क्या आप भी गर्मियों में डल स्किन से परेशान हैं?

मौसम चाहे कोई भी हो लेकिन हर लड़की चाहती है कि वह हमेशा चमकती-दमकती और फ्रैश दिखें। लेकिन गर्मियों के मौसम में इसे बरकरार रखना थोड़ा सा मुश्किल हो जाता है।लेकिन आज हम आपको बताएंगे हैं कि आप कैसे खुद को हमेशा खिलाखिला रख सकती हैं।

अबॉर्शन कराना मतलब डिप्रेशन को न्यौता देना

अबॉर्शन के बाद डिप्रेशन होना शायद यह बात आपको थोड़ा अजीब जरूर लगे। लेकिन सच यह है कि अबॉर्शन और डिप्रेशन का बहुत गहरा संबंध है। अॅर्बाशन कराने के बाद अधिकतर महिलाएं डिप्रेशन और...

अस्थमा के मरीज हैं तो बारिश से रहे सावधान, जानिए क्यों?

मानसून आने में अब ज्यादा वक्त नहीं रह गया है। लेकिन इस मानसून की शुरुआती बारिश में भीगना अस्थमा के मरीजों के लिए अभिश्राप साबित हो सकता है। ऐसे मौसम में अस्थमा के मरीज इन उपायों को अपनाकर स्वस्थ रह सकते हैं।

देश का भविष्य खराब कर रहा है फास्ट फूड

आज के समय की भागदौड़ भरी जिंदगी में फास्ट फूड को लोगों की पहली पसंद कहें या मजबूरी, दोनों ही स्थितियों में यह जानलेवा है। आप यह जानकर हैरान होंगे कि फास्ट फूड हमारे देश का 'भविष्य' खराब कर रहा है।

बालों को लेकर कहीं आप भी तो नहीं कर रहे ये 5 गलतियां?

आज के समय में हर कोई बालों के झड़ने और रफ होने जैसी समस्या से परेशान रहते हैं। लेकिन अगर हकीकत देखी जाए तो अपनी इस समस्या के लिए कहीं ना कहीं हम खुद ही जिम्मेदार होते हैं।

Sunday, July 31, 2016

#Breastfeeding : मां का दूध तय करता है बच्चे का मानसिक स्तर!


अगस्त माह का पहला सप्ताह 170 से भी अधिक देशों में #ब्रेस्टफीडिंग के तौर पर मनाया जा रहा है। हफ्तेभर तक चलने वाले इस मंसूबे को मनाने का मकसद #ब्रेस्टफीडिंग के प्रति जागरुकता फैलाना और मां के दूध की शिशुओं के लिए जरूरत पर जोर देना होता है। पहली बार ब्रेस्टफीडिंग डे 1992 में मनाया गया था। एक सर्वे के अनुसार सामने आया है कि भारत में 30 फीसदी महिलाएं अपना फिगर खराब होने और कई भ्रांतियों के चलते अपने शिशुओं को स्तनपान कराने से परहेज करती है। जबकि मेडिकल साइंस का कहना है कि शिशुओं को स्तनपान कराने से ब्रेस्ट की शेप पर कोई फर्क नहीं पड़ता है।

नाइट शिफ्ट में काम करने से पुरुषों में भी होता है ब्रेस्ट कैंसर

बल्कि इससे स्तन सुडोल होने के साथ ही मां की शारीरिक बनावट में निखार आता है। एक कहावत है कि 'मां का दूध नसीब वालों को ही मिलता है।' इस कहावत में काई दोराय नहीं है। क्योंकि मां का दूध पीने वाले बच्चे रेडिमेड दूध पीने वालों की तुलना में ना सिर्फ सारी उम्र बीमारियों से मुक्त रहते है बल्कि मां का दूध बचपन में ही बच्चे का मानसिक स्तर भी तय कर देता है।


गर्भवती हैं तो प्रोटीओमेगा को कीजिए आहार में शामिल

मां का दूध और बच्चे का दिमाग
मां का दूध पीने वाले बच्चे मानसिक तौर काफी तेज होते हैं। शुरुआती 1 साल तक सिर्फ मां का दूध पीने से बच्चों की समृति, सोचने-समझने की क्षमता, कैचिंग पॉवर और अन्य कई तरह से बच्चे दिमागी तौर पर काफी तेज होते हैं। एक नए शोध के अनुसार सामने आया है कि जिन बच्चों ने मां का दूध पीया होता है वह डिप्रेशन की बीमारी के कम शिकार होते हैं।

बच्चों के संपूर्ण विकास के लिए सिर्फ प्रोटीओमेगा

मां के दूध में पोषक तत्व
ऐसा इसलिए होता है क्योंकि बच्चा धरती पर कदम रखने के साथ ही मां के दूध के माध्यम से पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन, विटामिन, आयरन, कॉर्बोहाइड्रेट और कैल्शियम के साथ ही कई पोषक तत्वों से जुड़ जाता है। यह बच्चे के लिए एंटीबायोटिक का कार्य भी करता है। सबसे बड़ी बात यह है कि मां का दूध पीन से बच्चे कुपोषण और लकवा जैसे बीमारियों से कोसो दूर रहते हैं। जो अक्सर बच्चों को बचपन में ही घेरने का प्रयास करती है।


मां के लिए भी है फायदेमंद
मां द्वारा अपने शिशु को दूध पिलाना जितना बच्चे के लिए फायदेमंद होता है उतना ही यह मां के लिए भी होता है। इससे प्रेग्नेंसी के दौरान मां का बढ़ा हुआ कम वजन कम होता है। चिकित्सकों की माने तो शिशु को दूध पिलाने से मां की प्रतिदिन 500 कैलोरी खर्च होती है। इसके साथ ही मां ब्रेस्ट कैंसर, वजन बढ़ना, हॉर्मोंस और मेटाबॉलिक सिंड्रोम नियंत्रित रहता है। इसके साथ ही मां कई तरह की बीमारियों से मुक्त रहती है।

Saturday, July 30, 2016

बोरिक एसिड बन रहा है आपके लिए जानलेवा!


बोरिक एसिड ऐसा सूक्ष्म तत्व है जिसका प्रयोग अधिकतर पौधों और खाने की चीजों को कीड़े मकोड़ों और फंगस के प्रभाव से बचाने से लिए किया जाता है। लेकिन आजकल व्यापारी अपने माल को बचाने के लिए हर चीज में बोरिक एसिड का इस्मेमाल कर रहे हैं। व्यापारी पैसों के लालच में इतने अंधे हो जाते हैं कि उन्हें ये डर भी नहीं रहता कि बोरिड एसिड का इस्मेमाल आटे, चावल जैसे खाद्य पदार्थों में करने पर हमारी सेहत के साथ कितना बड़ा खिलवाड़ हो रहा है।


आपको अपनी सेहत के साथ खिलवाड़ करवाना है या नहीं यह सोचना आपके हाथ में है। क्यों​कि आजकल हर चीज के साथ मिलावट की जा रही है। इसलिए हम आपको यही सलाह देेंगे कि आप खुद को बीमारियों से बचाने के लिए अपने आहार में ज्यादा से ज्यादा प्रोटीन और पोषक तत्वों को इस्तेमाल करें। इसके लिए आप Dr.G wellness के प्रोटीओमेगा सप्लीमेंट का इस्मेमाल कर सकते हैं। इस सप्लीमेंट में प्रोटीन, ओमेगा 3, ओमेगा 6 के साथ ही ऐसे पोषक तत्व शामिल हैं जो आपके इम्यून सिस्टम को मजबूत करने के साथ ही आपको हर तरह की बीमारियों की चपेट में आने से बचाते हैं।

मुंह की बदबू कर रही हो शर्मिंदा तो, अपनाएं ये


आप चाहे कितने भी खूबसूरत हैं अगर आपके मुंह से बदबू आती है तो वो आपकी पर्सनेलिटी पर ऐसा धब्बा लगाती है कि सामने वाला आपके पास आने से दूर भागता है। ऐसे लोगों में आत्वविश्वास होना तो दूर ये ना तो कभी अपने पार्टनर के साथ रोमांटिक बातें कर सकते हैं और ना ही कभी आॅफिस में चार आदमियों के साथ बैठकर मीटिंग कर सकते हैं।

आमातौर पर 40 साल से ऊपर के लोगों को मुंह से बदबू आने की शिकायत रहती है, लेकिन आजकल खराब खानपान और तनाव भरा जीवन के चलते युवा भी इसका शिकार हो रहे हैं। दूषित और ज्यादा ​तला-भुना खाना खाने से गंदा तेल हमारे फेफड़ों में जमा हो जाता है और हमारा पाचन तंत्र भी ठीक से काम करना बंद देता है। जिसके चलते पेट में जमा हुआ यह खाना हमारे मुंह से बदबू के द्वारा बाहर निकलता है।


इसलिए अगर आप मुंह से आने वाली बदबू से छुटकारा पाना चाहते हैं तो सबसे पहले अपने खाने में प्रोटीन को शामिल कीजिए। इसके लिए आप Dr.G wellness के प्रोटीओमेगा सप्लीमेंट का इस्तेमाल कर सकते हैं। इस सप्लीमेंट में प्रोटीन, ओमेगा 3, ओमेगा 6, कैल्शियम, फाइबर, आयरन, फैट, एनर्जी समेत कई ऐसे पोषक तत्व शामिल हैं जो हमारे पेट और शरीर के सभी अंगों को स्वस्थ रखते हैं। जब आप स्वस्थ होंगे तो आपके मुंह से कभी बदबू नहीं आ सकती है। सिर्फ 5 मिनट में प्रोटीओमेगा को पानी, दूध या किसी भी शेक्स के साथ लेकर आप मुंह से बदबू जैसी शर्मनाक बीमारी से हमेशा के लिए छुटकारा पा सकते हैं।

8 घंटे कम्प्यूटर के आगे बैठने से होती है ये बीमारी


आजकल कम्प्यूटर के आगे बैठकर काम करना एक ट्रेंड सा हो गया है। बच्चे से लेकर बड़े तक हर कोई अपना आधे से ज्यादा वक्त कम्प्यूटर और लैप्टॉप के आगे वक्त बिताते हैं। ये तो सभी को पता होता है कि कम्प्यूटर के आगे ज्यादा देर बैठकर काम करने से हमें कई तरह की बीमारियां होती है। जिसमें सबसे पहले मोटापा आता है। लेकिन मोटापे के अलावा भी एक ऐसा रोग है जो लगभग 70 फीसदी उन लोगों में पाया जाता है जो कम्प्यूटर के आगे 8 घंटे लगातार बैठकर काम करते हैं। इस रोग को नेत्र रोग कहते हैं।


जी हां, 8 घंटे कम्प्यूटर के आगे बैठने से आंखों का कमजोर होना, आंखों के नीचे काले घेरे पड़ना, धुंधला दिखाई देना, बीच बीच में चक्कर आना और नींद ना आना आम बातें हो जाती है। ऐसी स्थिति के लिए कई चीजें जिम्मेदार होती है, जिसमें से एक हमारा खानपान भी है। अगर कोई व्यक्ति अपना खानपान हेल्दी रखता है तो कम्प्यूटर उसका कुछ नहीं बिगाड़ सकता।

अगर आप भागदौड़ और व्यस्त जिंदगी के चलते प्रोटीन और पोषक तत्वों को सेवन नहीं कर पा रहे हैं तो आप Dr.G wellness के प्रोटीओमेगा सप्लीमेंट को इस्मेमाल करिए। इस सप्लीमेंट के इस्तेमाल से आपके शरीर में हेमाग्लोबिन का स्तर सामान्य रहने के साथ ही आपके शरीर में ब्लड प्रेशर लेवल और आयरन की मात्रा भी संतुलित रहेगी।


ऐसा इसलिए क्योंकि प्रोटीओमेगा में प्रोटीन, ओमेगा 3, ओमेगा 6, कैल्शियम, फाइबर, आयरन, फैट, एनर्जी समेत कई ऐसे पोषक तत्व शामिल हैं जो हमारी मांसपेशियों में रक्त के प्रवाह को नियंत्रित रखते हैं और हमारी आंखों की रोशनी तेज होती है। सिर्फ 5 मिनट में प्रोटीओमेगा को पानी, दूध या किसी भी शेक्स के साथ लेने से आप आंखों की रोशनी तेज कर सकते हैं।

जानिए, हॉर्मोन को संतुलन रखना क्यों होता है जरूरी?


आजकल भागदौड़ भरी जिंदगी में आर्थिक दबाव, बढ़ती महंगाई और अनियमित खानपान की वजह से व्यक्ति अक्सर तनाव में रहता है। जिसके चलते उसका स्वास्थ्य बिगड़ता है और हॉर्मोन्स में अनियमितता आती है। जिसके चलते पुरुषों में सबसे पहले टेस्टोस्टेरॉन और महिलाओं में एस्ट्रोजन हॉर्मोन में अस्थिरता आने लगती है।  इसके साथ ही वजन का बढ़ना और घटना भी आम बात हो जाती है।

सावधान! कहीं आप भी तो नहीं पी रहे दूध के नाम पर 'जहर

अगर इंसान के हॉर्मोन बैलेंस नहीं है तो वह कभी स्वस्थ नहीं रह सकता है। क्योंकि हॉर्मोन का सीधा संबंध हमारी सेक्स की क्षमता, रक्त संचरण, मांसपेशियों के विकास के साथ साथ एकाग्रता, मूड और स्मृति को प्रभावित करता है। इसलिए जरूरी है कि हम ऐसी भागदौड़ भरी जिंदगी में विशेष रूप से अपने खानपान पर ध्यान रखें।


आजकल खाने से लेकर पहनने-ओड़ने तक सभी चीजों में मिलावट देखी जा रही है। इसलिए ऐसी स्थिति में जरूरी है कि आप सप्लीमेंट को इस्मेमाल करिए। जिसमे प्रोटीन, ओमेगा 3, ओमेगा 6, कैल्शियम, फाइबर, आयरन, फैट, एनर्जी समेत कई ऐसे पोषक तत्व शामिल हैं जो हमारी मांसपेशियों और हड्डियों को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाते हैं। इसके इस्तेमाल से हमारे हॉर्मोन्य बैलेंस होने के साथ ही हम तनाव रहित होते हैं।

जानिए, हॉर्मोन को संतुलन रखना क्यों होता है जरूरी?


आजकल भागदौड़ भरी जिंदगी में आर्थिक दबाव, बढ़ती महंगाई और अनियमित खानपान की वजह से व्यक्ति अक्सर तनाव में रहता है। जिसके चलते उसका स्वास्थ्य बिगड़ता है और हॉर्मोन्स में अनियमितता आती है। जिसके चलते पुरुषों में सबसे पहले टेस्टोस्टेरॉन और महिलाओं में एस्ट्रोजन हॉर्मोन में अस्थिरता आने लगती है।  इसके साथ ही वजन का बढ़ना और घटना भी आम बात हो जाती है।

सावधान! कहीं आप भी तो नहीं पी रहे दूध के नाम पर 'जहर

अगर इंसान के हॉर्मोन बैलेंस नहीं है तो वह कभी स्वस्थ नहीं रह सकता है। क्योंकि हॉर्मोन का सीधा संबंध हमारी सेक्स की क्षमता, रक्त संचरण, मांसपेशियों के विकास के साथ साथ एकाग्रता, मूड और स्मृति को प्रभावित करता है। इसलिए जरूरी है कि हम ऐसी भागदौड़ भरी जिंदगी में विशेष रूप से अपने खानपान पर ध्यान रखें।


आजकल खाने से लेकर पहनने-ओड़ने तक सभी चीजों में मिलावट देखी जा रही है। इसलिए ऐसी स्थिति में जरूरी है कि आप Dr.G wellness के प्रोटीओमेगा सप्लीमेंट को इस्मेमाल करिए। क्योंकि इसमें प्रोटीन, ओमेगा 3, ओमेगा 6, कैल्शियम, फाइबर, आयरन, फैट, एनर्जी समेत कई ऐसे पोषक तत्व शामिल हैं जो हमारी मांसपेशियों और हड्डियों को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाते हैं। इसके इस्तेमाल से हमारे हॉर्मोन्य बैलेंस होने के साथ ही हम तनाव रहित होते हैं।

सावधान! कहीं आप भी तो नहीं पी रहे दूध के नाम पर 'जहर'


दूध अपनी शुद्धता और पवित्रता के लिए जाना जाता है। लेकिन आपको यह कड़वा सच मानना ही पड़ेगा ​कि आप और आपके बच्चे दूध के नाम पर जहर पी रहे हैं। यह हम नहीं बल्कि हमारी देश की केंद्र सरकार और चेकिंग एजैंसियों का कहना है। हाल ही में एक केंद्र मंत्री ने लोकसभा में कहा था कि देश में बिकने वाले लगभग 68 प्रतिशत दूध के साथ मिलावट की जा रही है। ऐसे में अब आप खुद ही अंदाजा लगा सकते हैं कि आपका दूध कितना प्योर है।


ऐसे होती है दूध में मिलावट
गाय और भैंस दोनों के दूध की अपनी खासियत होती है। गर्मियों में गाय भैंसों के मुकाबले में कम दूध देती है। बावजूद इसके बाजारों में गाय का दूध गर्मियों में भी पर्याप्त मात्रा में मिलता है। दूध में सबसे ज्यादा पानी की मिलावट की जाती है। इसके बाद इसे गाढा और प्राकृतिक सफेद रंग और झाग देने के लिए डिटर्जेंट पाऊडर, कास्टिक सोडा और यूरिया मिलाए जाते हैं।

जब यह प्रक्रिया पूरी हो जाती तो अंत में इसमें न्यूट्रलाइजर मिलाया जाता है ताकि दूध में खटास पैदा न हो। जब हम इस दूध का सेवन करते हैं तो पेट के साथ ही हम मानिसक तौर पर भी कमजोर होते हैं। यह दूध सीधा हमारी आतों और लीवर को प्रभावित करता है। ऐसे मिलावटी दूध का ज्यादा समय तक सेवन करने से मौत भी हो सकती है।


असली दूध मतलब प्रोटीओमेगा
आमतौर पर बाजारों में मिलने वाले दूध में 85 फीसदी पानी और सिर्फ 15 प्रतिशत दूध की मात्रा होती है। ऐसे मिलावट खोर समय में हम आपको सलाह देंगे कि आप Dr.G wellness के प्रोटीओमेगा सप्लीमेंट को इस्मेमाल करिए। क्योंकि इसमें न्यूजीलैंड की गाय के दूध में पाए जाने वाले प्रोटीन को मिलाया गया है। इसके साथ ही इस सप्लीमेंट में प्रोटीन, ओमेगा 3, ओमेगा 6, कैल्शियम, राइबोफ्लेविन (विटामिन बी-2), फाइबर, फॉस्फोरस, आयरन, मैग्नीशियम, फैट, एनर्जी समेत कई ऐसे पोषक तत्व शामिल हैं जो हमारी मांसपेशियों और हड्डियों को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाते हैं।

सबसे बड़ी बात यह है प्रोटीओमेगा में शामिल प्रोटीन ऐंटिबॉडीज के रूप में काम करता है और हमारा शरीर में इन्फेक्शन होने से बचाता है। प्रोटीओमेगा हमारे शरीर में दूध की कमी को पूरा करता ही है साथ ही यह आजकल के भागदौड़ भरे समय में हमें आंतरिक शक्ति और ऊर्जा भी प्रदान करता है। प्रोटीओमेगा को पानी, दूध या फिर किसी भी शेक्स के मिलाकर लिया जा सकता है।

Friday, July 29, 2016

पेट की समस्या से हैं परेशान, तो आजमाएं प्रोटीओमेगा


तनाव भरा जीवन, अनियमित और दूषित खानपान के चलते पेट फूलना और कांस्टीपेशन की बीमारी होना कोई हैरानी की बात नहीं है। लेकिन गंभीर बात यह है कि पेट फूलना और कांस्टीपेशन जैसी बीमारियां अकेले नहीं बल्कि अपने साथ कई तरह की बीमारियां साथ लाती हैं। सबसे शर्मिंदगी की बात तब होती है जब आपको बीच-बीच में मजबूरन वॉशरूम जाना पड़ता है।


क्या है इसका उपाय?
अगर इंसान का पेट सही नहीं है तो उसे पूरी तरह से अस्वस्थ कहने में कोई दोराय नहीं है। क्योंकि पेट से ही सभी बीमारियों का उद्भव होता है। इसलिए जरूरी है आप स्ट्रीट फूड या फिर दूषित खानपान को जितना जल्दी हो सके छोड़ कर अपने आहार में प्रोटीन को शामिल करें। इसके लिए आप  Dr.G wellness के प्रोटीओमेगा सप्लीमेंट को इस्तेमाल कर सकते हैं।

इससे आपकी पेट से संबंधित सभी बीमारियां दूर होने के साथ ही आपका लीवर, किडनी और आंते सभी स्वस्थ रहेंगी। ऐसा इसलिए होगा क्योंकि प्रोटीओमेगा सप्लीमेंट में प्रोटीन के साथ ही ओमेगा- 3, ओमेगा- 6, आयरन, कॉर्बोहाइड्रेट, फाइबर और कई पोषक तत्व मौजूद हैं। यह सप्लीमेंट ऐसे प्राकृतिक तत्वों का मिश्रण है जो से संबंधित सभी बीमारियों के लिए रामबाण है। इसे पानी, दूध या​ फिर किसी भी शेक्स के साथ स्मूथी के तौर पर लिया जा सकता है।

बरसात में ज्यादातर होती हैं ये बीमारियां, ऐसे करें बचाव


बरसात को बीमारियों का घर कहा जाता है। बरसात आते ही साफ-सफाई और स्वच्छ जल ​के अभाव में हमारा इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है। जिसके चलते जरा सी लापरवाही बरतते ही हम बीमार पड़ जाते हैं। बरसात के मौसम में गंदे और दूषित पानी का सेवन करने से सबसे ज्यादा टाइफाइड, पीलिया, डायरिया, उल्टी, दस्त, बुखार, मलेरिया, कॉलरा और किडनी इंफेक्शन जैसी घातक बीमारी होती है। इसलिए ऐसे मौसम में जरूरी होता है कि हम अपने खानपान पर गंभीर रूप से ध्यान दें।

सावधान! कहीं आप भी तो नहीं ले रहे आर्टिफिशल स्वीटनर


अगर आप की व्यस्त जीवनशैली और अनयिमित खानपान को अपना रहे हैं तो यह आपके लिए जानलेवा साबित हो सकता है। इसलिए जरूरी है कि आप अपने आहार में साफ पानी और प्रोटीन के लिए Dr.G wellness के प्रोटीओमेगा सप्लीमेंट को शामिल करें। प्रोटीओमेगा सप्लीमेंट में प्रोटीन के साथ ही ओमेगा- 3, ओमेगा- 6, आयरन, कॉर्बोहाइड्रेट, फाइबर और कई पोषक तत्व मौजूद हैं। यह सप्लीमेंट ऐसे प्राकृतिक तत्वों का मिश्रण है जो ऐसे मौसम में बीमारियों से लड़ने में आपकी मदद करेगा और आपके लीवर को मजबूत होगा।