क्या आप भी गर्मियों में डल स्किन से परेशान हैं?

मौसम चाहे कोई भी हो लेकिन हर लड़की चाहती है कि वह हमेशा चमकती-दमकती और फ्रैश दिखें। लेकिन गर्मियों के मौसम में इसे बरकरार रखना थोड़ा सा मुश्किल हो जाता है।लेकिन आज हम आपको बताएंगे हैं कि आप कैसे खुद को हमेशा खिलाखिला रख सकती हैं।

अबॉर्शन कराना मतलब डिप्रेशन को न्यौता देना

अबॉर्शन के बाद डिप्रेशन होना शायद यह बात आपको थोड़ा अजीब जरूर लगे। लेकिन सच यह है कि अबॉर्शन और डिप्रेशन का बहुत गहरा संबंध है। अॅर्बाशन कराने के बाद अधिकतर महिलाएं डिप्रेशन और...

अस्थमा के मरीज हैं तो बारिश से रहे सावधान, जानिए क्यों?

मानसून आने में अब ज्यादा वक्त नहीं रह गया है। लेकिन इस मानसून की शुरुआती बारिश में भीगना अस्थमा के मरीजों के लिए अभिश्राप साबित हो सकता है। ऐसे मौसम में अस्थमा के मरीज इन उपायों को अपनाकर स्वस्थ रह सकते हैं।

देश का भविष्य खराब कर रहा है फास्ट फूड

आज के समय की भागदौड़ भरी जिंदगी में फास्ट फूड को लोगों की पहली पसंद कहें या मजबूरी, दोनों ही स्थितियों में यह जानलेवा है। आप यह जानकर हैरान होंगे कि फास्ट फूड हमारे देश का 'भविष्य' खराब कर रहा है।

बालों को लेकर कहीं आप भी तो नहीं कर रहे ये 5 गलतियां?

आज के समय में हर कोई बालों के झड़ने और रफ होने जैसी समस्या से परेशान रहते हैं। लेकिन अगर हकीकत देखी जाए तो अपनी इस समस्या के लिए कहीं ना कहीं हम खुद ही जिम्मेदार होते हैं।

Monday, August 1, 2016

'जंक फूड' के रूप में 'जहर' खा रहे हैं आपके बच्चे


आजकल बच्चे जंक फूड खाने के इतने आदि हो गए हैं कि उन्हें प्रोटीन युक्त खाना जहर लगता है। जबकि जंक फूड आपके बच्चों के लिए ऐसा दुश्मन बनकर सामने आया है जो उन्हें बचपन में ही बुढ़ापे में होने वाली बीमारियों के दर्शन करा देता है। जंक फूड का जरूरत से अधिक सेवन करने पर बच्चे पीलिया, जोड़ों में दर्द, याद्दाश्त कमजोर होना, फूड प्वाइजिनिंग, आखों का कमजोर होना, कम सुनाई देना और अक्सर बीमार होना जैसे जानलेवा रोगों में घेर लेता है।


इसलिए जरूरी है कि आप अपने बच्चे का मन रखने के लिए उन्हें जंक फूड खिलाने के बजाय स्वादिष्ट प्रोटीन सप्लीमेंट खिलाएं। इसके लिए आप Dr.G wellness के प्रोटीओमेगा सप्लीमेंट को इस्मेमाल कर सकते हैं। इस सप्लीमेंट की खासियत यह है कि यह जितना पौष्टिक है उतना ही स्वादिष्ट भी है। प्रोटीओमेगा का स्वाद खासतौर पर बच्चों की पंसद को ध्यान में रखकर बनाया गया है। इस सप्लीमेंट में प्रोटीन, ओमेगा 3, ओमेगा 6, कैल्शियम, फाइबर, आयरन, फैट, एनर्जी समेत कई ऐसे पोषक तत्व शामिल हैं जो बच्चों के बेहतर विकास के लिए रामबाण है। सिर्फ 5 मिनट में आप अपने बच्चे को पानी, दूध या फिर उनके मनपसंद शेक में प्रोटीओमेगा को मिलाकर देने से उन्हें जीवनभर गंभीर बीमारियों से बचा सकते हैं।

ये है आपके बच्चे के लिए प्रोटीन की सही मात्रा


अगर आप भी अपने बच्चे के लिए प्रोटीन युक्त सप्लीमेंट खरीदने के बारे में सोच रहे हैं तो प्लीज कैमिल युक्त सप्लीमेंट से सावधान रहें। बाजारों में मिलने वाले आधे से ज्यादा सप्लीमेंट में कैमिकल का प्रयोग किया जाता है। 0—13 साल की उम्र के बच्चों के बेहतर विकास के लिए प्रोटीन और पोषक तत्वों की खासी जरूरत होती है। इसलिए जब भी आप किसी सप्लीमेंट का चयन करें तो उसे अच्छी तरह भांप लें।

हम यहां आपको सलाह देंगे कि आप अपने बच्चों के बेहतर विकास और उज्जवल भविष्य के लिए Dr.G wellness के प्रोटीओमेगा सप्लीमेंट को इस्मेमाल करिए। यह सप्लीमेंट आपके के सम्पूर्ण विकास करने में पूरी मदद करेगा। ऐसा इसलिए क्योंकि प्रोटीओमेगा सप्लीमेंट में प्रोटीन, ओमेगा 3, ओमेगा 6, कैल्शियम, फाइबर, आयरन, फैट, एनर्जी समेत कई ऐसे पोषक तत्व शामिल हैं जो बच्चों के लिए रामबाण हैं। आइए हम आपको बताते हैं किस उम्र के बच्चों को ​कितनी प्रोटीन की मात्रा की जरूरत होती है।


0 से 12 महीने के बच्चों को रोजाना 9.1 ग्राम प्रोटीन की जरूरत होती है।
1 से 3 साल के बच्चों को रोजाना 13 ग्राम प्रोटीन की जरूरत होती है।
4 से 8 साल के बच्चों को रोजाना 19 ग्राम प्रोटीन की जरूरत होती है।
9 से 13 साल के बच्चों को रोजाना 34 ग्राम प्रोटीन की जरूरत होती है।

इसलिए आपके बच्चे हमेशा चिड़चिड़े रहते हैं!


आप भी सुनते रहते होंगे कि प्रोटीन और पोषक तत्व एक स्वस्थ जीवन के लिए बहुत जरूरी होते है। लेकिन क्या हम इन चीजों पर ज्यादा समय के लिए अमल कर पाते हैं? नहीं ना! इसी लापरवाही से हम बीमार पड़ते हैं और उसके बाद जब हम अपने बच्चों को प्रोटीन युक्त चीजों का सेवन करने के लिए कहते हैं तो वह उस बात को अनसुना कर चलता हो जाते हैं। 

आजकल के परिजनों को अक्सर दो तरह की शिकायतें रहती हैं— पहली यह कि उनके बच्चे जरूरत से ज्यादा जिद्दी हैं और दूसरे ये कि उनके बच्चे अपने आप में ही सिमटे रहते हैं। क्या आपने कभी यह सोचने का प्रयास किया है कि तमाम कोशिशों के बावजूद यह ​आपके साथ क्यों हो रहा है? आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में महज 5 साल के बच्चे पर भी अभिभावक काफी प्रेशर डाल देते हैं। जिसे पूरा करने के लिए बच्चों को प्रेशर की तुलना में पोषक आहार नहीं मिल पाता। ऐसी स्थिति में बच्चा या तो चिड़चिड़ा रहने लगता है और या फिर मायूस होकर अपने आप में ही खोया रहता है।


क्योंकि आजकल हर चीज में मिलावट हो रही है इसलिए यह जरूरी है कि हम सिर्फ अन्न के भरोसे अपने बच्चों को ना छोड़ कर उन्हें प्रोटीन युक्त भोजन सा सप्लीमेंट दें। इसके लिए हम आपको यहां सलाह देंगे कि आप बच्चे के बेहतर विकास के लिए Dr.G wellness के प्रोटीओमेगा सप्लीमेंट को इस्मेमाल करिए। यह सप्लीमेंट में प्रोटीन, ओमेगा 3, ओमेगा 6, कैल्शियम, फाइबर, आयरन, फैट, एनर्जी समेत कई ऐसे पोषक तत्व शामिल हैं जो हमारी मांसपेशियों में रक्त के प्रवाह को नियंत्रित रखने के साथ ही हमारा लीवर मजबूत होता।

इसके साथ ही यह सप्लीमेंट हमारे बच्चों को शारीरिक विकास के साथ ही मानसिक विकास करने में भी मदद करता है। सबसे बड़ी बात यह है कि यह सप्लीमेंट प्राकृतिक पोषक तत्वों से बना है जो बच्चों के इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है। जिससे बच्चे समय समय पर बीमार नहीं पड़ते हैं।

Sunday, July 31, 2016

#Breastfeeding : मां का दूध तय करता है बच्चे का मानसिक स्तर!


अगस्त माह का पहला सप्ताह 170 से भी अधिक देशों में #ब्रेस्टफीडिंग के तौर पर मनाया जा रहा है। हफ्तेभर तक चलने वाले इस मंसूबे को मनाने का मकसद #ब्रेस्टफीडिंग के प्रति जागरुकता फैलाना और मां के दूध की शिशुओं के लिए जरूरत पर जोर देना होता है। पहली बार ब्रेस्टफीडिंग डे 1992 में मनाया गया था। एक सर्वे के अनुसार सामने आया है कि भारत में 30 फीसदी महिलाएं अपना फिगर खराब होने और कई भ्रांतियों के चलते अपने शिशुओं को स्तनपान कराने से परहेज करती है। जबकि मेडिकल साइंस का कहना है कि शिशुओं को स्तनपान कराने से ब्रेस्ट की शेप पर कोई फर्क नहीं पड़ता है।

नाइट शिफ्ट में काम करने से पुरुषों में भी होता है ब्रेस्ट कैंसर

बल्कि इससे स्तन सुडोल होने के साथ ही मां की शारीरिक बनावट में निखार आता है। एक कहावत है कि 'मां का दूध नसीब वालों को ही मिलता है।' इस कहावत में काई दोराय नहीं है। क्योंकि मां का दूध पीने वाले बच्चे रेडिमेड दूध पीने वालों की तुलना में ना सिर्फ सारी उम्र बीमारियों से मुक्त रहते है बल्कि मां का दूध बचपन में ही बच्चे का मानसिक स्तर भी तय कर देता है।


गर्भवती हैं तो प्रोटीओमेगा को कीजिए आहार में शामिल

मां का दूध और बच्चे का दिमाग
मां का दूध पीने वाले बच्चे मानसिक तौर काफी तेज होते हैं। शुरुआती 1 साल तक सिर्फ मां का दूध पीने से बच्चों की समृति, सोचने-समझने की क्षमता, कैचिंग पॉवर और अन्य कई तरह से बच्चे दिमागी तौर पर काफी तेज होते हैं। एक नए शोध के अनुसार सामने आया है कि जिन बच्चों ने मां का दूध पीया होता है वह डिप्रेशन की बीमारी के कम शिकार होते हैं।

बच्चों के संपूर्ण विकास के लिए सिर्फ प्रोटीओमेगा

मां के दूध में पोषक तत्व
ऐसा इसलिए होता है क्योंकि बच्चा धरती पर कदम रखने के साथ ही मां के दूध के माध्यम से पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन, विटामिन, आयरन, कॉर्बोहाइड्रेट और कैल्शियम के साथ ही कई पोषक तत्वों से जुड़ जाता है। यह बच्चे के लिए एंटीबायोटिक का कार्य भी करता है। सबसे बड़ी बात यह है कि मां का दूध पीन से बच्चे कुपोषण और लकवा जैसे बीमारियों से कोसो दूर रहते हैं। जो अक्सर बच्चों को बचपन में ही घेरने का प्रयास करती है।


मां के लिए भी है फायदेमंद
मां द्वारा अपने शिशु को दूध पिलाना जितना बच्चे के लिए फायदेमंद होता है उतना ही यह मां के लिए भी होता है। इससे प्रेग्नेंसी के दौरान मां का बढ़ा हुआ कम वजन कम होता है। चिकित्सकों की माने तो शिशु को दूध पिलाने से मां की प्रतिदिन 500 कैलोरी खर्च होती है। इसके साथ ही मां ब्रेस्ट कैंसर, वजन बढ़ना, हॉर्मोंस और मेटाबॉलिक सिंड्रोम नियंत्रित रहता है। इसके साथ ही मां कई तरह की बीमारियों से मुक्त रहती है।

Saturday, July 30, 2016

बोरिक एसिड बन रहा है आपके लिए जानलेवा!


बोरिक एसिड ऐसा सूक्ष्म तत्व है जिसका प्रयोग अधिकतर पौधों और खाने की चीजों को कीड़े मकोड़ों और फंगस के प्रभाव से बचाने से लिए किया जाता है। लेकिन आजकल व्यापारी अपने माल को बचाने के लिए हर चीज में बोरिक एसिड का इस्मेमाल कर रहे हैं। व्यापारी पैसों के लालच में इतने अंधे हो जाते हैं कि उन्हें ये डर भी नहीं रहता कि बोरिड एसिड का इस्मेमाल आटे, चावल जैसे खाद्य पदार्थों में करने पर हमारी सेहत के साथ कितना बड़ा खिलवाड़ हो रहा है।


आपको अपनी सेहत के साथ खिलवाड़ करवाना है या नहीं यह सोचना आपके हाथ में है। क्यों​कि आजकल हर चीज के साथ मिलावट की जा रही है। इसलिए हम आपको यही सलाह देेंगे कि आप खुद को बीमारियों से बचाने के लिए अपने आहार में ज्यादा से ज्यादा प्रोटीन और पोषक तत्वों को इस्तेमाल करें। इसके लिए आप Dr.G wellness के प्रोटीओमेगा सप्लीमेंट का इस्मेमाल कर सकते हैं। इस सप्लीमेंट में प्रोटीन, ओमेगा 3, ओमेगा 6 के साथ ही ऐसे पोषक तत्व शामिल हैं जो आपके इम्यून सिस्टम को मजबूत करने के साथ ही आपको हर तरह की बीमारियों की चपेट में आने से बचाते हैं।

मुंह की बदबू कर रही हो शर्मिंदा तो, अपनाएं ये


आप चाहे कितने भी खूबसूरत हैं अगर आपके मुंह से बदबू आती है तो वो आपकी पर्सनेलिटी पर ऐसा धब्बा लगाती है कि सामने वाला आपके पास आने से दूर भागता है। ऐसे लोगों में आत्वविश्वास होना तो दूर ये ना तो कभी अपने पार्टनर के साथ रोमांटिक बातें कर सकते हैं और ना ही कभी आॅफिस में चार आदमियों के साथ बैठकर मीटिंग कर सकते हैं।

आमातौर पर 40 साल से ऊपर के लोगों को मुंह से बदबू आने की शिकायत रहती है, लेकिन आजकल खराब खानपान और तनाव भरा जीवन के चलते युवा भी इसका शिकार हो रहे हैं। दूषित और ज्यादा ​तला-भुना खाना खाने से गंदा तेल हमारे फेफड़ों में जमा हो जाता है और हमारा पाचन तंत्र भी ठीक से काम करना बंद देता है। जिसके चलते पेट में जमा हुआ यह खाना हमारे मुंह से बदबू के द्वारा बाहर निकलता है।


इसलिए अगर आप मुंह से आने वाली बदबू से छुटकारा पाना चाहते हैं तो सबसे पहले अपने खाने में प्रोटीन को शामिल कीजिए। इसके लिए आप Dr.G wellness के प्रोटीओमेगा सप्लीमेंट का इस्तेमाल कर सकते हैं। इस सप्लीमेंट में प्रोटीन, ओमेगा 3, ओमेगा 6, कैल्शियम, फाइबर, आयरन, फैट, एनर्जी समेत कई ऐसे पोषक तत्व शामिल हैं जो हमारे पेट और शरीर के सभी अंगों को स्वस्थ रखते हैं। जब आप स्वस्थ होंगे तो आपके मुंह से कभी बदबू नहीं आ सकती है। सिर्फ 5 मिनट में प्रोटीओमेगा को पानी, दूध या किसी भी शेक्स के साथ लेकर आप मुंह से बदबू जैसी शर्मनाक बीमारी से हमेशा के लिए छुटकारा पा सकते हैं।

8 घंटे कम्प्यूटर के आगे बैठने से होती है ये बीमारी


आजकल कम्प्यूटर के आगे बैठकर काम करना एक ट्रेंड सा हो गया है। बच्चे से लेकर बड़े तक हर कोई अपना आधे से ज्यादा वक्त कम्प्यूटर और लैप्टॉप के आगे वक्त बिताते हैं। ये तो सभी को पता होता है कि कम्प्यूटर के आगे ज्यादा देर बैठकर काम करने से हमें कई तरह की बीमारियां होती है। जिसमें सबसे पहले मोटापा आता है। लेकिन मोटापे के अलावा भी एक ऐसा रोग है जो लगभग 70 फीसदी उन लोगों में पाया जाता है जो कम्प्यूटर के आगे 8 घंटे लगातार बैठकर काम करते हैं। इस रोग को नेत्र रोग कहते हैं।


जी हां, 8 घंटे कम्प्यूटर के आगे बैठने से आंखों का कमजोर होना, आंखों के नीचे काले घेरे पड़ना, धुंधला दिखाई देना, बीच बीच में चक्कर आना और नींद ना आना आम बातें हो जाती है। ऐसी स्थिति के लिए कई चीजें जिम्मेदार होती है, जिसमें से एक हमारा खानपान भी है। अगर कोई व्यक्ति अपना खानपान हेल्दी रखता है तो कम्प्यूटर उसका कुछ नहीं बिगाड़ सकता।

अगर आप भागदौड़ और व्यस्त जिंदगी के चलते प्रोटीन और पोषक तत्वों को सेवन नहीं कर पा रहे हैं तो आप Dr.G wellness के प्रोटीओमेगा सप्लीमेंट को इस्मेमाल करिए। इस सप्लीमेंट के इस्तेमाल से आपके शरीर में हेमाग्लोबिन का स्तर सामान्य रहने के साथ ही आपके शरीर में ब्लड प्रेशर लेवल और आयरन की मात्रा भी संतुलित रहेगी।


ऐसा इसलिए क्योंकि प्रोटीओमेगा में प्रोटीन, ओमेगा 3, ओमेगा 6, कैल्शियम, फाइबर, आयरन, फैट, एनर्जी समेत कई ऐसे पोषक तत्व शामिल हैं जो हमारी मांसपेशियों में रक्त के प्रवाह को नियंत्रित रखते हैं और हमारी आंखों की रोशनी तेज होती है। सिर्फ 5 मिनट में प्रोटीओमेगा को पानी, दूध या किसी भी शेक्स के साथ लेने से आप आंखों की रोशनी तेज कर सकते हैं।

जानिए, हॉर्मोन को संतुलन रखना क्यों होता है जरूरी?


आजकल भागदौड़ भरी जिंदगी में आर्थिक दबाव, बढ़ती महंगाई और अनियमित खानपान की वजह से व्यक्ति अक्सर तनाव में रहता है। जिसके चलते उसका स्वास्थ्य बिगड़ता है और हॉर्मोन्स में अनियमितता आती है। जिसके चलते पुरुषों में सबसे पहले टेस्टोस्टेरॉन और महिलाओं में एस्ट्रोजन हॉर्मोन में अस्थिरता आने लगती है।  इसके साथ ही वजन का बढ़ना और घटना भी आम बात हो जाती है।

सावधान! कहीं आप भी तो नहीं पी रहे दूध के नाम पर 'जहर

अगर इंसान के हॉर्मोन बैलेंस नहीं है तो वह कभी स्वस्थ नहीं रह सकता है। क्योंकि हॉर्मोन का सीधा संबंध हमारी सेक्स की क्षमता, रक्त संचरण, मांसपेशियों के विकास के साथ साथ एकाग्रता, मूड और स्मृति को प्रभावित करता है। इसलिए जरूरी है कि हम ऐसी भागदौड़ भरी जिंदगी में विशेष रूप से अपने खानपान पर ध्यान रखें।


आजकल खाने से लेकर पहनने-ओड़ने तक सभी चीजों में मिलावट देखी जा रही है। इसलिए ऐसी स्थिति में जरूरी है कि आप सप्लीमेंट को इस्मेमाल करिए। जिसमे प्रोटीन, ओमेगा 3, ओमेगा 6, कैल्शियम, फाइबर, आयरन, फैट, एनर्जी समेत कई ऐसे पोषक तत्व शामिल हैं जो हमारी मांसपेशियों और हड्डियों को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाते हैं। इसके इस्तेमाल से हमारे हॉर्मोन्य बैलेंस होने के साथ ही हम तनाव रहित होते हैं।

जानिए, हॉर्मोन को संतुलन रखना क्यों होता है जरूरी?


आजकल भागदौड़ भरी जिंदगी में आर्थिक दबाव, बढ़ती महंगाई और अनियमित खानपान की वजह से व्यक्ति अक्सर तनाव में रहता है। जिसके चलते उसका स्वास्थ्य बिगड़ता है और हॉर्मोन्स में अनियमितता आती है। जिसके चलते पुरुषों में सबसे पहले टेस्टोस्टेरॉन और महिलाओं में एस्ट्रोजन हॉर्मोन में अस्थिरता आने लगती है।  इसके साथ ही वजन का बढ़ना और घटना भी आम बात हो जाती है।

सावधान! कहीं आप भी तो नहीं पी रहे दूध के नाम पर 'जहर

अगर इंसान के हॉर्मोन बैलेंस नहीं है तो वह कभी स्वस्थ नहीं रह सकता है। क्योंकि हॉर्मोन का सीधा संबंध हमारी सेक्स की क्षमता, रक्त संचरण, मांसपेशियों के विकास के साथ साथ एकाग्रता, मूड और स्मृति को प्रभावित करता है। इसलिए जरूरी है कि हम ऐसी भागदौड़ भरी जिंदगी में विशेष रूप से अपने खानपान पर ध्यान रखें।


आजकल खाने से लेकर पहनने-ओड़ने तक सभी चीजों में मिलावट देखी जा रही है। इसलिए ऐसी स्थिति में जरूरी है कि आप Dr.G wellness के प्रोटीओमेगा सप्लीमेंट को इस्मेमाल करिए। क्योंकि इसमें प्रोटीन, ओमेगा 3, ओमेगा 6, कैल्शियम, फाइबर, आयरन, फैट, एनर्जी समेत कई ऐसे पोषक तत्व शामिल हैं जो हमारी मांसपेशियों और हड्डियों को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाते हैं। इसके इस्तेमाल से हमारे हॉर्मोन्य बैलेंस होने के साथ ही हम तनाव रहित होते हैं।