क्या आप भी गर्मियों में डल स्किन से परेशान हैं?

मौसम चाहे कोई भी हो लेकिन हर लड़की चाहती है कि वह हमेशा चमकती-दमकती और फ्रैश दिखें। लेकिन गर्मियों के मौसम में इसे बरकरार रखना थोड़ा सा मुश्किल हो जाता है।लेकिन आज हम आपको बताएंगे हैं कि आप कैसे खुद को हमेशा खिलाखिला रख सकती हैं।

अबॉर्शन कराना मतलब डिप्रेशन को न्यौता देना

अबॉर्शन के बाद डिप्रेशन होना शायद यह बात आपको थोड़ा अजीब जरूर लगे। लेकिन सच यह है कि अबॉर्शन और डिप्रेशन का बहुत गहरा संबंध है। अॅर्बाशन कराने के बाद अधिकतर महिलाएं डिप्रेशन और...

अस्थमा के मरीज हैं तो बारिश से रहे सावधान, जानिए क्यों?

मानसून आने में अब ज्यादा वक्त नहीं रह गया है। लेकिन इस मानसून की शुरुआती बारिश में भीगना अस्थमा के मरीजों के लिए अभिश्राप साबित हो सकता है। ऐसे मौसम में अस्थमा के मरीज इन उपायों को अपनाकर स्वस्थ रह सकते हैं।

देश का भविष्य खराब कर रहा है फास्ट फूड

आज के समय की भागदौड़ भरी जिंदगी में फास्ट फूड को लोगों की पहली पसंद कहें या मजबूरी, दोनों ही स्थितियों में यह जानलेवा है। आप यह जानकर हैरान होंगे कि फास्ट फूड हमारे देश का 'भविष्य' खराब कर रहा है।

बालों को लेकर कहीं आप भी तो नहीं कर रहे ये 5 गलतियां?

आज के समय में हर कोई बालों के झड़ने और रफ होने जैसी समस्या से परेशान रहते हैं। लेकिन अगर हकीकत देखी जाए तो अपनी इस समस्या के लिए कहीं ना कहीं हम खुद ही जिम्मेदार होते हैं।

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Tuesday, July 26, 2016

प्रोटीन के बहकावे में 'नकली' सब्जियों से रहें सावधान


आज के हाईटैक भरे दौर में अब फलों और सब्जियों से प्रोटीन प्राप्त करने की उम्मीद रखना भी बेवकूफी है। क्यों? क्योंकि बाजारों में हरी-भरी और ताजा दिखने वाली सब्जियां या फल असल में प्राकृतिक नहीं बल्कि इन्हें जल्दी पकाने और अच्छा दिखाने के लिए इनके साथ कैमिकल इंजेक्शनों से छेड़छाड़ की जाती है।

अभी तक हम लोग सिर्फ मावे में शक्कर, बेसन में मटर का भूसा और घी में डालडा जैसे उदाहरण ही सुनते आए हैं। लेकिन यह 100 प्रतिशत सही है कि अब फलों और सब्जियों में ऑक्सीटोसिन हार्मोन का इंजेक्शन लगा कर इन्हें रातों रात आकार में बड़ा किया जाता है। हम सब देखते हैं कि बाजारों में बिना सीजन वाले फल भी काफी फ्रैश हालत में पेश किए जाते हैं। खासतौर से बेमौसमी फल, सब्जी और चटक रंग के दिखने वाले उत्पादों के साथ ऑक्सीटोसिन हार्मोन के इंजेक्शन से छेड़छाड़ की जाती है। वैसे अगर असल में देखा जाए तो यह मिलावट सब्जी या फलों के साथ नहीं बल्कि हमारी सेहत के साथ हो रही है।


ऐसे होते हैं हम बीमार
​कैमिकलों से पैदा किए हुए फल और सब्जी को हमारा लीवर जल्दी से पचा नहीं पाता है। डीडीटी और बीएचसी जैसे कीटनाशक को भी लीवर जल्दी से नहीं तोड़ पाता है। जिसके बाद ये शरीर में जमा होने लगते हैं और यहीं से पाचन तंत्र व अन्य बीमारियों की गिरफ्त में आ जाते हैं।


प्रोटीओमेगा से ग्रहण करें प्रोटीन
हम आपसे दावे के साथ कहते हैं कि Dr.G wellness का प्रोटीओमेगा सप्लीमेंट ऐसे प्राकृतिक पोषक तत्वों से बना हुआ है जिसका नियमित सेवन करने से आपको आर्टिफिशियल ​सब्जी या फलों का सेवन करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। क्योंकि प्रोटीओमेगा सप्लीमेंट में प्रचुर मात्रा में प्रोटीन और ओमेगा-3, ओमेगा-6 होने के साथ ही कॉर्बोहाइड्रेट, फाइबर, फैट, एनर्जी के साथ ही कई अन्य पोषक तत्व शामिल हैं। इन सभी तत्वों का आज के भागदौड़ भरे दौर में सेवन करना बेहद जरूरी है। इसलिए हम आपको यही सलाह देंगे कि प्रोटीन के फेर में आर्टिफिशियल सब्जी या फलों का सेवन करने से बचें और प्रोटीओमेगा का पानी, दूध या फिर किसी भी शेक्स के साथ नियमित रूप से सेवन करें। 

प्रोटीओमेगा आजमाएं, पाचन की समस्या को दूर भगाएं


अनियमित खानपान और व्यस्त जीवनशैली के चलते आज लगभग हर तीसरा व्यक्ति पाचन तंत्र से जुड़ी समस्या से परेशान है। अधेड़ उम्र के लोगों के साथ ही युवा भी पाचन की समस्या से घिरे हुए हैं। अक्सर लोगों की शिकायतें रहती हैं कि तमाम तरह के हथकंडे अपनाने के बावजूद पाचन की समस्या से निपटारा नहीं हो रहा है? वहीं,  डॉक्टरों व एक्सपर्टों का दावा है कि लगभग 80 प्रतिशत ​बीमारियों का उद्भव खराब पाचन तंत्र की वजह होता है। एक बार व्यक्ति का पाचन खराब हो गया तो वह कई तरह की बीमारियों से घिरने लगता है।


ये है पाचन का सही इलाज
अगर देखा जाए तो पाचन के मरीजों की शिकायतें काफी हद तक सही भी हैं। आज के समय में लगभग हर चीज कैमिकल से बनी हुई है। इसलिए कोई नई चीज का अनुभव करने में अक्सर लोगों के मन झिझक होती है। आज आपकी इस झिझक को खत्म करते हुए हम आपको ऐसा सप्लीमेंट बता रहें हैं जिससे पाचन संबंधी हर ​बीमारी दूर होने के साथ ही आप स्वस्थ भी रहेंगे। जी हां,  Dr.G wellness का प्रोटीओमेगा सप्लीमेंट ऐसे प्राकृतिक पोषक तत्वों से बना हुआ है जो पाचन से जुड़ी हर समस्या को जड़ से खात्मा करता है।


क्यों खास है प्रोटीओमेगा
प्रोटीओमेगा सप्लीमेंट में प्रचुर मात्रा में प्रोटीन और ओमेगा-3, ओमेगा-6 होने के साथ ही कॉर्बोहाइड्रेट, फाइबर, फैट, एनर्जी के साथ ही कई अन्य पोषक तत्व शामिल है। जो पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने के लिए हर कीमत पर मायने हैं। प्रोटीओमेगा को पानी, दूध या फिर किसी भी शेक्स के साथ लेने से लीवर, आंत और फूड पाइप से जुड़ी सभी समस्याओं का निपटारा होता है। प्रोटीओमेगा का नियमित सेवन करने से पाचन तंत्र से जुड़ी समस्याओं का निपटारा तो होता ही है साथ ही खाने को पचाना भी काफी आसान हो जाता है। 

Monday, July 25, 2016

सावधान! क्या आप जानते हैं 'जहरीली दालों' के पीछे का ये सच?

हम लोग अक्सर प्रोटीन का सेवन करने के लिए दालों को प्राथमिकता देते हैं। क्योंकि दालों में काफी मात्रा में प्रोटीन के साथ ही कई पोषक तत्व भी पाए जाते हैं। वहीं, डॉक्टर भी हमें अपने आहार में दाल को शामिल करने की सलाह देते हैं।

जहरीली दालें
क्या आपने कभी यह सोचा है कि जब भारत के कुछ हिस्सों को छोड़ कर बाकी जगह बारीश ही नहीं हो रही है और दालों की पैदावार भी कम है, फिर भी हमें कैसे औसतन दामों में अच्छी किस्म की दालें उपलब्ध हो रही है?

अगर आप यह नहीं जानते तो  इस जाल के पीछे का सच आज हम आपको बताएंगे। दरअसल, शहरों में तकनीक इतनी विकसित हो गई है कि यहां खोखली दालों के ऊपर प्राकृतिक छिल्के जैसी आर्टिफिशियल परत चढ़ाई जाती है। इतना ही नहीं दालों को फ्रैश दिखाने के लिए इनके उपर इस तरह की पॉलिश की जाती है जो एकदम प्राकृतिक लगती है।


ऐसे में जब हम इस तरह की दालों का सेवन करते हैं तो प्रोटीन मिलना तो दूर हम शारीरिक रूप से बीमार पड़ जाते हैं। कई बार इस तरह की दालें हमें गंभीर ​बीमारियों के दलदल में भी धकेल देती हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि यह मिलावट इतनी सावधानी के साथ की जाती है कि आम आदमी तो दूर कभी कभार एक बड़ा व्यापारी भी दालों के पीछे का सच जानने में धोखा खा जाता है।

क्या है प्रोटीन का सही माध्यम?
आधुनिक समय में अपनी सेहत पर ध्यान के लिए किसी के पास समय नहीं है। खासतौर से कामकाजी लोगों के पास। ऐसे में उन्हें जिस समय जो कुछ भी खाने को मिलता है वह खा लेते हैं। बिना यह सोचे समझे कि इसमें प्रोटीन शामिल है या नहीं? इस व्यस्त और भागदौड़ भरी जिंदगी में प्रोटीन का सही मात्रा में सेवन करने के लिए Dr.G Wellness का प्रोटीओमेगा सप्लीमेंट सबसे सफल और उच्च विकल्प है।

कैमिकल तत्वों से रहित इस सप्लीमेंट में प्रचुर मात्रा में प्रोटीन, ओमेगा-3, ओमेगा-6, कॉर्बोहाईड्रेट, फाइबर और कई अन्य पोषक तत्व शामिल हैं। इस सप्लीमेंट को पानी, दूध या फिर किसी भी तरह के शेक्स के साथ मिलाकर लिया जा सकता है। प्रोटीओमेगा की खासियत यह है कि यह प्रोटीन ग्रहण करने का एक ऐसा स्रोत है जो प्राकृतिक तत्वों से तो बना ही है साथ ही इसका सेवन करना भी काफी आसान है।


विशेष: हम आपसे यहां ये नहीं कह रहे हैं कि बाजारों में मिलनी वाली हर दाल नकली है। लेकिन यह भी सच है कि लगभग 60 फीसदी दालों के साथ छेड़छाड़ की जाती है। अंतत: हम आपको यही सलाह देंगे कि आप प्रोटीन के सेवन के लिए प्रोटीओमेगा का सेवन करें। सिर्फ 5 मिनट में बनने वाला प्रोटीओमेगा का शेक आपको एक स्वस्थ जीवन प्रदान करा सकता है।