमेगा को पानी, दूध या फिर किसी भी शेक्स के साथ लेने से सभी समस्याओं का निपटारा होता है।

प्रोटीन के बहकावे में 'नकली' सब्जियों से रहें सावधान


आज के हाईटैक भरे दौर में अब फलों और सब्जियों से प्रोटीन प्राप्त करने की उम्मीद रखना भी बेवकूफी है। क्यों? क्योंकि बाजारों में हरी-भरी और ताजा दिखने वाली सब्जियां या फल असल में प्राकृतिक नहीं बल्कि इन्हें जल्दी पकाने और अच्छा दिखाने के लिए इनके साथ कैमिकल इंजेक्शनों से छेड़छाड़ की जाती है।

अभी तक हम लोग सिर्फ मावे में शक्कर, बेसन में मटर का भूसा और घी में डालडा जैसे उदाहरण ही सुनते आए हैं। लेकिन यह 100 प्रतिशत सही है कि अब फलों और सब्जियों में ऑक्सीटोसिन हार्मोन का इंजेक्शन लगा कर इन्हें रातों रात आकार में बड़ा किया जाता है। हम सब देखते हैं कि बाजारों में बिना सीजन वाले फल भी काफी फ्रैश हालत में पेश किए जाते हैं। खासतौर से बेमौसमी फल, सब्जी और चटक रंग के दिखने वाले उत्पादों के साथ ऑक्सीटोसिन हार्मोन के इंजेक्शन से छेड़छाड़ की जाती है। वैसे अगर असल में देखा जाए तो यह मिलावट सब्जी या फलों के साथ नहीं बल्कि हमारी सेहत के साथ हो रही है।


ऐसे होते हैं हम बीमार
​कैमिकलों से पैदा किए हुए फल और सब्जी को हमारा लीवर जल्दी से पचा नहीं पाता है। डीडीटी और बीएचसी जैसे कीटनाशक को भी लीवर जल्दी से नहीं तोड़ पाता है। जिसके बाद ये शरीर में जमा होने लगते हैं और यहीं से पाचन तंत्र व अन्य बीमारियों की गिरफ्त में आ जाते हैं।


प्रोटीओमेगा से ग्रहण करें प्रोटीन
हम आपसे दावे के साथ कहते हैं कि Dr.G wellness का प्रोटीओमेगा सप्लीमेंट ऐसे प्राकृतिक पोषक तत्वों से बना हुआ है जिसका नियमित सेवन करने से आपको आर्टिफिशियल ​सब्जी या फलों का सेवन करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। क्योंकि प्रोटीओमेगा सप्लीमेंट में प्रचुर मात्रा में प्रोटीन और ओमेगा-3, ओमेगा-6 होने के साथ ही कॉर्बोहाइड्रेट, फाइबर, फैट, एनर्जी के साथ ही कई अन्य पोषक तत्व शामिल हैं। इन सभी तत्वों का आज के भागदौड़ भरे दौर में सेवन करना बेहद जरूरी है। इसलिए हम आपको यही सलाह देंगे कि प्रोटीन के फेर में आर्टिफिशियल सब्जी या फलों का सेवन करने से बचें और प्रोटीओमेगा का पानी, दूध या फिर किसी भी शेक्स के साथ नियमित रूप से सेवन करें। 

प्रोटीओमेगा आजमाएं, पाचन की समस्या को दूर भगाएं


अनियमित खानपान और व्यस्त जीवनशैली के चलते आज लगभग हर तीसरा व्यक्ति पाचन तंत्र से जुड़ी समस्या से परेशान है। अधेड़ उम्र के लोगों के साथ ही युवा भी पाचन की समस्या से घिरे हुए हैं। अक्सर लोगों की शिकायतें रहती हैं कि तमाम तरह के हथकंडे अपनाने के बावजूद पाचन की समस्या से निपटारा नहीं हो रहा है? वहीं,  डॉक्टरों व एक्सपर्टों का दावा है कि लगभग 80 प्रतिशत ​बीमारियों का उद्भव खराब पाचन तंत्र की वजह होता है। एक बार व्यक्ति का पाचन खराब हो गया तो वह कई तरह की बीमारियों से घिरने लगता है।


ये है पाचन का सही इलाज
अगर देखा जाए तो पाचन के मरीजों की शिकायतें काफी हद तक सही भी हैं। आज के समय में लगभग हर चीज कैमिकल से बनी हुई है। इसलिए कोई नई चीज का अनुभव करने में अक्सर लोगों के मन झिझक होती है। आज आपकी इस झिझक को खत्म करते हुए हम आपको ऐसा सप्लीमेंट बता रहें हैं जिससे पाचन संबंधी हर ​बीमारी दूर होने के साथ ही आप स्वस्थ भी रहेंगे। जी हां,  Dr.G wellness का प्रोटीओमेगा सप्लीमेंट ऐसे प्राकृतिक पोषक तत्वों से बना हुआ है जो पाचन से जुड़ी हर समस्या को जड़ से खात्मा करता है।


क्यों खास है प्रोटीओमेगा
प्रोटीओमेगा सप्लीमेंट में प्रचुर मात्रा में प्रोटीन और ओमेगा-3, ओमेगा-6 होने के साथ ही कॉर्बोहाइड्रेट, फाइबर, फैट, एनर्जी के साथ ही कई अन्य पोषक तत्व शामिल है। जो पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने के लिए हर कीमत पर मायने हैं। प्रोटीओमेगा को पानी, दूध या फिर किसी भी शेक्स के साथ लेने से लीवर, आंत और फूड पाइप से जुड़ी सभी समस्याओं का निपटारा होता है। प्रोटीओमेगा का नियमित सेवन करने से पाचन तंत्र से जुड़ी समस्याओं का निपटारा तो होता ही है साथ ही खाने को पचाना भी काफी आसान हो जाता है। 

Monday, July 25, 2016

सावधान! क्या आप जानते हैं 'जहरीली दालों' के पीछे का ये सच?

हम लोग अक्सर प्रोटीन का सेवन करने के लिए दालों को प्राथमिकता देते हैं। क्योंकि दालों में काफी मात्रा में प्रोटीन के साथ ही कई पोषक तत्व भी पाए जाते हैं। वहीं, डॉक्टर भी हमें अपने आहार में दाल को शामिल करने की सलाह देते हैं।

जहरीली दालें
क्या आपने कभी यह सोचा है कि जब भारत के कुछ हिस्सों को छोड़ कर बाकी जगह बारीश ही नहीं हो रही है और दालों की पैदावार भी कम है, फिर भी हमें कैसे औसतन दामों में अच्छी किस्म की दालें उपलब्ध हो रही है?

अगर आप यह नहीं जानते तो  इस जाल के पीछे का सच आज हम आपको बताएंगे। दरअसल, शहरों में तकनीक इतनी विकसित हो गई है कि यहां खोखली दालों के ऊपर प्राकृतिक छिल्के जैसी आर्टिफिशियल परत चढ़ाई जाती है। इतना ही नहीं दालों को फ्रैश दिखाने के लिए इनके उपर इस तरह की पॉलिश की जाती है जो एकदम प्राकृतिक लगती है।


ऐसे में जब हम इस तरह की दालों का सेवन करते हैं तो प्रोटीन मिलना तो दूर हम शारीरिक रूप से बीमार पड़ जाते हैं। कई बार इस तरह की दालें हमें गंभीर ​बीमारियों के दलदल में भी धकेल देती हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि यह मिलावट इतनी सावधानी के साथ की जाती है कि आम आदमी तो दूर कभी कभार एक बड़ा व्यापारी भी दालों के पीछे का सच जानने में धोखा खा जाता है।

क्या है प्रोटीन का सही माध्यम?
आधुनिक समय में अपनी सेहत पर ध्यान के लिए किसी के पास समय नहीं है। खासतौर से कामकाजी लोगों के पास। ऐसे में उन्हें जिस समय जो कुछ भी खाने को मिलता है वह खा लेते हैं। बिना यह सोचे समझे कि इसमें प्रोटीन शामिल है या नहीं? इस व्यस्त और भागदौड़ भरी जिंदगी में प्रोटीन का सही मात्रा में सेवन करने के लिए Dr.G Wellness का प्रोटीओमेगा सप्लीमेंट सबसे सफल और उच्च विकल्प है।

कैमिकल तत्वों से रहित इस सप्लीमेंट में प्रचुर मात्रा में प्रोटीन, ओमेगा-3, ओमेगा-6, कॉर्बोहाईड्रेट, फाइबर और कई अन्य पोषक तत्व शामिल हैं। इस सप्लीमेंट को पानी, दूध या फिर किसी भी तरह के शेक्स के साथ मिलाकर लिया जा सकता है। प्रोटीओमेगा की खासियत यह है कि यह प्रोटीन ग्रहण करने का एक ऐसा स्रोत है जो प्राकृतिक तत्वों से तो बना ही है साथ ही इसका सेवन करना भी काफी आसान है।


विशेष: हम आपसे यहां ये नहीं कह रहे हैं कि बाजारों में मिलनी वाली हर दाल नकली है। लेकिन यह भी सच है कि लगभग 60 फीसदी दालों के साथ छेड़छाड़ की जाती है। अंतत: हम आपको यही सलाह देंगे कि आप प्रोटीन के सेवन के लिए प्रोटीओमेगा का सेवन करें। सिर्फ 5 मिनट में बनने वाला प्रोटीओमेगा का शेक आपको एक स्वस्थ जीवन प्रदान करा सकता है।

बच्चों के संपूर्ण विकास के लिए सिर्फ प्रोटीओमेगा

पहले के समय में बच्चा लगभग 20 साल की उम्र के बाद अपने बराबर के बच्चों के साथ पढ़ाई और करियर को लेकर प्रतिस्पर्धा करता था। लेकिन आज का समय इतना एडवांस हो गया है अभिभावक छोटी से उम्र में ही अपने बच्चों पर खुद की उम्मीदों का टोकरा रख देते हैं। अगर बच्चें उन उम्मीदों पर खरे उतर गए तब तो उनकी वाहवाई होती है, नहीं तो अभिभावक सफल बच्चों का उदाहरण देकर व बात-बात पर ताने माकर उन्हें उनकी प्राकृतिक क्षमता से भी कमजोर बना देते हैं।

खुशखबरी! प्रोटीओमेगा दिलाएगा पतलेपन से छुटकारा

संघर्षी वातावरण में हम लोग इतने अंधे हो गए हैं कि अपने बच्चों के खानपान पर ध्यान देने के बजाय उनके आगे सिर्फ उम्मीदों का घड़ा रख देते हैं। जबकि हकीकत यह है कि बच्चों का सम्पूर्ण विकास और शारीरिक क्षमता सिर्फ उसके खानपान पर निर्भर करती है। जब तक बच्चों के आहार में प्रोटीन शामिल नहीं होगा तक तक बच्चें एक स्वस्थ शरीर पाने में अक्षम रहेंगे। क्योंकि खानपान का सीधा असर हमारी सेहत और उज्ज्वल मस्तिष्क पर पड़ता है। बच्चा अपने आहार में जितना अधिक मात्रा में प्रोटीन और पोषक तत्वों का सेवन करेगा उतना ही अच्छा उसके शरीर का विकास होगा।


आजकल का खानपान
आजकल का खानपान इतना कैमिकल युक्त हो गया है वह हमारे इम्यून सिस्टम को कमजोर करता जा रहा है। दैनिक आहार में कुछ ना कुछ फास्ट फूड शामिल होने के चलते बच्चों को पौष्टिक से नफरत होती जा रही है। एक तो शहरों का प्रदूषण भरा माहौल और दूसरा बच्चों का बेकार खानपान उनके संपूर्ण विकास पर विराम लगा देते है। जिससे बच्चें छोटी से उम्र में ही शारीरिक रूप से अस्वस्थ और कई गंभीर बीमारियों से घिरने लगते हैं।

प्रोटीओमेगा से दूर होता है डिप्रेशन, मिलती है शांति

इस स्थिति में परिजन अफरा-तफरी में बच्चों के विकास के लिए बाजारों में बिक रहे तमाम तरह के सप्लीमेंट और दवाईयों का सहारा लेते हैं और अपने बच्चों को स्वस्थ होने की दुआई देकर जबरन उनका सेवन करने के लिए दबाव डालते हैं। जिससे या तो साइडइफेक्ट होने शुरू हो जाते हैं और या फिर बच्चे बीमार पड़ जाते हैं।


संपूर्ण विकास के लिए सिर्फ प्रोटीओमेगा
प्रोटीओमेगा यानि कि प्रोटीन और ओमेगा के मिश्रण से बना एक ऐसा सप्लीमेंट जो बच्चों में हर तरह से विकास करने में कामयाब है। Dr.G Wellness के प्रोटीओमेगा सप्लीमेंट में प्रचुर मात्रा में प्रोटीन, ओमेगा-3, ओमेगा-6, कॉर्बोहाईड्रेट, फाइबर और अन्य पोषक तत्व हैं। इन सभी तत्वों की बच्चों को छोटी सी उम्र में ही जरूरत होती है। इस सप्लीमेंट के नियमित सेवन से बच्चों के ​मस्तिष्क विकास के साथ-साथ उनका वजन, भूख, आखों की रोशनी, हाईट, पाचन तंत्र और इम्यून सिस्टम आदि सभी चीजें संतुलित रहती हैं।

अच्छे स्वास्थ्य का मंत्र है प्रोटीओमेगा

इसे पानी, दूध या किसी भी शेक्स में मिलाकर देने से बच्चें हर तरह की बीमारी से अछूत रहते हैं। यह सप्लीमेंट जितना हेल्दी है उतना ही स्वादिष्ट भी है। प्रोटीओमेगा की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इस अकेले सप्लीमेंट में सभी महत्वपूर्ण पौषक तत्व प्रचुर मात्रा में पर्याप्त हैं।

Saturday, July 23, 2016

खुशखबरी! प्रोटीओमेगा दिलाएगा पतलेपन से छुटकारा




हद से ज्यादा पतला होने के चलते अगर आप भी कमजोर पहलवान, हड्डी, माचिस की तिल्ली, छिपकली और हैंगर में टंगे कपड़ों जैसी शर्मनाक टि​प्पणियों का सामना कर रहे हैं तो अब आपको इससे मुक्ति मिलने वाली है। चाहे पुरुष हो या महिला हर कोई फिट फिगर पाने की चाह रखता है। लेकिन कई बार हद से ज्यादा पतला होना हमारे लिए शर्म और लोगों से मुंह छिपाने का कारण बन जाता है। जिससे बचने के लोग कैमिकल युक्त सप्लीमेंट या दवाईयां का सहारा लेते हैं। जिनसे फायदा होने के बजाय अक्सर साईइफेक्ट ही हाथ लगते हैं।


'अनफिट इंडिया'
आज के दौर में अत्यधिक व्यस्त और तनाव भरी जिंदगी होने के चलते आलम यह है कि सिर्फ 10 प्रतिशत लोग ही हेल्दी लाइफ एॅन्जाय कर रहे हैं। देशभर में जहां 70 प्रतिशत मोटापे से परेशान हैं तो वहीं 20 प्रतिशत लोग पतलेपन से परेशान। मोटे से पतले होने के उपाय तो अक्सर देखने को मिलते हैं लेकिन प्रतिशत कम होने के चलते पतले से मोटे होने के टिप्स पता लगाना थोड़ा मुश्किल हो जाता है।


सप्लीमेंट मतलब प्रोटीओमेगा
अगर आप भी अपनी उम्र के हिसाब से काफी पतले हैं और फिट फिगर पाना चाहते हैं तो आपको जरूरत है Dr.G Wellness प्रोटीओमेगा सप्लीमेंट को अपने आहार में शामिल करने की। यह सप्लीमेंट प्रोटीन और ओमेगा-3 व ओमेगा- 6 से बना ऐसा सप्लीमेंट जो प्राकृतिक तौर पर वजन बढ़ाने के साथ साथ ऊर्जा भी प्रदान करना।

अब आप यह सोच रहे होंगे कि प्रोटीओमेगा ही क्यों? सिर्फ प्रोटीओमेगा ही इसलिए क्योंकि प्रोटीन, ओमेगा, एनर्जी, कॉर्बोहाइड्रेट, फैट के साथ साथ कई अन्य तरह के पोषण तत्वों का इस्तेमाल किया गया है। जो वजन को संतुलित करने में मदद करता है। प्रोटीओमेगा सप्लीमेंट को नियमित रूप से पानी, दूध या किसी भी शेक्स में मिलाकर लेने से मांसपेशी के सुडौल होने के साथ ही हॉर्मोन भी नियंत्रण में आते हैं।

प्रोटीओमेगा से दूर होता है डिप्रेशन, मिलती है शांति



आजकल भागदौड़ भरी जिंदगी में हर कोई किसी ना किसी वजह से मानसिक तौर पर परेशान रहता है।​ जिसका अंतिम पड़ाव डिप्रेशन यानि कि तनाव होता है। आज के दौर में यह रोग युवाओं में अधिक देखने को मिलता है, जिसके 2 कारण होते हैं। पहला- हमारा खानपान और दूसरा- खुद को असफल और अपने प्रतिद्वंदी को सफल होते हुए देखना। हालांकि लोग डिप्रेशन को बहुत मामूली रोग समझकर इसे गंभीरता से नहीं लेते हैं। जबकि डिप्रेशन एक ऐसा रोग है जो हमें बहुत जल्द मौत के दर्शन करा देता है।

कैसे कम होगा डिप्रेशन?
डिप्रेशन को जड़ से खत्म करने के लिए हमें अपने खानपान में प्रोटीन और पोषक तत्वों को विशेष रूप से वरीयता देनी चाहिए। क्योंकि प्रोटीन डिप्रेशन को दूर करने का सबसे सफल और आसान स्रोत है। अब प्रश्न यह उठता है कि भागदौड़ भरी जिंदगी में हम किस तरह से अपने खानपान पर ध्यान दें? अगर आप भी कुछ यहीं सोच रहे हैं तो घबराइए मत। आपकी इस समस्या का समाधान सिर्फ Dr.G Wellness के प्रोटीओमेगा सप्लीमेंट में है। प्रोटीओमेगा प्रोटीन और ओमेगा-3 व ओमेगा-6 से बना ऐसा सप्लीमेंट है ​जो ना सिर्फ डिप्रेशन को जड़ से खत्म करता है बल्कि यह मानसिक शांति भी देता है।

प्रोटीओमेगा ही क्यों?
प्रोटीओमेगा यानि कि प्रोटीन और ओमेगा का ऐसा सप्लीमेंट है जिसमें इतनी क्षमता है कि यह डिप्रेशन दूर करने के साथ-साथ हमारे इम्यून सिस्टम को भी मजबूत करता है। इस सप्लीमेंट को पानी, दूध या किसी भी तरह के शेक्स के साथ लेने से केंद्रीय तंत्रिका तंत्र में विकास के साथ अनुपूरक अवसाद भी कम होता है।


प्रोटीओमेगा में पाया जाने वाला प्रोटीन, ओमेगा, फैट, कॉर्बोहाइड्रेट, फाइबर और एनर्जी ​डिप्रेशन से  दिमाग में होनी वाली सिकुड़न को दूर कर मस्तिष्क की कोशिकाओं को खोलता है। जिसके बाद हमारे मस्तिष्क में सोचने-समझने की एक नई संरचना तैयार होती हैं सबसे खास बात यह है इस प्रोटीओमेगा के कोई साइडइफेक्ट नहीं है।